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Janaki Jayanti 2025: आज रखा जाएगा जानकी जयंती व्रत, जानें पूजा विधि और महत्त्व
ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: ज्योति मेहरा
Updated Fri, 21 Feb 2025 06:40 AM IST
सार
फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जानकी जयंती के रूप में मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन माता सीता और भगवान श्रीराम की श्रद्धा पूर्वक पूजा करने से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है।
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जानकी जयंती 2025
- फोटो : Amar Ujala
Janaki Jayanti 2025 Date: आज यानी 21 फरवरी को फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है। आज का दिन जानकी जयंती के रूप में मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन राजा जनक को देवी सीता प्राप्त हुई थीं और उन्होंने उन्हें अपनी पुत्री के रूप में स्वीकार किया था। इस पर्व को सीता अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। विवाहित महिलाओं के लिए यह पर्व विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन माता सीता और भगवान श्रीराम की श्रद्धा पूर्वक पूजा करने से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है।
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जानकी जयंती कब मनाई जाएगी?
- फोटो : freepik
जानकी जयंती तिथि
दृक पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 20 फरवरी को सुबह 9:58 बजे शुरू होकर 21 फरवरी को सुबह 11:57 बजे समाप्त होगी। इसी आधार पर इस वर्ष जानकी जयंती का पर्व 21 फरवरी, शुक्रवार को मनाया जाएगा।
दृक पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 20 फरवरी को सुबह 9:58 बजे शुरू होकर 21 फरवरी को सुबह 11:57 बजे समाप्त होगी। इसी आधार पर इस वर्ष जानकी जयंती का पर्व 21 फरवरी, शुक्रवार को मनाया जाएगा।
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जानकी जयंती की पूजा विधि
- फोटो : freepik
जानकी जयंती की पूजा विधि
इस दिन माता जानकी की पूजा के लिए प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें। फिर, मंदिर या पूजा स्थल पर चौकी सजाकर उस पर लाल कपड़ा बिछाएं और श्रीराम एवं माता सीता की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद, रोली, अक्षत, पुष्प आदि अर्पित कर माता जानकी की व्रत कथा का पाठ करें। पूजन के दौरान माता जानकी के मंत्रों का जाप करें और अंत में आरती करके प्रसाद अर्पित करें।
इस दिन माता जानकी की पूजा के लिए प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें। फिर, मंदिर या पूजा स्थल पर चौकी सजाकर उस पर लाल कपड़ा बिछाएं और श्रीराम एवं माता सीता की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद, रोली, अक्षत, पुष्प आदि अर्पित कर माता जानकी की व्रत कथा का पाठ करें। पूजन के दौरान माता जानकी के मंत्रों का जाप करें और अंत में आरती करके प्रसाद अर्पित करें।
माता सीता के मंत्र
- फोटो : adobe stock
माता सीता के मंत्र
श्री सीतायै नम:
श्रीरामचन्द्राय नम:
श्री रामाय नम:
ॐ जानकीवल्लभाय नमः
श्रीसीता-रामाय नम:
श्री सीतायै नम:
श्रीरामचन्द्राय नम:
श्री रामाय नम:
ॐ जानकीवल्लभाय नमः
श्रीसीता-रामाय नम:
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जानकी जयंती का महत्व
- फोटो : adobe stock
जानकी जयंती का महत्व
हिंदू धर्म में माता सीता को देवी लक्ष्मी का अवतार माना जाता है। इस दिन माता सीता की पूजा करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। कई श्रद्धालु इस दिन व्रत रखते हैं और श्रीराम-सीता का पूजन करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत का पालन करने से अखंड सौभाग्य और पारिवारिक सुख-शांति का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): ये लेख लोक मान्यताओं पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।
हिंदू धर्म में माता सीता को देवी लक्ष्मी का अवतार माना जाता है। इस दिन माता सीता की पूजा करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। कई श्रद्धालु इस दिन व्रत रखते हैं और श्रीराम-सीता का पूजन करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत का पालन करने से अखंड सौभाग्य और पारिवारिक सुख-शांति का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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