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Pradosh Vrat 2025 Date: कब है दिसंबर माह का पहला प्रदोष व्रत? यहां जानें शुभ मुहूर्त एवं योग

धर्म डेस्क, अमर उजाला Published by: श्वेता सिंह Updated Fri, 21 Nov 2025 12:12 AM IST
सार

December Month Pradosh Vrat 2025: जानिए अगहन माह के पहले प्रदोष व्रत 2025 की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि। इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की विशेष आराधना और जलाभिषेक का महत्व।

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Bhaum Pradosh Vrat 2025 Exact Date Shubh Muhurat Puja Vidhi Significance & Yog
हर महीने की कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि भगवान शिव को समर्पित होती है - फोटो : amar ujala

Bhaum Pradosh Vrat 2025: हर महीने की कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि भगवान शिव को समर्पित होती है, और इसी दिन विशेष रूप से प्रदोष व्रत का पालन किया जाता है। यह व्रत न केवल भगवान शिव और देवी पार्वती की आराधना का अवसर प्रदान करता है, बल्कि भक्तगण अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए भी इसे करते हैं। प्रदोष व्रत का महत्व इस बात में है कि इसे रखने से व्यक्ति मानसिक और आध्यात्मिक शांति अनुभव करता है और जीवन की कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है।
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इस शुभ अवसर पर मंदिरों में महादेव की विशेष पूजा का आयोजन होता है। भक्तगण इस दिन भगवान शिव का गंगाजल और दूध से जलाभिषेक करते हैं, साथ ही विभिन्न प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान और मंत्रों का जाप कर उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। यह दिन भक्तों के लिए अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है। आइए, अब जानते हैं अगहन माह के पहले प्रदोष व्रत की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में, ताकि इस अवसर का पूरा लाभ प्राप्त किया जा सके।
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Bhaum Pradosh Vrat 2025 Exact Date Shubh Muhurat Puja Vidhi Significance & Yog
गहन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 02 दिसंबर 2025 को दोपहर 03:57 बजे से शुरू होगी - फोटो : freepik.com

प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, अगहन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 02 दिसंबर 2025 को दोपहर 03:57 बजे से शुरू होगी और 03 दिसंबर को दोपहर 12:25 बजे तक रहेगी। इस तिथि के दौरान प्रदोष काल में भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। इस बार 02 दिसंबर 2025 को प्रदोष व्रत रखा जाएगा। प्रदोष काल शाम 05:33 बजे से 08:15 बजे तक रहेगा। इस समय भक्तगण भगवान शिव और मां पार्वती की आराधना कर सकते हैं। साधक अपनी सुविधा अनुसार इस दौरान पूजा और अर्चना कर सकते हैं।

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Bhaum Pradosh Vrat 2025 Exact Date Shubh Muhurat Puja Vidhi Significance & Yog
शुभ योग - फोटो : freepik.com

शुभ योग

  • सर्वार्थ सिद्धि योग
  • रवि योग
  • अमृत सिद्धि योग

साथ ही इस दिन अश्विनी नक्षत्र का संयोग भी है। इन योगों में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से सभी प्रकार के सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और साधक जीवन की कठिनाइयों व संकटों से भी मुक्ति पाते हैं।

Bhaum Pradosh Vrat 2025 Exact Date Shubh Muhurat Puja Vidhi Significance & Yog
पंचांग विवरण - फोटो : adobe stock

पंचांग विवरण

  • सूर्योदय: प्रातः 06:59 बजे
  • सूर्यास्त: सायं 05:33 बजे
  • ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 05:12 से 06:06 बजे तक
  • विजय मुहूर्त: दोपहर 02:02 से 03:17 बजे तक
  • गोधूलि मुहूर्त: सायं 06:25 से 07:44 बजे तक
  • निशिता मुहूर्त: रात्रि11:50 से 12:44 बजे तक
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Bhaum Pradosh Vrat 2025 Exact Date Shubh Muhurat Puja Vidhi Significance & Yog
शास्त्रों में कहा गया है कि इस व्रत के प्रभाव से आपके शत्रु परास्त हो जाते हैं और उनके प्रयास निष्फल साबित होते हैं। - फोटो : adobe stock

इस व्रत का धार्मिक महत्व

भौम प्रदोष व्रत को करने का अत्यंत धार्मिक महत्व माना जाता है। ऐसा विश्वास है कि इस व्रत को रखने से गोदान करने जितना पुण्य प्राप्त होता है। इस दिन भगवान शिव की भक्ति और आराधना करने से उनकी असीम कृपा साधक पर बनी रहती है। इस व्रत को नियमित रूप से करने वाले व्यक्ति को मृत्यु के पश्चात उत्तम लोक की प्राप्ति होती है और सांसारिक जीवन में भी वह निरोग और स्वस्थ बना रहता है। इसके अलावा, इस व्रत को करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। शास्त्रों में कहा गया है कि इस व्रत के प्रभाव से आपके शत्रु परास्त हो जाते हैं और उनके प्रयास निष्फल साबित होते हैं। साथ ही, जो जातक संतान प्राप्ति के लिए प्रयासरत हैं, उनके लिए यह व्रत विशेष रूप से फलदायी माना जाता है।



डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों आदि पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।

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