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'पंजाब में चलता था वसूली सिस्टम': इंडस्ट्री के पलायन से युवा बेरोजगार... नशे में फंसे, केजरीवाल ने साधा निशाना

मोहित धुपड़, चंडीगढ़ Published by: अंकेश ठाकुर Updated Fri, 08 Aug 2025 02:31 PM IST
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सार

आम आदमी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने पंजाब की पूर्व सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले पंजाब में वसूली सिस्टम हावी था, बिना पैसे दिए उद्योगपतियों को अप्रूवल नहीं मिलती थी।

Launching of Sectoral Committees in Chandigarh Arvind Kejriwal targeted  previous govts of Punjab
उद्यमियों को संबोधित करते अरविंद केजरीवाल - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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पहले पंजाब में वसूली सिस्टम हावी था, बिना पैसे दिए उद्योगपतियों को अप्रूवल नहीं मिलती थी। लिहाजा पंजाब से इंडस्ट्री पलायन करती गई। इसी वजह से यहां के युवाओं को रोजगार के अवसर नहीं मिले। नतीजतन युवा नशे की लत में फंस गए। यह बात आम आदमी पार्टी (आप) संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पंजाब की पुरानी सरकारों पर निशाना साधते हुए कही। अरविंद केजरीवाल शुक्रवार को चंडीगढ़ में थे। चंडीगढ़ में सेक्टोरियल कमेटियों के लॉन्चिंग कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि पहुंचे केजरीवाल ने कहा कि इस वसूली सिस्टम को चार दिन में खत्म नहीं किया जा सकता था, इसके लिए हमें तीन साल लग गए।

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केजरीवाल ने कहा कि पंजाब के उद्योगपति हमारे पास आकर बताते थे कि हम रुपये न दें तो हमारी औद्योगिक इकाइयों के आगे फ्लाईओवर बनवा दिए जाते थे। इसके अलावा और भी बहुत से तरीकों के जरिये उन्हें तंग किया गया। केजरीवाल ने दावा किया कि कि इस सिस्टम आम आदमी पार्टी सरकार ने खत्म कर दिया है।
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अब उद्योगपतियों को अपने काम के लिए भटकने की जरूरत नहीं है। पंजाब सरकार 45 दिन में उद्योगपतियों को हर तरह की अप्रूवल देगी। 46वां दिन हुआ तो अपने आप डीम्ड टू बी अप्रूवल माना जाएगा। किसी भी सरकार में ऐसा फैसला लेने की हिम्मत नहीं है। यह निर्णय वही सरकार ले सकती है, जिसकी नीयत में खोट न हो। 

केजरीवाल ने तंज कसते हुए कहा कि हमसे कहा जाता था कि उद्योगपतियों की अप्रूवल रुकोगे तभी तो पार्टी फंड के लिए चंदा मिलेगा। हमने स्पष्ट कर दिया है कि हमें रुपये नहीं बल्कि उद्योगपतियों का प्यार और विश्वास चाहिए, जिसके बूते हम पंजाब तरक्की कर सके। हमने पंजाब में इज ऑफ डूइंग बिजनेस का ऐसा माहौल बनाया है कि 125 करोड़ की एमएसएमई को पंजाब में किसी भी तरह के अप्रूवल की जरूरत ही नहीं है।

हमने यह भी महसूस किया है कि औद्योगिक नीति अफसर और नेता नहीं बना सकते। मजबूत औद्योगिक नीति तो इसी फील्ड से जुड़े उद्योगपति ही बना सकते हैं। इसलिए हमने इन कमेटियों का गठन किया है, जो हमें यह सुझाव देंगी कि इंडस्ट्रियल पॉलिसी बनाने के लिए क्या-क्या बिंदु जरूरी हैं।

सब्सिडी मत मांगना, हमारे पास पैसा नहीं है
अरविंद केजरीवाल ने उद्योगपतियों से आग्रह किया है कि सरकार से सब्सिडी मत मांगना। अनुदानों से उद्योग कभी लाभ नहीं कमा सकते। उद्योगपतियों की कमेटियां जो भी अपने सुझाव देंगी, उसमें अनुदान का जिक्र न करें तो बेहतर होगा। जिन राज्यों ने उद्योगों में अनुदान को बढ़ावा दिया है, उन राज्यों में उद्योगों की आर्थिक स्थिति आज अच्छी नहीं है क्योंकि अनुदान बंद हुआ तो इंडस्ट्री बंद हो जाती है। कोई भी सरकार लंबे समय तक अनुदान देने की क्षमता में भी नहीं होती, इसलिए इन्नोवेटिव विजन के साथ अपनी इंडस्ट्री को प्रॉफिट की ओर कैसे लेकर जाना है उद्योगपति इस पर ही सुझाव दें।

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