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Mokshada Ekadashi 2025: मोक्षदा एकादशी व्रत के दौरान क्या खाएं और क्या न खाएं, जानें आहार और नियम
धर्म डेस्क, अमर उजाला
Published by: श्वेता सिंह
Updated Fri, 21 Nov 2025 10:20 AM IST
सार
Mokshada Ekadashi 2025: जानिए 1 दिसंबर को होने वाले इस पवित्र व्रत का महत्व, क्या खाएं और क्या न खाएं, व्रत के सही नियम और भगवान विष्णु की भक्ति से मोक्ष की प्राप्ति कैसे होती है।
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मोक्षदा एकादशी व्रत नियम
- फोटो : amar ujala
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व्रत के दौरान क्या खाएं?
व्रत के दौरान क्या खाएं?
- इस पवित्र दिन आप सभी प्रकार के ताजे फल खा सकते हैं, जैसे केला, सेब, संतरा, अंगूर आदि। फलाहार व्रत में फल ऊर्जा और ताजगी का अच्छा स्रोत हैं।
- दूध, दही, पनीर और छाछ का सेवन किया जा सकता है। ये सात्विक और पाचन के लिए लाभकारी माने जाते हैं।
- आलू, शकरकंद, अरबी और सिंघाड़े के आटे से बनी चीजें व्रत के दौरान खा सकते हैं। ये आसानी से पचने वाले और ऊर्जा देने वाले खाद्य पदार्थ हैं।
- कुट्टू का आटा, सिंघाड़े का आटा, साबूदाना और राजगिरा का उपयोग व्रत में किया जा सकता है। इनसे हल्के और पौष्टिक व्यंजन बनाए जा सकते हैं।
- सात्विक सब्जियों का सेवन करें, जैसे टमाटर, गाजर, लौकी, ककड़ी आदि। ये शरीर को हल्का और ऊर्जा प्रदान करते हैं।
- फलाहार में सेंधा नमक, काली मिर्च, अदरक और हरी मिर्च का प्रयोग किया जा सकता है।
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व्रत के दौरान क्या न खाएं?
- फोटो : Freepik.com
व्रत के दौरान क्या न खाएं?
- चावल, गेहूं, दालें और सामान्य नमक का सेवन व्रत के दिन नहीं करना चाहिए।
- लहसुन, प्याज, मांस, मछली, अंडा, मदिरा और अन्य तामसिक भोजन से दूर रहें।
- हल्दी, हींग, राई, मेथी दाना और भारी मसालों का उपयोग व्रत में नहीं करें।
- एकादशी के दिन बासी या दोबारा गर्म किया हुआ भोजन नहीं खाएं।
- दिन में दो बार भोजन करने से बचें। यदि संभव हो तो केवल फलाहार व्रत करें।
मोक्षदा एकादशी व्रत के नियम
- फोटो : अमर उजाला।
मोक्षदा एकादशी व्रत के नियम
- दशमी के दिन सात्विक भोजन करें और चावल, जौ आदि अनाज का सेवन न करें।
- एकादशी की सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
- भगवान विष्णु और श्री कृष्ण की पूजा करके व्रत का संकल्प लें।
- “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें।
- गीता जयंती के अवसर पर श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ अवश्य करें।
- संभव हो तो रात में जागकर भजन-कीर्तन करें।
- द्वादशी तिथि के सूर्योदय के बाद ही व्रत का पारण करें।
- पारण से पहले ब्राह्मण, गरीब या जरूरतमंद को भोजन कराएं और दान दें।
- भोजन ग्रहण करने से पहले पारण अवश्य करें।
- पारण द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले करना अनिवार्य है।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों आदि पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।

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