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फिरोजपुर को बचाना मकसद: हुसैनीवाला पहुंचे सैकड़ों लोग, सतलुज दरिया पर बने बांध की मरम्मत में जुटे
हुसैनीवाला से अनिल कुमार
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Tue, 02 Sep 2025 03:26 PM IST
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सार
फिरोजपुर के लोगों को सूचना मिल गई थी कि बांध कमजोर है और बांध के दूसरी तरफ 35 फीट गहरा पानी है। बांध के टूटते ही फिरोजपुर पूरी तरह डूब जाएगा। सोमवार सुबह होते ही लोग बांध की मजबूती के लिए हुसैनी वाला बॉर्डर पर पहुंचना शुरू हो गए।

सतलुज पर बने बांध की मजबूती में जुटे लोग।
- फोटो : संवाद
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विस्तार
सतलुज दरिया पर बने बांध को मजबूत करने के लिए फिरोजपुर से सैकड़ों लोग हुसैनीवाला पहुंच राहत कार्य में जुटे हैं। लोग मिट्टी से भरे बैग बांध के साथ-साथ लगा रहे हैं। यह सारी मशक्कत फिरोजपुर को बचाने के लिए की जा रही है।
मदन लाल व अशोक कुमार ने बताया कि सतलुज दरिया पर बना बांध फिरोजपुर को बाढ़ के पानी से बचाता है। लोगों को जैसे ही सूचना मिली कि बांध कमजोर पड़ रहा है तो उसकी मजबूती के लिए शहर व गांवों से सैकड़ों की संख्या में लोग हुसैनीवाला बार्डर, गांव दुलचीके, हबीबके व अलीके में पहुंचना शुरू हो गए। सभी लोग बांध की मजबूती के लिए मिट्टी से प्लास्टिक के बैग भर रहे हैं।
फिरोजपुर की समाजसेवी संस्थाएं उनके खान-पान की सेवा के लिए लंगर और चाय मुहैया करा रही हैं। रविवार को फिरोजपुर के लोगों को सूचना मिल गई थी कि बांध कमजोर है और बांध के दूसरी तरफ 35 फीट गहरा पानी है। बांध के टूटते ही फिरोजपुर पूरी तरह डूब जाएगा। सोमवार सुबह होते ही लोग बांध की मजबूती के लिए हुसैनी वाला बॉर्डर पर पहुंचना शुरू हो गए। बांध पर हजारों की संख्या में लोग इकट्ठे हो गए और बांध की मजबूती का काम तेजी से चल रहा है।
वहीं, टापू कालू वाला में 62 में से छह परिवार टापू में ही सरकारी प्राइमरी स्कूल की छत पर रहने को मजबूर हैं। लखविंदर सिंह ने बताया कि उनके साथ चार महिलाएं व तीन बच्चे हैं। खेतों में आठ फीट और सड़कों पर चार फीट पानी है। टापू पर बने बांध पर 65 भैंसें बांधी हुई हैं। टापू पर एक हजार एकड़ जमीन पर धान व सब्जी की फसल लगी थी, जो बर्बाद हो गई है। बीएसएफ उन्हें खान-पान की सामग्री पहुंचा रही है।

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मदन लाल व अशोक कुमार ने बताया कि सतलुज दरिया पर बना बांध फिरोजपुर को बाढ़ के पानी से बचाता है। लोगों को जैसे ही सूचना मिली कि बांध कमजोर पड़ रहा है तो उसकी मजबूती के लिए शहर व गांवों से सैकड़ों की संख्या में लोग हुसैनीवाला बार्डर, गांव दुलचीके, हबीबके व अलीके में पहुंचना शुरू हो गए। सभी लोग बांध की मजबूती के लिए मिट्टी से प्लास्टिक के बैग भर रहे हैं।
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फिरोजपुर की समाजसेवी संस्थाएं उनके खान-पान की सेवा के लिए लंगर और चाय मुहैया करा रही हैं। रविवार को फिरोजपुर के लोगों को सूचना मिल गई थी कि बांध कमजोर है और बांध के दूसरी तरफ 35 फीट गहरा पानी है। बांध के टूटते ही फिरोजपुर पूरी तरह डूब जाएगा। सोमवार सुबह होते ही लोग बांध की मजबूती के लिए हुसैनी वाला बॉर्डर पर पहुंचना शुरू हो गए। बांध पर हजारों की संख्या में लोग इकट्ठे हो गए और बांध की मजबूती का काम तेजी से चल रहा है।
वहीं, टापू कालू वाला में 62 में से छह परिवार टापू में ही सरकारी प्राइमरी स्कूल की छत पर रहने को मजबूर हैं। लखविंदर सिंह ने बताया कि उनके साथ चार महिलाएं व तीन बच्चे हैं। खेतों में आठ फीट और सड़कों पर चार फीट पानी है। टापू पर बने बांध पर 65 भैंसें बांधी हुई हैं। टापू पर एक हजार एकड़ जमीन पर धान व सब्जी की फसल लगी थी, जो बर्बाद हो गई है। बीएसएफ उन्हें खान-पान की सामग्री पहुंचा रही है।