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Vaishakh amavasya 2021: मई में इस दिन है अमावस्या, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

धर्म डेस्क, अमर उजाला Published by: Shashi Shashi Updated Sun, 09 May 2021 12:45 PM IST
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Vaishakh amavasya 2021 know the date timing importance and puja vidhi of bhomvati amavasya
वैशाख अमावस्या 2021 - फोटो : प्रयागराज

हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह में कृष्ण पक्ष की आखिरी तिथि को जब चंद्रमा घटते-घटते पूरी तरह से दिखाई नहीं देता है, उस तिथि को अमावस्या कहते हैं। इस प्रकार से हर माह अमावस्या आती है। वैशाख माह हिंदू वर्ष का दूसरा महीना होता है। इस बार वैशाख मास की अमावस्या तिथि 12 मई मंगलवार को पड़ रही है। मंगल को भौम भी कहा जाता है, इसलिए यह अमावस्या भौमवती अमावस्या कहलाएगी। अमावस्या तिथि को दान, स्नान पितृ तर्पण और कालसर्प निवारण आदि के लिए बहुत उत्तम माना जाता है। जानते हैं वैशाख अमावस्या का महत्व, शुभू मुहूर्त और इस दिन क्या करना रहेगा शुभ।

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वैशाख अमावस्या 2021 - फोटो : प्रयागराज

वैशाख अमावस्या तिथि आरंभ और समाप्त
वैशाख अमावस्या तिथि आरंभ- 10 मई 2021 रात 09 बजकर 55 मिनट पर
वैशाख अमावस्या तिथि समाप्त- 11 मई  को राज 12 बजकर 29 मिनट पर, यानि 12 मई की तिथि लग जाएगी।

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वैशाख अमावस्या 2021 - फोटो : प्रयागराज

वैशाख अमावस्या का महत्व
वैशाख माह की अमावस्या का विशेष महत्व माना गया है। शास्त्रों के अनुसार वैशाख अमावस्या पितरों को मोक्ष दिलाने वाली कही गई है। धर्म-कर्म और पितरों के तर्पण के लिए यह दिन बहुत ही श्रेष्ठ रहता है। इस दिन किसी पवित्र नदी या सरोवर में स्नान करना बहुत पुण्यकारी माना जाता है साथ ही पितरों के निमित्त दान करने से उनका आशीर्वाद बना रहता है।  

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वैशाख अमावस्या 2021

अमावस्या तिथि पर क्या करें

  • वैशाख अमावस्या को ब्रह्म मुहूर्त में किसी पवित्र नदी या सरोवर पर जाकर स्नान करें। 
  • स्नान के पश्चात सूर्य देव को अर्घ्य दें और बहते जल में तिल प्रवाहित करें।
  • इसके बाद अपने पितरों के निमित्त तर्पण और जरूरतमंदों को अपनी क्षमतानुसार दान दें।
  • यदि हो सके तो इस दिन उपवास भी करें।
  • वैशाख अमावस्या को शनि जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। इसलिए इस दिन शनिदेव का पूजन भी करें।
  • शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए तिल, सरसों का तेल आदि चीजें अर्पित करें।
  • अमावस्या तिथि पर स्नान करने के बाद प्रातःकाल में पीपल के वृक्ष में जल अर्पित करें और संध्याकाल में दीपक प्रज्वलित करें।
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