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पंजाब में लॉटरी का चस्का: 1200 करोड़ रुपये का फैला कारोबार, नगालैंड-सिक्किम और केरल के टिकटों की बंपर बिक्री

राजिंद्र शर्मा, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: निवेदिता वर्मा Updated Mon, 24 Nov 2025 01:36 PM IST
सार

पंजाब के प्रमुख रूप से छह जिले लुधियाना, जालंधर, अमृतसर, बठिंडा, पटियाला और जीरकपुर इसके हब हैं लेकिन बाकी के जिलों में भी लॉटरी के कारोबार ने अपने पैर जमा रखे हैं। पंजाब सरकार त्योहारों के मौके पर बंपर लॉटरी निकलती है जिसमें 11 करोड़, ढाई करोड़, डेढ़ करोड़ और एक करोड़ और इसके नीचे के इनाम निकाले जाते हैं।

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lottery business in Punjab growing reached Rs 1200 crore
लुधियाना में लगी लाॅटरी की दुकानें - फोटो : संवाद
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विस्तार
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पंजाब में लॉटरी का कारोबार बढ़ता जा रहा है और यह 1200 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। पंजाब के प्रमुख छह जिले लॉटरी के हब हैं लेकिन प्रदेश का कोई भी जिला इससे अछूता नहीं है क्योंकि हर जगह ही यह कारोबार फैला हुआ है। 

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पंजाब सरकार की भी लॉटरी से 250 करोड़ रुपये के राजस्व पर नजर है और इसमें हर साल बढ़ोतरी हो रही है। करोड़पति बनने की चाह जहां कई लोगों की किस्मत बदल रही है वहीं इसकी लत लोगों को बर्बाद भी कर रही है। पंजाब में नगालैंड, सिक्किम व केरल के टिकटों की भी बिक्री हो रही है।
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प्रदेश के प्रमुख रूप से छह जिले लुधियाना, जालंधर, अमृतसर, बठिंडा, पटियाला और जीरकपुर इसके हब हैं लेकिन बाकी के जिलों में भी लॉटरी के कारोबार ने अपने पैर जमा रखे हैं। पंजाब सरकार त्योहारों के मौके पर बंपर लॉटरी निकलती है जिसमें 11 करोड़, ढाई करोड़, डेढ़ करोड़ और एक करोड़ और इसके नीचे के इनाम निकाले जाते हैं। पंजाब राज्य लॉटरी निदेशालय इसका पूरा कामकाज देखती है लेकिन रोज लगने वाली पर्ची की लॉटरी का भी क्रेज बढ़ गया है। रोज लोग लाइनों में लगकर लॉटरी की पर्ची खरीदते हैं और शाम तक लॉटरी के नतीजे आने का इंतजार करते हैं। लॉटरी की यह लत अधिक खतरनाक है जो कई बार लोगों को बर्बादी पर राह पर भी धकेल रही है।

इसके अलावा ऑनलाइन लॉटरी की बिक्री के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं जो लोगों के साथ ठगी का साधन भी बनता जा रहा है। इसे लेकर अधिकतर लोग धोखाधड़ी का शिकार भी हो चुके हैं। सरकार कई बार लोगों को इसे लेकर सतर्क कर चुकी है कि वे इसके झांसे में न आएं क्योंकि सरकार ऑनलाइन ऐसी लॉटरी की टिकटों की बिक्री नहीं करती है और यह पूरी तरह से फर्जी है। सरकार का राजस्व भी लॉटरी से बढ़ रहा है। 

वर्ष 2024-25 में लॉटरी से सरकार को 235 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था और वर्ष 2025-26 में 250 करोड़ राजस्व का लक्ष्य रखा गया है। लॉटरी से कमाई में केरल टॉप पर है। पिछली वित्तीय वर्ष में केरल ने लॉटरी से 13,500 करोड़ रुपये की कमाई की थी। लुधियाना के एक लॉटरी विक्रेता ने बताया कि प्रदेश में रोजाना औसत 3 से 4 करोड़ रुपये से अधिक की लॉटरी की टिकटें बिकती है लेकिन यह बिक्री एक सी नहीं रहती है। कभी इसमें बढ़ोतरी होती है और कभी कमी भी आती है।

लोहड़ी बंपर पर मिलेंगे 23.47 करोड़ रुपये के इनाम

पंजाब सरकार ने अब लोहड़ी बंपर की शुरुआत कर दी है जिसमें लॉटरी के कुल विजेताओं को 23.47 करोड़ रुपये का इनाम दिए जाएंगे। 17 जनवरी 2026 को यह ड्रॉ निकाला जाएगा। हाल ही में दिवाली बंपर में एक सब्जी बेचने वाले की 11 करोड़ रुपये की लॉटरी निकली थी। राजस्थान के अमित सेहरा बठिंडा घूमने आए थे और तभी उन्होंने लाॅटरी का टिकट खरीदा था। पंजाब सरकार की बैसाखी, राखी, दिवाली जैसे मौकों पर निकाली जा रही बंपर लाॅटरी की टिकटें 100 से 500 रुपये तक में मिलती हैं।

