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पंजाब में बना राज्य व्यापारी आयोग: ईज ऑफ डुइंग बिजनेस के लिए गठन, छोटे व्यापारियों की आवाज होगी बुलंद

राजिंद्र शर्मा, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: निवेदिता वर्मा Updated Thu, 16 Oct 2025 08:46 AM IST
सार

राज्य व्यापारी आयोग प्रदेश के व्यापारियों के मुद्दों के समाधान के साथ पॉलिसी बनाने में भी मदद करेगा। इसके अलावा व्यापारियों को 15 साल पुराने वैट के केसों की निपटारे की भी आस जगी है। अधिसूचना के अनुसार आयोग के वाइस चेयरपर्सन के पद पर प्रदेश के किसी प्रमुख व्यापारी को शामिल किया जाएगा।

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State Traders Commission formed in Punjab for ease of doing business
सीएम भगवंत मान - फोटो : X @BhagwantMann
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विस्तार
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पंजाब सरकार ने ईज ऑफ डुइंग बिजनेस के लिए राज्य व्यापारी आयोग का गठन किया है। आबकारी और कराधान मंत्री को आयोग का चेयरमैन बनाया गया है। 

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पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने इसको मंजूरी दे दी है जिसके बाद सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी। जिला और विधानसभा हलका स्तरीय कमेटी भी गठित की जाएंगी जिससे छोटे व्यापारियों की आवाज आयोग तक पहुंचाई जा सके और सामधान करवाया जा सके।
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राज्य व्यापारी आयोग प्रदेश के व्यापारियों के मुद्दों के समाधान के साथ पॉलिसी बनाने में भी मदद करेगा। इसके अलावा व्यापारियों को 15 साल पुराने वैट के केसों की निपटारे की भी आस जगी है। अधिसूचना के अनुसार आयोग के वाइस चेयरपर्सन के पद पर प्रदेश के किसी प्रमुख व्यापारी को शामिल किया जाएगा। इसके साथ आबकारी व कराधान विभाग के सचिव को सदस्य सचिव और श्रम विभाग, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग, उद्योग विभाग, स्थानीय निकाय विभाग के प्रशासनिक सचिव व व्यापारियों, व्यापारिक एसोसिएशन के प्रतिनिधियों को आयोग के सदस्य के रूप में शामिल किया जाएगा।

वर्ल्ड एमएसएमई फोरम के प्रधान बदीश जिंदल ने बताया कि वर्ष 2011-12 से वैट के केस लंबित पड़े हैं। सरकार कई बार पॉलिसी लेकर आई है पर आज तक सभी केसों का समाधान नहीं हुआ है। अब आयोग के जरिए इन मुद्दों का उठाया जाएगा, ताकि इनका समाधान करवाया जा सके। 

प्रदेश में इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने के लिए जीएसटी फर्जी बिलिंग के मामले भी कम नहीं हो रहे हैं, जिसका असर जीएसटी राजस्व पर भी पड़ रहा है। हरियाणा के मुकाबले पहले ही पंजाब का जीएसटी राजस्व कम है। जीएसटी केसों में व्यापारियों पर जुर्माना थोप दिया जाता है जिसके खिलाफ उन्हें सीधा कोर्ट जाना पड़ता है।

इस मामले को भी आयोग के समक्ष उठाकर इसे हल करवाने का प्रयास होगा। बदीश ने कहा कि एडिबल ऑयल पर जीएसटी लगता है, जबकि ऑयल मिलों पर जीएसटी नहीं लगता है। इस कारण जीएसटी की राशि मिलों के कुल खर्च में शामिल की जाती है, जो मिलों के लिए एक बड़ी समस्या है। इसी तरह जिला स्तरीय कमेटी में एक प्रमुख व्यापारी, असिस्टेंट लेब कमिश्नर और स्टेट टैक्स के असिस्टेंट कमीश्नर को शामिल किया जाएगा, जबकि विधानसभा कमेटी में व्यापारिक एसोसिएशनों के पदाधिकारी, सहायक खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी और राज्य कर अधिकारी को शामिल किया जाएगा।

जिला व हलका कमेटियों का ये होगा काम

-व्यापारियों और मार्केटों की स्थानीय समस्याओं व शिकायतों के समाधान के लिए एक शिकायत निवारण मंच के रूप में कार्य करेंगी।
-व्यापारियों के कल्याण से संबंधित कल्याणकारी योजनाओं और पहलों के जमीनी क्रियान्वयन की निगरानी करेंगी।
-स्थानीय प्रशासन, मार्केट कमेटियों और नगर निकायों के साथ समन्वय स्थापित करेंगी, ताकि व्यापारी हितैषी माहौल बनाया जा सके।

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