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Sharad Purnima 2020: शरद पूर्णिमा आज, जानिए इस रात लक्ष्मी पूजन और खीर रखने की परंपरा क्यों

धर्म डेस्क, अमर उजाला Published by: विनोद शुक्ला Updated Fri, 30 Oct 2020 06:32 AM IST
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sharad purnima festival 30 october 2020 tradition of kheer and laxmi pujan on sharad purnima
sharad purnima 2020
sharad purnima 2020:30 अक्तूबर शुक्रवार को शरद पूर्णिमा है। हिंदू धर्म में हर महीने आने वाली पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है। इन सभी में शरद पूर्णिमा का स्थान सर्वश्रेष्ठ माना गया है। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है और अपनी किरणों से अमृत की बूंदे पृथ्वी पर गिराते हैं। शरद पूर्णिमा की रात को खुले आसमान के नीचे चावल का खीर रखा जाता है। इसके अलावा शरद पूर्णिमा की रात को देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर आती हैं और घर-घर जाकर यह देखती हैं कि कौन रात को जग रहा है। इस कारण इसे कोजागरी पूर्णिमा भी कहते हैं। कोजागरी का अर्थ होता है कि कौन-कौन जाग रहा है।


Sharad Purnima 2020: शरद पूर्णिमा का अद्भुत संयोग, राशिनुसार जानें उपाय और मंत्र जो आपके लिए रहेगा शुभ
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शरद पूर्णिमा पर खीर का महत्व
शरद पूर्णिमा को आश्विन पूर्णिमा भी कहते हैं। शास्त्रों के अनुसार शरद पूर्णिमा की तिथि पर चंद्रमा पृथ्वी के सबसे नजदीक रहता है और रात को चंद्रमा की किरणों में औषधीय गुण की मात्रा सबसे ज्यादा होती है जो मनुष्य को तरह बीमारियों से छुटकारा पाने में मदद होती है। चंद्रमा की किरणों में औषधीय गुण होने के कारण शरद पूर्णिमा की रात को खीर बनाकर उसे खुले आसमान के नीचे रखा जाता है। रात भर खीर में चंद्रमा की किरणें पड़ने के कारण खीर में चंद्रमा की औषधीय गुण आ जाती हैं। फिर अगले दिन खीर खाने से सेहत पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

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शरद पूर्णिमा 2020

भगवान कृष्ण शरद पूर्णिमा पर गोपियों संग रचाते हैं महारास
ऐसी मान्यता है कि भगवान कृष्ण शरद पूर्णिमा की तिथि पर ही वृंदावन में सभी गोपियों संग महारास रचाया था। इस वजह भी शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व है। शरद पूर्णिमा के दिन मथुरा और वृंदावन सहित देश के कई कृष्ण मंदिरों में विशेष आयोजन किए जाते हैं।

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शरद पूर्णिमा 2020

शरद पूर्णिमा पर देवी लक्ष्मी का पृथ्वी आगमन
मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की तिथि पर देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करने आती हैं और घर-घर जाकर भक्तों को आशीर्वाद देती हैं। शरद पूर्णिमा की तिथि पर माता लक्ष्मी की विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। शरद पूर्णिमा पर रात भर जागकर माता की स्तुति की जाती है। शरद पूर्णिमा पर माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए कई तरह के उपाय किए जाते हैं जिसमें देवी लक्ष्मी का प्रिय भोग और वस्तुएं अर्पित करते हैं। शरद पूर्णिमा पर देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए कमल गट्टे की माला से इस मंत्र का जाप करना चाहिए। मंत्र- ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मयै नम:।
शास्त्रों में इसे कोजागर व्रत यानी कौन जाग रहा है व्रत भी कहते हैं। इसदिन की लक्ष्मी पूजा सभी कर्जों से मुक्ति दिलाती हैं इसीलिए इसे कर्जमुक्ति पूर्णिमा भी इसी लिए कहते हैं। इस रात्रि को श्रीसूक्त का पाठ,कनकधारा स्तोत्र ,विष्णु सहस्त्र नाम का जाप करना चाहिए।

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