ऑनलाइन लॉटरी में झांसे में न आने की दी सलाह  

पंजाब राज्य लॉटरी निदेशालय के निदेशक शौकत अहमद पार्रे ने ऑनलाइन लॉटरी के झांसे में न आने की लोगों को सलाह दी है। इस संबंध में नोटिस जारी किया गया है जिसमें बताया गया है कि पंजाब में ऑनलाइन लॉटरी स्कीम की बिक्री बैन है। पंजाब राज्य लॉटरी इसी तरह की कोई स्कीम नहीं निकालती है। निदेशालय के नाम पर मैसेज और ईमेल भेजकर लोगों को लॉटरी निकलने की बात कही जाती है और टैक्स की राशि जमा करवाने की बात कहकर ठगी का शिकार बनाने का प्रयास किया जाता है। किसी भी तरह की ऑनलाइन टिकट की खरीदारी न करें। लॉटरी के नतीजे निदेशालय की वेबसाइट पर जाकर ही ड्रॉ में चैक करें।

रोजाना तीन से चार वक्त ड्रा निकाले जा रहे

सरकारी लॉटरी के साथ गैर कानूनी लॉटरी का ट्रेंड बढ़ रहा है जिससे सरकार को जीएसटी के राजस्व से भी हाथ धोना पड़ रहा है। अनुमान के अनुसार गैर कानूनी लॉटरी का कुल कारोबार पचास फीसदी तक है और श्रमिक कालोनियों में लाॅटरी के टिकट बेच कर खूब कमाई की जा रही है। 

प्रदेश में पंजाब सरकार के अलावा गोवा, नगालैंड, सिक्कम, मिजोरम आदि राज्य सरकारों की बंपर, मासिक, साप्ताहिक एवं डेली लॉटरी चल रही हैं। डेली लॉटरी में रोजाना तीन से चार वक्त ड्राॅ निकाले जा रहे हैं। इनमें टिकट की कीमत सात, दस रुपये होती है और यह कम से कम पांच टिकटों का सेट ही मिलता है।

लाॅटरी का चस्का भी शराब, सिगरेट एवं नशे जैसा ही है। अगर किसी तो लग जाता है तो यह जल्दी से छूटता नहीं। ज्यादातर रोज कमाने वाले लोग ही रोजाना लॉटरी खेलते हैं। ऐसे ही एक शख्स ने बताया कि वह अपनी रोजाना की कमाई का पांच से दस फीसदी हिस्सा लॉटरी में लगा देता है और कभी छोटे-छोटे इनाम भी निकल आते हैं। मसलन यदि सात रुपये के पांच टिकट लिए और उनका लॉटरी में नंबर आ गया तो छह सौ रुपये बन जाते हैं। उनका कहना है कि अब यह एक चस्का सा लग गया है और छूट नहीं पा रहा।

सैंकड़ों परिवारों को आर्थिक बर्बादी की तरफ धकेल लाॅटरी का गोरखधंधा

पंजाब में त्योहारों पर निकलने वाले सरकारी बंपर हों या गली-मोहल्लों में चलने वाला डेली लॉटरी का खेल, अमृतसर में इन दिनों लॉटरी का कारोबार काफी जोरों पर चल रहा है। साथ ही अवैध लॉटरी का गोरखधंधा सैकड़ों परिवारों को आर्थिक बर्बादी की तरफ भी धकेल रहा है।

पंजाब में सरकारी बंपर लॉटरी टिकट जैसे लोहरी, दिवाली बंपर बहुत लोकप्रिय हैं। लोग त्योहारी जोश में बड़ी-इनामी टिकटों के लिए एक रात में किस्मत बदल जाने की उम्मीद में कतारों में खड़े होते हैं। ऐसे ड्रॉ बड़े इनाम रखते हैं इसलिए टिकट की बिक्री जोरों से होती है। एक तरफ राज्य सरकार लॉटरी टिकट बेचकर राजस्व जुटाती है वहीं दूसरी तरफ गैर-कानूनी ढंग से चल रहा लाॅटरी का गोरखधंधा लोगों को बर्बाद भी कर रहा है। इस पर एक गंभीर विश्लेषण की जरूरत है कि पल भर में करोड़पति बनने का यह सपना आम आदमी को या सिर्फ मुनाफाखोरों को फायदा दे रहा है।

