सब्सक्राइब करें

UP: 'शर्म नहीं आती लड़कों संग खेलती हो क्रिकेट...' आज वही दे रहे बधाई, राधा यादव के संघर्ष और सफलता की कहानी

अंकुर शुक्ला, संवाद न्यूज एजेंसी, जौनपुर। Published by: प्रगति चंद Updated Tue, 04 Nov 2025 12:40 PM IST
सार

भारतीय महिला क्रिकेट की विजेता टीम में शामिल रहीं राधा यादव की जीत पर उनके गांव में जश्न का माहौल है। इसी बीच राधा यादव के पिता ने फोन पर बातचीत के दौरान बताया कि ये वही लोग हैं जो पहले ताना मारते थे कि शर्म नहीं आती लड़कों के साथ क्रिकेट खेलने भेजते हो।

विज्ञापन
Cricketer Radha Yadav struggle and success story member of world-winning Indian women cricket team
Cricketer Radha Yadav - फोटो : अमर उजाला

विश्व कप के फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को हराकर भारतीय महिला क्रिकेट टीम विजेता बनी है। फाइनल में भारत को जीत दिलाने वाली बाएं हाथ की स्पिन गेंदबाज राधा यादव जिले के अजोशी गांव की रहने वाली हैं। फोन पर हुई बातचीत में राधा के पिता ओम प्रकाश यादव ने बताया कि फुटपाथ पर पाव, बीड़ी और दूध बेचकर बेटियों को आगे बढ़ाया। आज वही लोग मिठाई मांग रहे और बांट रहे हैं, जो कल तक मुझसे कहते थे, शर्म नहीं आ रही है, बेटी को लड़कों के बीच क्रिकेट खेलने के लिए भेजते हो। इसी कारण आज तक बेटी गांव नहीं गई है।

Trending Videos
Cricketer Radha Yadav struggle and success story member of world-winning Indian women cricket team
Cricketer Radha Yadav - फोटो : अमर उजाला
गली क्रिकेट से शुरुआत कर राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने वाली राधा यादव ने समाज के तानों को सहा और गरीबी से भी लड़ी, मगर उसने हिम्मत नहीं हारी अपनी मेहनत के बल पर राधा ने देश का नाम रोशन किया है।
विज्ञापन
विज्ञापन
Cricketer Radha Yadav struggle and success story member of world-winning Indian women cricket team
Cricketer Radha Yadav - फोटो : अमर उजाला
फोन पर लगातार बात करते-करते ओम प्रकाश यादव का गला बैठ चुका है। उन्होंने बताया कि वह गांव में खेती भी करते हैं और मुंबई में दो बेटों दीपक और राहुल के साथ दुकान भी चलाते हैं। उनकी दुकान आज भी फुटपाथ पर है, जिसे बेटे चलाते हैं। अब उनके पास एक जनरल स्टोर की दुकान हो गई है, जहां वह दूध बेचते हैं, जबकि राधा क्रिकेट खेलती है और छोटी बेटी सोनी एक दवा कंपनी में एमआर है। 

इसे भी पढ़ें; Varanasi: लावा परछन का सपना रह गया अधूरा, बहन की शादी से 21 दिन पहले गंगा में डूबा भाई; इकलौता बेटा था यातिश
Cricketer Radha Yadav struggle and success story member of world-winning Indian women cricket team
Cricketer Radha Yadav - फोटो : अमर उजाला

ओम प्रकाश कहते हैं कि राधा जब छोटी थी, तभी से उसका क्रिकेटर बनने का सपना था, बेटी के सपने को साकार करने के लिए कभी गरीबी को आड़े नहीं आने दिया। पहले बहुत मुश्किल पांच से दस हजार कमा पाते थे और कभी कभी कर्ज भी लेना पड़ता था लेकिन, उन्होंने बेटियों के सपनों को पूरा करने की कोशिश की।


इसे भी पढ़ें; UP News: आजमगढ़ में सोते समय शख्स की गोली मारकर हत्या, आधी रात के बाद घर में घुस कर बदमाशों ने की वारदात
विज्ञापन
Cricketer Radha Yadav struggle and success story member of world-winning Indian women cricket team
Cricketer Radha Yadav - फोटो : ANI

बेटी के क्रिकेट खेलने पर लोग ताने मारते थे। इन्हीं तानों को सुनकर राधा दुःखी होती थी, इसी वजह से वह कभी गांव के घर नहीं गई लेकिन, आज वही लोग मिठाई मांग रहे हैं और मिठाई बांटकर खुशी जता रहे हैं। यह हमारे लिए गर्व की बात है और राधा ने मेरा ही नहीं, पूरे देश का नाम रोशन कर दिया। अब वह देश की क्रिकेट आइकन बन चुकी हैं।

विज्ञापन
अगली फोटो गैलरी देखें

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed