हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को बहुत ही पवित्र और शुभ माना गया है। लगभग सभी तरह की पूजा और अनुष्ठान में तुलसी के पत्तों का प्रयोग जरूर किया जाता है। जहां एक तरफ धार्मिक नजरिए से तुलसी का पौधा अत्यंत ही पूजनीय होता है, तो वहीं इस पौधे में कई औषधीय गुणों का भंडार होता है। इसी कारण से हर घर में तुलसी का पौधा जरूर होता है। वास्तु शास्त्र के नजरिए से भी तुलसी का पौधा घर पर होने से हमेशा सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती रहती है। भगवान विष्णु समेत अन्य देवी-देवताओं को भी तुलसी के पत्ते बेहद ही प्रिय होती है। बिना तुलसी पत्र के देवी-देवताओं की पूजा अधूरी मानी जाती है। शास्त्रों में तुलसी के पौधे लगाने और इसके पत्तों को तोड़ने के कुछ नियम बताए गए हैं जिसका पालन अवश्य ही करना चाहिए।
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आस्था: तुलसी पत्र तोड़ने और पूजा में इस्तेमाल करने के क्या हैं नियम, जानें सबकुछ
धर्म डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: विनोद शुक्ला
Updated Thu, 23 Sep 2021 06:50 AM IST
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तुलसी
- फोटो : Social media
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tulsi vivah
- अगर आपके घर पर तुलसी का पौधा किसी कारणवश सूख चुका है तो इसे गमले या जमीन से निकालकर किसी पवित्र नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए। कभी भी सूख चुकी तुलसी के पौधे को कूड़ेदान में नहीं डालना चाहिए। घर पर सूख चुके तुलसी के पौधे को ज्यादा दिनों तक रखना भी नहीं चाहिए, नहीं तो घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश बढ़ जाता है।
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- तुलसी को हरिप्रिया भी कहते हैं क्योंकि भगवान विष्णु को तुलसी बहुत ही प्रिय होती है। भगवान विष्णु, श्रीकृष्ण और वीर बजरंगबली की पूजा और उनके भोग में तुलसी के पत्ते का होना बेहद ही जरूरी होता है। इन सभी देवों को तुलसी अत्यंत ही प्रिय होती है। इनको तुलसी पत्र अर्पित करने से सभी तरह के शुभफल की प्राप्ति होती है। लेकिन भगवान शंकर और भगवान गणेश की पूजा आराधना करते समय भूलकर भी इन्हें तुलसी पत्र अर्पित नहीं करना चाहिए। शास्त्रों में इसके पीछे कथा बताई गई है।
तुलसी का पौधा (प्रतीकात्मक तस्वीर)
- फोटो : Pixabay
- जब कभी भी अमावस्या या पूर्णिमा तिथि पर ग्रहण लगता है तो तुलसी का महत्व काफी बढ़ जाता है। ग्रहण में सूतककाल प्रभावी होने पर घर में रखे सभी तरह के भोजन में तुलसी के पत्ते रख दिए जाते हैं ताकि ग्रहण के बुरे प्रभाव से बचा जा सके। हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कभी भी ग्रहण के दौरान तुलसी के पत्ते न तोड़ें।
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तुलसी पौधा
- फोटो : अमर उजाला
- बिना स्नान किए कभी भी तुलसी के पौधे को नहीं छूना चाहिए और न ही बिना कारण पत्तों को तोड़ना चाहिए। इसके अलावा सूरज के डूबने के बाद कभी भी तुलसी पत्र तोड़ें।
- भगवान के भोग में तुलसी के पत्ते अवश्य डालने चाहिए। इससे देवी-देवता सभी आपकी पूजा को स्वीकार्य करते हैं और शुभ फल के प्राप्ति के लिए अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं।

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