लीगल लॉटरी भी एक ऐसा धंधा है जिसमें 10 में से नौ पत्ते लॉटरी खिलवाने वाने वाले के पास होते है जबकि बाकी के पास सिर्फ एक पत्ता ही होता है। खिलवाने वाला नौ को जीतता है सिर्फ एक को ही देता है। जबकि गैर कानूनी लॉटरी वाले के पास दस के दस पत्ते ही होता है। आम लोगों के पास कुछ भी नहीं होता है। यहां तक कि पंजाब में एक लाॅटरी के समानांतर लाॅटरी भी चलती रही है। एक ही नंबर की दस-दस सीरीज प्रिंट होकर मार्केट में आती रही है और लोगों से भारी लूट होती रही है।

लाॅटरी में छोटे दांव जैसे रुपये 10 या 50 लगाए जाते हैं और हर दिन या कुछ घंटों में ही नंबर निकाले जाते हैं। अकसर अवैध एजेंट पंजाब सरकार की लॉटरी का नाम इस्तेमाल करके नेपाल जैसी बाहरी लॉटरी का धंधा भी चलाते हैं। कई एजेंट अब ऑनलाइन, व्हाट्सएप और टेलीग्राम ग्रुप बनाकर भी यह अवैध धंधा चला रहे हैं, जहां परिणाम में धांधली की संभावना सबसे अधिक होती है।

लॉटरी सरकार के लिए राजस्व का एक बड़ा वैध स्रोत : राजकुमार

लाॅटरी विक्रेता राज कुमार ने कहा कि लॉटरी सरकार के लिए राजस्व का एक बड़ा वैध स्रोत है। सरकारी बंपर की खासकर त्योहारों पर अच्छी बिक्री होती है। लोग छोटे दांव में बड़ी उम्मीद देखते हैं। यह पूरी तरह से किस्मत का खेल है पर कम से कम इसमें फ्रॉड का डर नहीं होता। हमारी रोजी-रोटी भी इसी से चलती है।

अब लाॅटरी क्षेत्र में साइबर जाल भी सक्रिय

ऑनलाइन लॉटरी जीतने का झांसा देकर प्रोसेसिंग फीस या बैंक शुल्क के नाम पर लाखों रुपये ठगने वाले साइबर गिरोह भी सक्रिय हैं जो भोले-भाले लोगों को निशाना बनाते हैं। लाॅटरी में अपनी पूरी कमाई गंवाने वाले एक ऑटो चालक रमेश ने बताया कि पहले मैंने 500 रुपये जीते थे, तब लगा कि मैं यह खेल समझ गया हूं। फिर रोज 200-300 रुपये लगाना शुरू कर दिया। अब कर्ज हो गया है। बच्चों की फीस भी नहीं भर पा रहा हूँ। यह लत जुए से भी बुरी है। लगातार हारने पर निराशा और घर में कलह बढ़ती है जिससे पारिवारिक और सामाजिक संबंध बिगड़ते हैं। जून 2023 में पंजाब पुलिस ने राज्यभर में ऑपरेशन चलाकर 110 लोगों को गैर कानूनी लॉटरी में शामिल पाया और उनके कई स्थानों पर छापे मारे गए।

जालंधर में लॉटरी की 100 से अधिक दुकानें और सभी अवैध 

जालंधर में हर हफ्ते लाखों की लॉटरी निकाली जाती है और महीने में करोड़ों का कारोबार होता है। जालंधर में 100 से 110 के करीब लॉटरी के अड्डे हैं जो सभी अवैध हैं जहां प्रतिदिन दिहाड़ी मजदूर की जमा पूंजी लूटी जा रही है। पैसे लेकर उन्हें पर्चियां पकड़ा दी जा हैं और इन्हें दड़ा-सट्टा का नाम दिया जाता है। बंपर लॉटरी स्टाल तो न के बराबर हैं। अवैध लॉटरी स्टाल की कमाई का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लुटेरों ने अब लॉटरी वालों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। पिछले हफ्ते थाना आठ के एरिया में लॉटरी की दुकान को लुटेरों ने लूट लिया था। 

बेहतर जिंदगी पाने की चाह में खरीद रहे लॉटरी : मनीष कुमार

पटियाला निवासी मनीष कुमार ने कहा कि लॉटरी डालना एक तरह का जुआ है। इसमें जीतने की संभावना बहुत कम रहती है लेकिन एक बेहतर जिंदगी पाने की चाह में वह पिछले कई साल से खास तौर से दिवाली या अन्य अवसरों पर लॉटरी खरीदते हैं। हालांकि अभी तक एक बार भी लाॅटरी नहीं निकली है लेकिन उम्मीद नहीं छोड़ी है। इसी तरह आशु का कहना है कि विशेष तौर पर कम आय वाले लोगों के लिए लॉटरी अमीर बनने का एकमात्र संभावित व सुरक्षित तरीका लगता है। लाॅटरी टिकट की कीमत भी कम ही होती है, इसलिए मैं पिछले कई साल से लाॅटरी की टिकट खरीद रहा हूं। 

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