हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद की पूर्णिमा से पितृपक्ष आरंभ हो जाता है और आश्विन मास की अमावस्या पर समापन होता है। 16 दिनों तक चलने वाले पितृपक्ष में पितरों का तर्पण श्राद्ध और पिंडदान आदि अनुष्ठान किए जाते हैं। इस दौरान पितरों को तृप्त करने के लिए दान और श्राद्ध करने की परंपरा है। इस समय 20 सितंबर से पितृपक्ष चल रहा है इसका समापन अश्विन मास की अमावस्या 06 अक्टूबर को होगा। ये माना जाता है कि पितृपक्ष में हमारे पूर्वज पितृ लोक से धरती पर विचरण करते हैं और कई माध्यमों से हमें अच्छे और बुरे का संकेत भी देते हैं। इन्हीं में से एक संकेत होता है सपने में पितर दिखाई देना। तो आइए जानते हैं कि पितृपक्ष के दौरान सपने में पितरों के दिखाई देने का क्या मतलब होता है।
Pitru Paksha 2021: चल रहा है पितृपक्ष, जानिए इस दौरान सपने में पितरों के दिखने का क्या होता है मतलब
यदि आपको सपने में आपके पूर्वज दिखाई देते हैं और वे शांत मुद्रा में खड़े हुए हैं। यह इस बात का संकेत है कि वे आपसे संतुष्ट हैं और जल्दी ही आपकों किसी शुभ समाचार की प्राप्ति हो सकती है।
यदि आप सपने में आप अपने पूर्वजों को स्वयं के बहुत करीब देखते या महसूस करते हैं तो इसका मतलब यह माना जाता है कि अभी भी वे परिवार के मोह को नहीं छोड़ पाए हैं। इसके लिए के नाम से अमावस्या को धूप दिखानी चाहिए साथ ही आत्मा शांति के लिए अनुष्ठान करवाना चाहिए। इसके अलावा गाय को रोटी खिलाना चाहिए।
यदि श्राद्ध पक्ष के दौरान आपके सपने में पूर्वज प्रसन्न मुद्रा में या आशीर्वाद देते हुए दिखाई देते हैं तो इसका मतलब यह माना जाता है कि आपके पूर्वज आपसे खुश हैं और आपके श्राद्ध को स्वीकार कर लिया है।
यदि आपको सपने में बार-बार पितर दिखाई देते हैं तो माना जाता है कि उनकी कोई इच्छा अधूरी रह गई है और वे आपको कुछ बताना चाहते हैं। ऐसे में आपको अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पाठ करवाना चाहिए और उनके नाम से दान करना चाहिए।

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