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Punjab: 2300 गांवों में सफाई महाअभियान शुरू... एक साथ उठेंगे झाड़ू, चलेंगी जेसीबी, ये है सरकार का पूरा प्लान

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चडीगढ़ Published by: अंकेश ठाकुर Updated Sun, 14 Sep 2025 12:56 PM IST
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सार

पंजाब सरकार ने बाढ़ से प्रभावित गांवों में हालात सामान्य बनाने के लिए काम शुरू कर दिया है। पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग ने तात्कालिक राहत उपायों के आदेश जारी किए गए हैं। गांवों से मलबा हटाना और मरे हुए पशुओं का निपटारा प्राथमिकता होगी।

Cleanliness drive launched in 2300 flood affected villages of Punjab
बाढ़ के कारण घरों में जमा गाद - फोटो : संवाद
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विस्तार
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पंजाब में जब बाढ़ का संकट आया, तब मुख्यमंत्री भगवंत मान और उनकी सरकार ने अपनी जिम्मेदारियों को जमीन पर उतरकर पूरी निष्ठा से निभाया। अब जैसे-जैसे पानी उतर रहा है, वैसे-वैसे आप सरकार ने राहत, सफाई और पुनर्निर्माण का महाअभियान शुरू कर दिया है। सरकार की ओर से 14 से 23 सितंबर तक पूरे राज्य में सफाई और बहाली का विशेष ड्राइव चलाया जा रहा है, जो 2300 से ज्यादा गांवों और शहरी वार्डों में एक साथ शुरू हुआ है।

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इस महाअभियान में हर गली, हर मोहल्ले, हर वार्ड को साफ-सुथरा और पहले से बेहतर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। जलभराव से जमा हुई गाद, सिल्ट और गंदगी को हटाने के लिए नगर निगमों, नगर परिषदों और पंचायतों को स्पष्ट आदेश दिए गए हैं। कई जिलों में 1000 से ज्यादा सफाई कर्मचारी, 200 से अधिक ट्रैक्टर-ट्रालियां, 150 जेसीबी मशीनें और सैकड़ों की संख्या में हेल्थ वर्कर्स इस काम में लगातार लगे हुए हैं। सरकार ने सभी जिलों में नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं, जिनकी सीधी निगरानी में काम हो रहा है। हर ज़ोन का जिम्मा एक अफसर को सौंपा गया है और उन्हें साफ निर्देश हैं कि वे रोजाना ग्राउंड पर रहें और काम पूरा कराएं। नगर निगमों में कमिश्नर और जिलों में एडीसी को विशेष जिम्मेदारी दी गई है कि कोई भी शिकायत लंबित न रहे।
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मुख्यमंत्री भगवंत मान खुद इस पूरे अभियान की लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। वे लगातार अधिकारियों से संपर्क में हैं और खुद स्थिति का जायजा ले रहे हैं। उन्होंने साफ कहा है, ये कोई औपचारिक मुहिम नहीं, ये पंजाब के हर नागरिक के घर-आंगन को फिर से खुशहाल बनाने का संघर्ष है। सिर्फ सफाई ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं पर भी बराबर फोकस है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में दवा छिड़काव, साफ पानी की आपूर्ति और प्राथमिक चिकित्सा शिविर लगाए जा रहे हैं। 

पंजाब सरकार ने बाढ़ से प्रभावित गांवों में हालात सामान्य बनाने के लिए काम शुरू कर दिया है। पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग ने तात्कालिक राहत उपायों के आदेश जारी किए गए हैं। गांवों से मलबा हटाना और मरे हुए पशुओं का निपटारा प्राथमिकता होगी। बीमारियों से बचाव के लिए फॉगिंग और फ्यूमीगेशन करवाने का आदेश है। इसके अलावा स्कूल, आंगनबाड़ी, कम्युनिटी सेंटर और श्मशानघाट जैसे स्थानों की मरम्मत पहले की जाएगी। आज सभी बाढ़ प्रभावित पंचायतों में विशेष ग्राम सभा होगी, जहां सरपंच की अगुवाई में राहत कार्य समिति बनाई जाएगी। पंजाब सरकार ने 100 करोड़ का कोष बनाया, हर पंचायत को अग्रिम 1 लाख रुपये जारी किए जाएंगे। मलबा हटाने और पशुओं के निपटारे का काम 24 सितंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है। वहीं, छोटे मरम्मत कार्य 15 अक्तूबर तक पूरे किए जाएंगे।

