सब्सक्राइब करें

कमेंट

कमेंट X

😊अति सुंदर 😎बहुत खूब 👌अति उत्तम भाव 👍बहुत बढ़िया.. 🤩लाजवाब 🤩बेहतरीन 🙌क्या खूब कहा 😔बहुत मार्मिक 😀वाह! वाह! क्या बात है! 🤗शानदार 👌गजब 🙏छा गये आप 👏तालियां ✌शाबाश 😍जबरदस्त

Sharad Purnima 2025: आखिर क्यों खास है शरद पूर्णिमा ? जानें तिथि, मुहूर्त और महत्व

पं.मनोज कुमार द्विवेदी Published by: मेघा कुमारी Updated Sun, 05 Oct 2025 11:39 AM IST
सार

Sharad Purnima 2025: शरद पूर्णिमा का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। शरद पूर्णिमा का व्रत करने से व्यक्ति को माता लक्ष्मी के साथ साथ भगवान विष्णु की भी कृपा मिलती है। 

विज्ञापन
Sharad Purnima 2025 date and shubh muhurat know sharad purnima importance
Sharad Purnima 2025 - फोटो : अमर उजाला

Sharad Purnima 2025: शरद पूर्णिमा का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। शरद पूर्णिमा का व्रत करने से व्यक्ति को माता लक्ष्मी के साथ साथ भगवान विष्णु की भी कृपा मिलती है। इस दिन माता लक्ष्मी धरती पर भ्रमण करती हैं। इस बार पूर्णिमा तिथि दो दिन रहने वाली है। दरअसल, तिथि के घटने और बढ़ने के कारण ऐसा हुआ है। हालांकि, पूर्णिमा का व्रत और चन्द्रमा की किरणों में खीर 6 अक्तूबर सोमवार और स्नान दान 7 अक्तूबर मंगलवार को किया जाएगा। 



Sharad Purnima 2025: शुभ योग में शरद पूर्णिमा, जानें इस दिन क्या करें और क्या न करें

Trending Videos
Sharad Purnima 2025 date and shubh muhurat know sharad purnima importance
Sharad Purnima 2025 - फोटो : अमर उजाला

शरद पूर्णिमा तिथि और मुहूर्त
6 अक्तूबर सोमवार को पूर्णिमा तिथि दोपहर 12 बजकर 24 मिनट पर प्रारंभ होकर 7 अक्तूबर मंगलवार को प्रातः काल 9 बजकर 16 मिनट तक रहेगी।शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा की किरणों में खीर रखने की परंपरा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शरद पूर्णिमा की खीर में चंद्रमा की किरणों से अमृत की बूंदें गिरती हैं। इससे वह खीर औषधीय गुणों वाला हो जाती है। उस खीर को खाने से व्यक्ति को स्वास्थ्य लाभ होता है।

विज्ञापन
विज्ञापन
Sharad Purnima 2025 date and shubh muhurat know sharad purnima importance
हिंदू मान्यता के अनुसार, शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा की किरणें अमृत समान होती हैं। ये किरणें मन को शांति देती हैं और शरीर को ताजगी व ऊर्जा से भर देती हैं। - फोटो : adobe stock

शरद पूर्णिमा का क्या है महत्व
हिंदू मान्यता के अनुसार, शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा की किरणें अमृत समान होती हैं। ये किरणें मन को शांति देती हैं और शरीर को ताजगी व ऊर्जा से भर देती हैं। इस दिन चंद्र देवता, माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। खीर में चंद्रमा की अमृत किरणें पड़ने से वह विशेष स्वास्थ्यवर्धक और सौभाग्यवर्धक बन जाती है।
 

ऐसी मान्यता है कि वर्ष में सिर्फ इसी पूर्णिमा को चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से युक्त हो जाता है। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा को चंद्रमा अपनी इन्हीं संपूर्ण कलाओं की अमृत वर्षा से पृथ्वीवासियों को उत्तम स्वास्थ्य हेतु वरदान देते हैं। इसीलिए शरद पूर्णिमा के अवसर पर बनाई जाने वाली खीर चंद्रमा की धवल चांदनी में रखी जाती है। यह जनसामान्य को आरोग्य प्रदान करती है वहीं इसे त्रिदोष शामक माना जाता है। 

Sharad Purnima 2025 date and shubh muhurat know sharad purnima importance
शरद पूर्णिमा को ब्रह्म मुहूर्त में चंद्रकिरणों के बीच यदि गंगा में स्नान किया जाए तो मनुष्य के शरीर में अद्भुत रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। - फोटो : adobe

ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावण तथा भाद्रपद में शरीर में जो पित्त संचित हो जाता है उसका शरद में शमन निश्चित है। यह खीर जब संपूर्ण रात्रि अमृत किरणों को स्वयं में धारण करती हैं और वही खीर जब सुबह खाली पेट ग्रहण की जाती है तो आरोग्यवर्धक और रोग प्रतिरोधक सिद्ध होती है। खुले आकाश के नीचे शरद पूर्णिमा की रात्रि को रखी जाने वाली खीर का औषधीय साथ ही साथ वैज्ञानिक महत्व भी है।
 

खीर के संगठक तत्वों के अंतर्गत दुग्ध में विद्यमान लैक्टिक अम्ल तथा चावल का स्टार्च इन दोनों में चंद्रकिरणों की शक्ति को आधिकारिक रूप से अवशोषित करने की क्षमता होती है जिससे वह अधिक गुणवत्ता युक्त हो जाते हैं। यह भी स्वीकार किया जाता है कि शरद पूर्णिमा को ब्रह्म मुहूर्त में चंद्रकिरणों के बीच यदि गंगा में स्नान किया जाए तो मनुष्य के शरीर में अद्भुत रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है।

विज्ञापन
Sharad Purnima 2025 date and shubh muhurat know sharad purnima importance
चंद्रमा की षोडश कलाएं वस्तुत: मन की ही तो विविध दशाओं की प्रतीक हैं। - फोटो : Freepik

चंद्रमा को वेद, पुराण, ग्रंथों में मन के तुल्य स्वीकार किया जाता है‘चंद्रमा मनसो जात:’। वैदिक मनीषा में यह स्पष्टत: उल्लिखित है कि षोडश कलाओं से युक्त अमृत वर्षण करने वाले शरद चंद्र की पवित्र शीतलता मनुष्य के शरीर एवं मन दोनों को ही शीतल कर जाती है। यही कारण है कि इस रात्रि को सकारात्मकता प्रदान करने वाली तथा आरोग्यवर्धनकारी कहा गया है । ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चन्द्रमा मन,भावना और मानसिक स्थिति का कारक ग्रह है तो स्वाभाविक रूप से विचार आता है कि मनुष्य के मन की अवस्थाएं भी तो घटती बढ़ती रहती हैं। चंद्रमा की षोडश कलाएं वस्तुत: मन की ही तो विविध दशाओं की प्रतीक हैं।

विज्ञापन
अगली फोटो गैलरी देखें
सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट अमर उजाला पर पढ़ें आस्था समाचार से जुड़ी ब्रेकिंग अपडेट। आस्था जगत की अन्य खबरें जैसे पॉज़िटिव लाइफ़ फैक्ट्स,स्वास्थ्य संबंधी सभी धर्म और त्योहार आदि से संबंधित ब्रेकिंग न्यूज़।
 
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें अमर उजाला हिंदी न्यूज़ APP अपने मोबाइल पर।
Amar Ujala Android Hindi News APP Amar Ujala iOS Hindi News APP
विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed