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SIR को लेकर सीएम मान ने उठाई आवाज: सबूत जनता क्यों दे? जवाब तो चुनाव आयोग को देना चाहिए

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: अंकेश ठाकुर Updated Mon, 01 Dec 2025 04:01 PM IST
सार

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हाल ही में एक ऐसा बयान दिया, जिसने लोगों के दिलों को छू लिया। चुनाव प्रक्रिया और एसआईआर को लेकर पैदा हुए संदेहों के बीच उन्होंने वह बात कही, जो करोड़ों भारतीयों के मन की आवाज थी।

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CM Bhagwant Mann raised his voice for the public regarding SIR Election Commission should answer
सीएम भगवंत मान - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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देश में चुनावों को लेकर एक अजीब-सी बेचैनी फैली हुई है। लोग सवाल पूछ रहे हैं, चर्चा कर रहे हैं और अपने मन का संदेह खुलकर व्यक्त कर रहे हैं। यह कोई छोटी बात नहीं है जब जनता, जो लोकतंत्र की असली मालिक है। अपने ही चुनावी सिस्टम पर भरोसा खोने लगे, तो समझ जाइए कि समस्या बहुत गहरी है। इसी बीच पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हाल ही में एक ऐसा बयान दिया, जिसने लोगों के दिलों को छू लिया। चुनाव प्रक्रिया और एसआईआर को लेकर पैदा हुए संदेहों के बीच उन्होंने वह बात कही, जो करोड़ों भारतीयों के मन की आवाज थी। सबूत जनता क्यों दे? जवाब तो चुनाव आयोग को देना चाहिए।

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यह बात सिर्फ एक राजनीतिक टिप्पणी नहीं थी, बल्कि लोकतंत्र की असली आत्मा की रक्षा करने वाला एक साहसिक संदेश था। जब जनता सवाल उठाती है, तो वह देश को कमजोर नहीं करती—वह लोकतंत्र को मजबूत बनाती है। मुख्यमंत्री मान ने साफ कहा कि अगर वोटर चिंतित हैं, अगर प्रक्रिया पर शक है, तो इसे दूर करना चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है। जनता से सवाल पूछने के बजाय, उसका सम्मान किया जाए। क्योंकि लोकतंत्र जनता से ही चलता है, और जनता के भरोसे पर ही टिकता है।
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इस दौर में, जब कई नेता जनभावनाओं से जुड़ने से बचते हैं, सीएम मान का यह बयान लोगों के मन को छू गया। उन्होंने उन्हीं शब्दों में बात की, जिनमें आम आदमी सोचता है। यही कारण है कि उनका संदेश सिर्फ पंजाब में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में गूंज उठा। उन्होंने याद दिलाया कि चुनाव किसी पार्टी का आयोजन नहीं, बल्कि जनता का पवित्र अधिकार है और जब इस अधिकार पर सवाल उठते हैं, तो चुप्पी समाधान नहीं पारदर्शिता समाधान है। मुख्यमंत्री भगवंत मान का यह बयान एक ऐसा सच है, जिसे कहने की हिम्मत बहुत कम नेताओं में होती है।

सीएम मान ने यह भी कहा कि चुनाव प्रक्रिया लोगों को भरोसा दे, डर नहीं। यह बात सुनकर हर वह नागरिक राहत महसूस करता है जो अपने वोट को अपनी आवाज़ समझता है। ऐसे समय में, जब लोग अपने लोकतांत्रिक अधिकारों को लेकर बेचैन थे, मुख्यंत्री मान की आवाज़ एक भरोसा बनकर उभरी। उन्होंने न जनता को दोषी ठहराया, न सवाल पूछने वालों को दबाया, बल्कि यह कहा कि सवाल उठाना जनता का हक है, और जवाब देना संस्था का कर्तव्य।

ऐसे ही नेताओं से लोकतंत्र मजबूत होता है जो जनता की चिंता को समझते हैं और सच बोलने से नहीं डरते। भगवंत मान ने साबित कर दिया कि पंजाब सिर्फ बहादुरों की धरती नहीं, बल्कि सच्चाई बोलने और जनता के अधिकारों की रक्षा करने वालों की धरती है। भगवंत मान का यह बयान सिर्फ पंजाब की आवाज नहीं, पूरे भारत की आवाज है। यह याद दिलाता है कि अभी भी इस देश में ऐसे नेता हैं जो कुर्सी से नहीं, जनता के भरोसे से अपनी ताकत लेते हैं।

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