Paush Month 2025 Start Date: हिंदू पंचांग में पौष मास को वर्ष का दसवां माह माना गया है। यह महीना मार्गशीर्ष के बाद आता है और इसके समाप्त होते ही माघ माह का आगमन होता है। जब सूर्य देव अपनी चाल बदलते हुए धनु राशि में प्रवेश करते हैं, तभी से पौष मास की शुरुआत मान ली जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह समय तप, दान, ब्रह्मचर्य, उपवास और सूर्य की उपासना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं कि वर्ष 2025 में पौष माह कब आरंभ होगा और इस महीने में किन नियमों का पालन करना चाहिए।
Paush Month 2025: दिसंबर में कब से शुरू होगा पौष माह, जानिए इसमें क्या करें क्या नहीं
Paush Month 2025 Start Date: हिंदू पंचांग में पौष मास को वर्ष का दसवां माह माना गया है। यह महीना मार्गशीर्ष के बाद आता है और इसके समाप्त होते ही माघ माह का आगमन होता है। आइए जानते हैं कि वर्ष 2025 में पौष माह कब आरंभ होगा और इस महीने में किन नियमों का पालन करना चाहिए।
2025 में पौष माह कब प्रारंभ होगा?
वर्ष 2025 में पौष मास का आरंभ शुक्रवार, 5 दिसंबर 2025 को होने वाला है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह दिन पौष कृष्ण पक्ष की शुरुआत का प्रतीक माना जाएगा। यह महीना लगभग एक महीने तक चलेगा और इसका समापन शनिवार, 3 जनवरी 2026 को पौष पूर्णिमा के साथ होगा। पौष पूर्णिमा के दिन इस महीने का धार्मिक प्रभाव सबसे अधिक माना जाता है, इसलिए लोग इस अवसर पर स्नान, पूजा और दान जैसे शुभ कार्य करते हैं।
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पौष मास में क्या करना शुभ है?
पौष मास का प्रत्येक दिन आध्यात्मिक साधना के लिए बेहद शुभ माना गया है। सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद तांबे के पात्र में जल भरकर उसमें लाल चंदन और लाल पुष्प डालकर सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए। इससे व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। रविवार के दिन व्रत रखने की भी विशेष मान्यता है, और इस व्रत का पारण सांयकाल मीठे भोजन के साथ किया जाता है।
पौष मास में किन कार्यों से बचना चाहिए?
पौष मास को कई स्थानों पर खरमास के नाम से भी जाना जाता है। इस अवधि में सूर्य धनु राशि में रहते हैं, जिसके कारण विवाह, गृह प्रवेश, जनेऊ, मुंडन जैसे मांगलिक कार्यों को शुभ नहीं माना जाता। मान्यता है कि इस समय किए गए शुभ कार्य अपेक्षित फल नहीं देते।
इसके अतिरिक्त इस महीने में नमक का कम सेवन करना हितकारी बताया गया है और कुछ लोग इसे पूरी तरह छोड़ने की सलाह भी देते हैं। मांसाहारी भोजन खाना वर्जित माना जाता है। मूली, बैंगन, उड़द और मसूर की दाल, फूलगोभी, तला हुआ भोजन और अधिक चीनी का सेवन भी नहीं करना चाहिए। संयमित खान–पान और साधना से ही पौष मास का वास्तविक लाभ प्राप्त होता है।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों आदि पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।