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पंजाब में फसल बर्बाद - फोटो : एजेंसी

नुकसान के सर्वे का काम शुरू
बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए भी तेजी से सर्वे कार्य शुरू कर दिया गया है। घरों, दुकानों, सड़कों, बिजली के खंभों, जल योजनाओं जैसी सभी सार्वजनिक व निजी संपत्तियों का आकलन इंजीनियरिंग टीमों द्वारा किया जा रहा है, ताकि सरकार हर प्रभावित व्यक्ति को जल्द से जल्द मुआवजा दे सके।

विशेष सफाई और पुनर्वास अभियान शुरू
पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार ने निर्देश दिए हैं कि सभी कार्यों में पारदर्शिता बनी रहे, इसलिए हर जगह ‘काम से पहले और बाद’ की तस्वीरें खींची जा रही हैं। यह प्रक्रिया यह सुनिश्चित करेगी कि कोई भी काम अधूरा न रहे और हर जरूरतमंद तक सरकारी मदद पहुंचे। पंजाब के सभी जिलों में आज, 14 सितंबर से मान सरकार का विशेष सफाई और पुनर्वास अभियान जोर-शोर से शुरू हो गया है। सुबह से ही नगर निगमों और स्थानीय प्रशासन की टीमें फील्ड में उतर चुकी हैं। जेसीबी मशीनों की आवाज और ट्रैक्टर-ट्रालियों की हलचल इस बात का संकेत दे रही है कि अब पंजाब में सिर्फ राहत नहीं, बल्कि पुनर्निर्माण की शुरुआत हो चुकी है। लोग खुद कह रहे हैं कि पहली बार सरकार इतनी तेज़ी और गंभीरता से हर गली-नुक्कड़ तक पहुंची है। ये देखकर जनता को भरोसा हुआ है कि सरकार सिर्फ एलान नहीं करती, जमीन पर काम करती है, वो भी बिना रुके, बिना थके।

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अमृतसर में बाढ़ से बर्बाद खेत से गुजरता किसान - फोटो : एजेंसी

सकंट में पंजाबियों ने दिखाई एकजुटता
मुख्यमंत्री भगवंत मान की सोच ने इस बार साबित कर दिया है कि बाढ़ जैसी आपदा को भी अगर जिम्मेदारी से संभाला जाए, तो वो लोगों के हौसले को गिराने की जगह उसे और मजबूत बना सकती है। इस बार सरकार ने बाढ़ को सिर्फ प्राकृतिक संकट नहीं, बल्कि पंजाबियों की हिम्मत, सेवा-भाव और एकजुटता की परीक्षा माना है। राहत कार्यों को इवेंट या प्रचार की तरह नहीं, बल्कि जनसेवा और जवाबदेही के अवसर की तरह लिया गया है, यही वो फर्क है जो एक लोक सेवक सरकार और दिखावटी राजनीति में होता है।

खुद मैदान में उतरे मुख्यमंत्री
बाढ़ आई, नुकसान हुआ, लेकिन सरकार कहीं नहीं डगमगाई। मुख्यमंत्री भगवंत मान और उनकी टीम ने खुद को मैदान में उतार दिया। यह वही फर्क है जो जनता अब साफ देख रही है, जहां कुछ दल मुसीबत में सियासत खोजते हैं, वहीं मान सरकार समाधान खोजती है। आज जब विपक्ष सवालों की स्क्रिप्ट लिख रहा है, मान सरकार अपने काम से जवाब दे रही है, और वो भी जनता के बीच रहकर, उनके पिंडा विच में खड़े होकर। और इसलिए आज पूरा पंजाब कह रहा है, मान सरकार खड़ी है, सिर उठाके, सीने ठोक के… अपने लोकां दे नाल, हर वक्त, हर हाल।

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