पूजा और धार्मिक अनुष्ठानों में देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए फूलों का विशेष महत्व होता है। भगवान को भक्ति में भाव, फूल और मंत्रों का जप का विशेष प्रिय होते हैं। मान्यताओं के अनुसार देवताओं को विशेष रंग के फूल चढ़ाने से भगवान जल्दी प्रसन्न होते हैं और भक्त की हर मनोकामना पूरी करते हैं। आइए जानते हैं भगवान को चढ़ाने वाले फूल और उनके मंत्रों के जप के बारे में...
आस्था: जानें किस भगवान को कौन से फूल और मंत्र होते हैं सबसे ज्यादा प्रिय
भगवान शिव को धतूरे के फूल बहुत प्रिय होते हैं। इसके अलावा हरसिंगार, नागकेसर के सफेद पुष्प, कनेर, आक, कुश आदि के फूल भी भगवान शिव को चढ़ाने का विधान है। लेकिन कभी भी भगवान शिवजी को केवड़े का फूल और तुलसी दल ना चढ़ाएं।
शिव मूल मंत्र-
ॐ नमः शिवाय॥
महामृत्युंजय मंत्र-
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनानत् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
विष्णुजी का प्रिय फूल और मंत्र
भगवान विष्णु को कमल, जूही, कदम्ब, केवड़ा, चमेली, चंपा, वैजयंती के पुष्प विशेष प्रिय होते हैं। इसके अलावा भगवान विष्णु को तुलसी दल चढ़ाने से अति शीघ्र प्रसन्न होते हैं। कार्तिक मास में भगवान नारायण केतकी के फूलों से पूजा करने से विशेष रूप से प्रसन्न होते है।
मंत्र- 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय'
गणेशजी का प्रिय फूल और मंत्र
भगवान गणेश जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता हैं। गणेशजी को दूर्वा जिसे घास भी कहते हैं बहुत ही प्रियहोती है। उन्हें कोई भी लाल रंग का फूल चढ़ा सकते हैं। लेकिन गणेशजी को तुलसीदल नहीं चढ़ाना चाहिए।
मंत्र-
वक्रतुण्ड महाकाय कोटिसूर्य समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरू मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।।
सूर्य भगवान का प्रिय फूल और मंत्र
भगवान सूर्य सभी ग्रहों के राजा है। भगवान सूर्य को आक का फूल और जल सबसे ज्यादा प्रिय है। भगवान शिव को धतूरा और अपराजिता के फूल नहीं चढ़ाने चाहिए।
मंत्र-
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः।

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