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Highcourt: नशा तस्कर की सजा निलंबित करने से इन्कार, हाईकोर्ट ने कहा-नशे के लिए अपराध की तरफ बढ़ रहे युवा

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: निवेदिता वर्मा Updated Tue, 08 Jul 2025 10:18 AM IST
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सार

याची ने कहा कि वह तीन साल से अधिक समय से जेल में है। ऐसे में उसकी अपील लंबित रहते उसकी सजा निलंबित की जाए। कोर्ट ने कहा कि नशा सार्वजनिक व्यवस्था, स्वास्थ्य और राष्ट्र के ताने-बाने के लिए एक घातक खतरा है जबकि मादक द्रव्यों के सेवन का संकट लंबे समय से एक चुनौती रहा है।

Punjab Haryana High Court refused to suspend sentence of person convicted of possessing heroin
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट - फोटो : अमर उजाला

विस्तार
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पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने 500 ग्राम हेरोइन रखने के दोषी व्यक्ति की सजा को निलंबित करने से इन्कार कर दिया है। 
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कोर्ट ने कहा कि युवा नशे के लिए अपराध की तरफ बढ़ रहे हैं जिससे अराजकता और असुरक्षा की स्थिति पैदा होती है। कोर्ट ने याची की तीन साल से अधिक समय से जेल में मौजूद होने की दलील को भी खारिज कर दिया।

कोर्ट ने कहा कि नशा तस्करों से सख्ती से निपटना जरूरी है। अमृतसर की अदालत ने याची को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई थी। याची के वकील ने कहा कि याची को मामले में फंसाया गया है। पूरी कहानी केवल पुलिस अधिकारियों की गवाही पर आधारित है, जिसमें जांच या परीक्षण के दौरान किसी भी स्वतंत्र गवाह को शामिल नहीं किया गया है। 
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याची ने कहा कि वह तीन साल से अधिक समय से जेल में है। ऐसे में उसकी अपील लंबित रहते उसकी सजा निलंबित की जाए। कोर्ट ने कहा कि नशा सार्वजनिक व्यवस्था, स्वास्थ्य और राष्ट्र के ताने-बाने के लिए एक घातक खतरा है जबकि मादक द्रव्यों के सेवन का संकट लंबे समय से एक चुनौती रहा है। नशे को लेकर राज्य के सभी स्तंभों, विशेष रूप से न्यायपालिका से स्पष्ट रूप से सख्त प्रतिक्रिया की आवश्यकता है। मादक पदार्थों के उत्पादन और वितरण में शामिल जटिल अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से मादक पदार्थों की तस्करी राष्ट्रीय सुरक्षा और कानून के शासन के लिए बड़ी समस्या बन गई है।

कोर्ट ने कहा कि हम मादक पदार्थों की लत और आपराधिक गतिविधियों में खतरनाक वृद्धि के बीच निर्विवाद संबंध को नजरअंदाज नहीं कर सकते। हताश नशेड़ी अकसर अपनी आदतों को बनाए रखने के लिए छोटे-मोटे और हिंसक अपराधों का सहारा लेते हैं जिससे अराजकता और असुरक्षा में सीधे तौर पर वृद्धि होती है। कोर्ट ने कहा कि नशीली दवाओं के खतरे से संबंधित मामलों, विशेष रूप से निर्मित दवाओं से संबंधित मामलों को अत्यंत कठोरता और संकल्प के साथ निपटाया जाना चाहिए।
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