विवाह पंचमी 2019: विवाह पंचमी आज, जानें इस शुभ तिथि का महत्व एवं राम-सीता विवाह विधि
इधर जनक जी चिंतित होकर घोषणा की लगता है यह पृथ्वी वीरों से विहीन हो गयी है , तभी मुनि विश्वामित्र ने राम को शिव धनुष भंग करने का आदेश दिया। राम जी ने मुनि विश्वामित्र जी की आज्ञा मानकर शिव जी की मन ही मन स्तुति कर शिव धनुष को एक ही बार में भंग कर दिया।
उसके उपरान्त राजा जनक ने सीता का विवाह बड़े उत्साह एवं धूम धाम के साथ राम जी से कर दिया। साथ ही दशरथ के तीन पुत्रों भरत के साथ माध्वी, लक्ष्मण के साथ उर्मिला एवं शत्रुघ्न जी के साथ सुतकीर्ति का विवाह भी बड़े हर्ष एवं धूम धाम के साथ कर दिया।
मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी को भगवान राम ने माता सीता के साथ विवाह किया था. श्रीराम विवाहोत्सव के रूप में मनाई जाने वाली इस तिथि को विवाह पंचमी भी कहते हैं. भगवान राम को चेतना और माता सीता को प्रकृति शक्ति का प्रतीक माना जाता है. चेतना और प्रकृति के मिलन की वजह से ही यह दिन महत्वपूर्ण हो जाता है. इस दिन भगवान राम और माता सीता का विवाह करवाने का भी बड़ा महत्व है. इस साल विवाह पंचमी 1 दिसंबर को मनाई जाएगी।
- विवाह पंचमी पर उपाय करने से शादी में आने वाली अड़चनें दूर हो जाती हैं।
- मनचाहे वर-वधु के लिए विवाह पंचमी पर उपासना की जाती है।
- वैवाहिक जीवन या घरेलू कलह का अंत भी हो जाता है।
- इस दिन बालकाण्ड में भगवान राम और सीता जी के विवाह प्रसंग का पाठ करना शुभ होता है।
- इस दिन सम्पूर्ण रामचरितमानस का पाठ करने से भी पारिवारिक जीवन सुखमय होता है।
इस विधि से करवाएं राम-सीता का विवाह
- सुबह स्नान करके श्री राम विवाह का संकल्प लें।
- स्नान करके विवाह के कार्यक्रम का आरम्भ करें।
- श्रीराम और माता सीता की प्रतिकृति की स्थापना करें।
- भगवान राम को पीले और माता सीता को लाल वस्त्र अर्पित करें।
- इनके समक्ष बालकाण्ड में विवाह प्रसंग का पाठ करें।

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