Chaturmas 2025: सनातन परंपरा में किसी भी शुभ या मांगलिक कार्य जैसे सगाई, विवाह या गृह प्रवेश आदि की शुरुआत से पहले शुभ तिथि और मुहूर्त देखना अनिवार्य माना जाता है। खासतौर पर गुरु और शुक्र ग्रह की स्थिति को महत्व दिया जाता है, क्योंकि ये ग्रह वैवाहिक जीवन, ज्ञान और समृद्धि के कारक होते हैं। यदि इनमें से कोई भी ग्रह अस्त (अशक्त) हो जाए, तो ऐसे कार्यों पर रोक लग जाती है।
Shadi Muhurat After Chaturmas: चातुर्मास के बाद कब से शुरू होंगे शादी के मुहूर्त, कब बजेगी शहनाई
Shubh Muhurat After Chaturmas: सनातन धर्म में किसी भी शुभ या मांगलिक कार्य की शुरुआत करने से पहले शुभ मुहूर्त और तिथि का ध्यान रखना बहुत जरूरी माना जाता है। शादी, सगाई जैसे अवसरों के लिए विशेष रूप से गुरु और शुक्र ग्रह की स्थिति को देखा जाता है, क्योंकि ये ग्रह वैवाहिक जीवन और सुख-समृद्धि के प्रतीक माने जाते हैं। इनके अनुकूल रहने पर ही शुभ कार्यों को शुरू करना श्रेष्ठ माना जाता है।
चातुर्मास की शुरुआत और गुरु उदय के बावजूद क्यों नहीं होंगे शुभ कार्य?
इस साल 9 जुलाई 2025 को भले ही गुरु ग्रह पुनः उदय हो जाएंगे, लेकिन उससे पहले ही 6 जुलाई को देवशयनी एकादशी के साथ चातुर्मास की शुरुआत हो जाएगी। चातुर्मास वह विशेष अवधि होती है जब भगवान विष्णु क्षीर सागर में योगनिद्रा में चले जाते हैं, और इस दौरान सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है।
1 नवंबर 2025 को देवउठनी एकादशी तक यह अवधि चलेगी, और तब तक विवाह, सगाई, गृहप्रवेश, वधू-प्रवेश, मुंडन, मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा और यज्ञोपवीत संस्कार जैसे कार्य नहीं किए जाएंगे। चातुर्मास में धार्मिक साधना, व्रत, दान और तप को प्राथमिकता दी जाती है, जबकि सभी शुभ और सामाजिक आयोजनों को विराम दिया जाता है।
चातुर्मास के बाद आखिरी दो महीनों में मिलेंगे ये शुभ विवाह मुहूर्त
चातुर्मास की समाप्ति के बाद एक बार फिर मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाएगी। 2 नवंबर 2025 से शुभ मुहूर्तों में विवाह, सगाई और अन्य धार्मिक आयोजन किए जा सकेंगे। अगर आप साल 2025 के अंत में शादी करने की योजना बना रहे हैं, तो नवंबर और दिसंबर में कई उत्तम तिथियां उपलब्ध हैं।
नवंबर 2025 में विवाह के लिए शुभ तिथियां
2, 3, 6, 8, 12, 13, 16, 17, 18, 21, 22, 23, 25 और 30 नवंबर। इन सभी दिनों में विवाह जैसे शुभ कार्य किए जा सकते हैं।
दिसंबर 2025 के विवाह मुहूर्त
4, 5 और 6 दिसंबर को विवाह के लिए उत्तम योग बन रहे हैं। ये दिन विवाह आयोजन के लिए बेहद अनुकूल माने जा रहे हैं।
चातुर्मास में किन शुभ कार्यों की अनुमति है?
- हालांकि चातुर्मास के दौरान विवाह, सगाई, गृहप्रवेश जैसे मांगलिक कार्यों पर पूर्ण विराम लग जाता है, लेकिन कुछ शुभ काम ऐसे भी हैं जिन्हें इस अवधि में किया जा सकता है। बस पंचक काल का विशेष ध्यान रखना जरूरी होता है।
- अगर किसी के घर का निर्माण पहले से शुरू हो चुका है, तो उसे चातुर्मास में रोकना अनिवार्य नहीं है, कार्य जारी रखा जा सकता है। हालांकि, घर की छत डालने से पहले यह जरूर जांच लें कि पंचक न हो।
- इस समय आप नए गहनों या वाहन की खरीदारी कर सकते हैं। घर का रेनोवेशन (मरम्मत या सजावट) भी इस दौरान किया जा सकता है। पूजा-पाठ, धार्मिक अनुष्ठान और व्रत करना न केवल उचित, बल्कि फलदायक माना जाता है।
- साथ ही, तीर्थ यात्रा के लिए भी चातुर्मास का समय बेहद शुभ होता है, क्योंकि यह काल आध्यात्मिक उन्नति और भक्ति के लिए आदर्श माना गया है।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों आदि पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।

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