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Devotthan Ekadashi Special: What is the importance of Devotthan Ekadashi
धर्म-आस्था

देवोत्थान एकादशी विशेष: क्या है देवोत्थान एकादशी का महत्व

4 November 2022

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देवोत्थान एकादशी या फिर जिसे देव प्रबोधनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है, भारत में मनाये जाने वाले प्रमुख पर्वों में से एक है। यह पर्व भगवान विष्णु को समर्पित है। 

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आज गुरुवार, 30 मार्च 2023 को देश भर में रामनवमी का त्योहार मनाया जा रहा है।  हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस तिथि पर भगवान राम ने भगवान विष्णु के सातवें अवतार के रूप में पृथ्वी पर जन्म लिया था। चैत्र नवमी की तिथि नवरात्रि की आखिरी तिथि होती है। 
 

मुस्लिम समुदाय रमजान के महीने को परम पवित्र मानता है। इस पवित्र महीने की शुरुआत चांद देखने के बाद से होती है। रमजान का महीना कभी 29 दिन का तो कभी 30 दिन का होता है। रमजान के प्रारंभ होते ही मुस्लिम लोग रोजा रखना शुरू कर देते हैं। 
 

आज से चैत्र नवरात्रि शुरू हो गए हैं। चैत्र नवरात्रि के शुरू होते ही अगले 9 दिनों तक घर और मंदिरों में मां दुर्गा की पूजा-उपासना और मंत्रों की गूंज सुनाई देने लगेगी। 

चैत्र मास में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से वासंतिक या चैत्र नवरात्रि आरंभ हो जाती है। जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और मां दुर्गा की उपासना का सही तरीका। 
 

रंगों का त्योहार होली फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है। इस साल 7 मार्च को होलिका दहन होगा और 8 मार्च को धुलंडी मनाई जाएगी।
 

होली का त्योहार फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष में आता है। इस बार होली 8 मार्च को मनाई जाएगी। शास्त्रों के अनुसार होली के एक दिन पहले यानी फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि को प्रदोष काल में होलिका दहन करने की महत्व होता है।

छत्रपति शिवाजी महाराज भारतीय गणराज्य के महानायक थे। वीर सपूत छत्रपति शिवाजी महाराज को लोग हिंदू हृदय सम्राट भी कहते हैं। छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1630 को हुआ था। 
 

भगवान शिव का चरित्र मानवीय जीवन के उच्चतम आदर्शों की पराकाष्ठा है | महादेव गृहस्थ भी हैं और वीतरागी आदियोगी भी, उनका ये गुण संदेश देता है कि योग के मार्ग पर चलने के लिए ,ईश्वर की भक्ति के लिए संसार त्याग आवश्यक नहीं है। 
 

माता सरस्वती को संगीत शास्त्र की अधिष्ठात्री देवी कहा गया है। ताल, स्वर, लय, राग-रागिनी इत्यादि को इन्हीं की देन माना गया है। ऐसे में ये समझा जा सकता है कि सरस्वती जी का इस सृष्टि की खूबसूरती में कितना अहम योगदान है।

मकर संक्रांति का जितना धार्मिक महत्व होता है, उतना ही अधिक वैज्ञानिक महत्व भी होता है। इसके अलावा मकर संक्रांति से जुड़े कई रोचक तथ्य भी हैं। देश भर में मकर संक्रांति अलग-अलग नामों और तरीकों से मनाई जाती है। मकर संक्रांति का पर्व धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक अधिक महत्वपूर्ण होता है। जब सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है, जिसे "संक्रांति" कहा जाता है।
 

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