सब्सक्राइब करें
detective byomkesh bakshy stories vasiyat ka janjal part 3
ब्योमकेश बक्शी की जासूसी कहानियां

ब्योमकेश बक्शी की जासूसी कहानी : वसीयत का जंजाल-भाग 3

5 April 2023

Play
9:8
Follow Us
कहानी में अभी तक आपने सुना कि कराली बाबू की हत्या के सिलसिले में ब्योमकेश उनके नातेदारों से पूछताछ शुरू करता है जो उसी घर में रहते हैं जिसमें हत्या हुई. जब सत्यवती से पूछताछ होती है तो वो घबरा जाती है. इसके बाद बारी आती है फणी बाबू की..ब्योमकेश उनके कमरे की तरफ बढ़ता है...अब आगे...

ब्योमकेश बक्शी की जासूसी कहानी : वसीयत का जंजाल-भाग 3

1.0x
  • 1.5x
  • 1.25x
  • 1.0x
10
10
X

सभी 30 एपिसोड

कहानी में अभी तक आपने सुना कि कराली बाबू की हत्या का खुलासा ब्योमेकेश बक्शी कर देता है. शक फणी बाबू पर था. लेकिन सबूत पूरी तरह से हाथ नहीं थे. हालांकि वो फणी से पूछताछ करते हैं. फणी डर जाता है और आधे घंटे के लिए खुद को अकेला छोड़ने को कहता है...अब आगे...  

कहानी में अभी तक आपने सुना कि कराली बाबू की हत्या के सिलसिले में शक की सुई सुकुमार बाबू और उनकी बहन सत्यवती की ओर घूमती है. ब्योमकेश अपने घर में अजित बाबू से बात कर ही रहे होते हैं कि कोई दरवाजा खटखटाता है...सामने सत्यवती खड़ी थी...अब आगे... 

एक क्षण बाद दरवाजा खोलकर हाबुल तेजी से अंदर आकर बैठ गया । उसके मुंह पर हवाइयां उड़ रही थीं । आंखों में भय था , जैसे कोई बीभत्स घटना देखी हो। वह कोई आकर्षक लड़का नहीं था। मोटी थुल-थुल देह पर गोल चेहरा और हल्की घास जैसी दाढ़ी। वह व्याकुल दिखाई दिया...
 

कहानी में अभी तक आपने सुना कि ब्योमकेश बक्शी सुकुमार बाबू की बेटी रेखा और बेटे हाबुल की हत्या की गुत्थी को सुलझा देता हैं. देवकुमार बाबू ही दोनों के कातिल निकलते हैं. लेकिन ब्योमकेश को कैसे पता चला कि कातिल सुकुमार बाबू हैं और उन्होंने ये कत्ल क्यों किए...सुनिए अब आगे...

कहानी में अभी तक आपने सुना कि मशहूर वैज्ञानिक देबकुमार बाबू की बेटी का कत्ल हो जाता है. उनके बेटे हाबुल के कहने पर ब्योमकेश छानबीन कर रहा होता है कि इसी बीच सड़क पर हाबुल की लाश बरामद होती है...ब्योमकेश को किसी पर शक होता है और वो बीरेन बाबू से कहता है कि एक वारंट लेकर सुकुमार बाबू के घर चलने को कहता है....अब आगे... 

कहानी में अभी तक आपने सुना कि मशहूर वैज्ञानिक देबकुमार बाबू की बेटी का कत्ल हो जाता है. उनके बेटे के कहने पर ब्योमकेश छानबीन कर रहा होता है कि तभी सुकुमार बाबू आर्थिक स्थिति ठीक न होने की वजह से ब्योमकेश को छानबीन करने से मना कर देते हैं...ब्योमकेश घर वापस आ जाता है...अब आगे...

कहानी में अभी तक आपने सुना कि ब्योमकेश बक्शी अपने पड़ोसी देबकुमार बाबू की बेटी की रहस्यमय मौत का पता लगाने उनके घर पहुंचता है. वहीं छानबीन करके वो वापस घर आकर अजीत बाबू से बातचीत कर रहा होता है कि किसी के आने की आहट उसे सुनाई देती है...अब आगे...

कहानी में अभी तक आपने सुना कि ब्योमकेश बक्शी अपने पड़ोसी देबकुमार बाबू की बेटी की रहस्यमय मौत का पता लगाने उनके बेटे हाबुल के साथ उनके घर पहुंचता है. वो लड़की के कमरे की छानबीन करने के बाद उसकी सौतेली मां से पूछताछ करने के लिए उसके कमरे की तरफ बढ़ता है. अब आगे...

कहानी में अभी तक आपने सुना कि कई महीनों से ब्योमकेश बक्शी को कोई काम नहीं मिलता और वो अजित बाबू के साथ घर में हताश बैठा होता है. तभी उनके पड़ोसी देबकुमार बाबू का बेटा हाबुल कमरे में दाखिल होता है. हाबुल रोते हुए बताता कि उसकी बहन की अचानक मौत हो गई जबकि वो बिल्कुल ठीक थी. वो ब्योमकेश से आग्रह करता है कि उसके घर चलकर मामले को देखे...अब आगे...
 

कहानी में अभी तक आपने सुना कराली बाबू की हत्या की जांच ब्योमेकेश के हाथों होती है और वो बारी-बारी से उन लोगों से पूछताछ करता है जो उस घर में रहते थे जहां कराली बाबू की हत्या हुई. इस क्रम में सुकुमार को गिरफ्तार कर लिया जाता है और उसकी बहन सत्यवती ब्योमकेश के घर आकर कहती है कि उसका भाई बेकसूर है. वो उस रात की पूरी बात बताती है जब कराली बाबू की हत्या हुई...अब आगे...
 

एप में पढ़ें

Followed