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Punjab: तीन हाईवे परियोजनाओं पर काम शुरू करेगा केंद्र, भूमि का कब्जा न मिलने के चलते एग्रीमेंट किया था रद्द

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: निवेदिता वर्मा Updated Sun, 17 Aug 2025 12:16 PM IST
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सार

कांग्रेस सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी लोकसभा में लंबित हाईवे परियोजना को लेकर सवाल पूछा था, जिसके बाद ही मंत्रालय ने सभी परियोजनाओं को लेकर विस्तृत रिपोर्ट पेश की थी।

Center will start work on three highway projects in punjab
अधूरा पड़ा दिल्ली कटरा एक्सप्रेस वे - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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केंद्र सरकार पंजाब की तीन अहम हाईवे परियोजनाओं पर दोबारा काम शुरू करने के लिए तैयार है। इसमें 30 किलोमीटर दिल्ली कटड़ा एक्सप्रेस-वे (डीएके) स्पर-2 परियोजना सबसे अहम है।
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इसके अलावा अमृतसर-घोमान-टांडा-ऊना पैकेज-2 व लुधियाना रूपनगर हाईवे परियोजना भी इसमें शामिल है। हालांकि केंद्र की तरफ से स्पष्ट किया गया है कि भूमि का कब्जा मिलने के साथ ही इन परियोजनाओं के निर्माण के लिए दोबारा एजेंसी हायर की जाएगी। इससे पहले भूमि संबंधित विवाद के चलते इन परियोजनाओं का एग्रीमेंट रद्द कर दिया गया था।
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सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार इन परियोजनाओं के लिए भूमि पर कब्जा लेने के उपरांत एजेंसी के लिए दोबारा आवेदन मांगे जाएंगे। डीएके स्पर-2 परियोजना इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके जरिये ही केंद्र की सबसे बड़ी परियोजना दिल्ली कटड़ा एक्सप्रेस-वे के साथ अमृतसर की कनेक्टिविटी होनी है।

परियोजना के लिए 2197 करोड़ रुपये मंजूर है लेकिन देरी के चलते इन परियोजनाओं की लागत भी बढ़ती जा रही है। दिल्ली कटड़ा एक्सप्रेस-वे हरियाणा के काफी हिस्से में शुरू भी हो गई है लेकिन पंजाब में अभी भी यह परियोजना पिछले काफी से लटकी हुई है। इसी तरह 31 किलोमीटर की अमृतसर-घोमान-टांडा-ऊना पैकेज-2 परियोजना भी बहुत अहम है। 818 करोड़ रुपये की लागत से परियोजना को पूरा किया जाना है।

47.24 किलोमीटर लुधियाना-रूपनगर पैकेज-2 परियोजना 1488 करोड़ रुपये से पूरी की जानी है। अब राज्य सरकार का पूरा ध्यान इन परियोजनाओं के लिए केंद्र को भूमि मुहैया करवाने पर है, क्योंकि पहले भूमि का कब्जा न मिलने के कारण ही इनका एग्रीमेंट रद्द हो चुका है।

परियोजनाओं की बढ़ गई लागत 

हाल ही में सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने भी प्रदेश में लंबित परियोजनाओं को लेकर एक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें बताया गया था कि पंजाब में इस समय कुल 39 परियोजनाएं चल रही हैं और देरी के कारण इनकी कुल निर्माण लागत 899 करोड़ रुपये बढ़ गई है। भूमि संबंधित विवादों को देरी का प्रमुख कारण माना जा रहा है, जबकि विभागीय मंजूरी व अन्य कारणों के चलते भी ये परियोजनाएं अधर में हैं।

इन परियोजनाओं को पहले कर दिया था रद्द 

केंद्र की तरफ से भूमि संबंधित विवादों के चलते चार परियोजनाओं को रद्द कर दिया गया था। इनमें खरड़ तक बनने वाला लुधियाना-रूपनगर हाईवे, सदर्न लुधियाना बाईपास, अमृतसर-घोमान टांडा पैकेज-2 और दिल्ली-अमृतसर-कटड़ा फेज-1 स्पर-2 शामिल हैं। 134.03 किलोमीटर लंबाई की ये चार परियोजनाओं को 4712.46 करोड़ में पूरा किया जाना था। केंद्र ने परियोजनाओं के लंबित होने को लेकर अपनी नाराजगी भी जाहिर की थी। हालांकि राज्य सरकार ने समय पर भूमि उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया था।
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