Karwa Chauth 2024 Puja Vidhi: शारदीय नवरात्रि खत्म होते ही दशहरा और फिर करवा चौथ का पर्व मनाया जाएगा। सुहाग से जुड़ा यह दिन हर सुहागिन महिला के लिए खास होता है। इस दिन पति की लंबी उम्र और तरक्की के लिए महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं, जिसका पारण चांद निकलने पर किया जाता है। मान्यता है कि इस व्रत की शुरुआत सरगी के साथ होती है, जो सूर्योदय से लगभग 2 घंटे पहले तक खाई जाती है।
Karwa Chauth 2024: करवा चौथ पर बन रहा है शुभ संयोग, जानें कैसे करें करवा माता और चांद की पूजा
करवा चौथ 2024 तिथि
कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि- 19 अक्तूबर 2024 को शाम 06 बजकर 17 मिनट पर शुरू होगी।
तिथि का समापन- 20 अक्तूबर 2024 को दोपहर 03 बजकर 47 मिनट पर होगा।
चांद निकले का समय
पंचांग के अनुसार इस बार करवा चौथ पर पूजा का समय 20 अक्तूबर शाम 5 बजकर 46 मिनट से शुरू होगा, और शाम 7 बजकर 02 मिनट तक रहने वाला है। वहीं चंद्र उदय का समय शाम 7 बजकर 54 मिनट पर है।
करवा चौथ पूजा विधि
करवा चौथ पर सुबह ही स्नान के बाद साफ वस्त्रों को धारण करें। फिर आप साफ हाथों से घर के मंदिर की दीवार पर गेरू से फलक बनाकर करवा का चित्र बनाएं। इसके बाद सोलह श्रृंगार के साथ करवा चौथ व्रत की कथा सुनें। कथा के बाद सभी को इस दिन की शुभकामनाएं दें। इस दौरान बड़ों के पैर छुएं और आशीर्वाद प्राप्त करें।
अब शाम की पूजा के लिए थाली तैयार कर लें। आप एक चौकी पर करवा माता की तस्वीर स्थापित कर लें। फिर एक करवा चावल भरकर उसे दक्षिणा के रूप में रख दें। इस दौरान आप अपने रिवाजों के आधार पर अन्य दान के सामानों को रखें व पूजा कर लें। फिर दीया जलाएं। इसके बाद चांद निकलने के बाद चंद्रमा को अर्घ्य दें। इस दौरान सबसे पहले छलनी की सतह पर जलता हुआ दीया रखें और चंद्र दर्शन करें। फिर आप इसी छन्नी से पति का मुख देखें। इसके बाद पति के हाथों से पानी पीकर व्रत का पारण करें। अब घर के सभी बड़ो का आशीर्वाद लेकर करवा को सास या किसी सुहागिन स्त्री को दे दें, और उनके पैर छू लें।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): ये लेख लोक मान्यताओं पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।

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