Sawan 2025: प्रेम, भक्ति और हरियाली का महीना सावन कुछ दिनों में समाप्त होने वाला है। ये भगवान शिव का प्रिय माह है, जिसमें पूजा-अर्चना, पाठ, दान का फल साधक को अवश्य मिलता है। यही नहीं सावन में शिवलिंग पर केवल जल चढ़ाने से भी भोलेनाथ शीघ्र ही प्रसन्न होते हैं। पौराणिक कथा की मानें, तो सावन माह में ही भगवान शिव ने देवी पार्वती की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। यही नहीं सावन माह में शिव जी पृथ्वी पर आकर सभी भक्तों के संकटों को दूर करते हैं। चूंकि इस समय चातुर्मास होता है, इसलिए सृष्टि का संचालन भी स्वयं महादेव करते हैं। कुल मिलाकर सावन शिव भक्ति में लीन और उन्हें प्रसन्न करने का सबसे सर्वश्रेष्ठ अवसर है। हालांकि 9 अगस्त 2025 को सावन पूर्णिमा पर इसका समापन होने जा रहा है। ऐसे में आप सावन पूर्णिमा से पहले शिवलिंग पर कुछ खास चीजों को अर्पित कर सकते हैं। इसके प्रभाव से मनचाहा जीवनसाथी, व्यापार में मुनाफा और रिश्तों में समझ बढ़ती हैं। ऐसे में आइए इसके बारे में जानते हैं।
Sawan 2025: सावन खत्म होने से पहले शिवलिंग पर अर्पित करें ये चीजें, मनचाहा जीवनसाथी पाने का मिलेगा आशीर्वाद
Sawan 2025: प्रेम, भक्ति और हरियाली का महीना सावन कुछ दिनों में समाप्त होने वाला है। ये भगवान शिव का प्रिय माह है, जिसमें पूजा-अर्चना, पाठ, दान का फल साधक को अवश्य मिलता है। यही नहीं सावन में शिवलिंग पर केवल जल चढ़ाने से भी भोलेनाथ शीघ्र ही प्रसन्न होते हैं।
शिवलिंग पर चढ़ाए ये चीजें
सावन समाप्ति से पहले आप शिवलिंग पर कच्चे चावल, शमी के फूल, दूध और चीनी चढ़ा सकते हैं। यह बहुत शुभ होता है। इसके अलावा शहद, आंकड़े के फूल, घी, गेहूं, गन्ने का रस, गंगाजल, जौ और तिल अर्पित करना बेहद शुभ होता है। इससे रोग, कर्ज, तनाव, कलह दूर होती हैं। साथ ही साधक को आरोग्य का वरदान मिलता है।
मन्दाकिन्यास्तु यद्वारि सर्वपापहरं शुभम् ।
तदिदं कल्पितं देव स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम् ॥
श्रीभगवते साम्बशिवाय नमः । स्नानीयं जलं समर्पयामि।
ऐं ह्रीं श्रीं 'ऊँ नम: शिवाय:' श्रीं ह्रीं ऐं।
ऊँ हौं जूं स:
शिव जी का मूल मंत्र
ऊँ नम: शिवाय।।
भगवान शिव के प्रभावशाली मंत्र-
ओम साधो जातये नम:।। ओम वाम देवाय नम:।।
ओम अघोराय नम:।। ओम तत्पुरूषाय नम:।।
ओम ईशानाय नम:।। ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।।
रुद्र गायत्री मंत्र
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
शिव के प्रिय मंत्र-
- ॐ नमः शिवाय।
- नमो नीलकण्ठाय।
- ॐ पार्वतीपतये नमः।
- ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।
- ॐ नमो भगवते दक्षिणामूर्त्तये मह्यं मेधा प्रयच्छ स्वाहा।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों आदि पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।

कमेंट
कमेंट X