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फाजिल्का में अचानक उफनाई सतलुज: पटरी पर लाैट रही जिंदगी फिर पानी में... ग्रामीण बोले-पाकिस्तान से छोड़ा गया
संवाद न्यूज एजेंसी, फाजिल्का (पंजाब)
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Wed, 17 Sep 2025 10:07 AM IST
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सार
फाजिल्का के सीमांत गांव तेजा रुहेला में लोगों के घरों से पानी उतरने लगा था। जिंदगी सामान्य हो रही थी कि अचानक सतलुज का जलस्तर बढ़ गया और पूरा गांव फिर पानी में आ गया।

गांव तेजा रुहेला में भरा पानी
- फोटो : संवाद
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विस्तार
फाजिल्का के सरहदी गांव तेजा रुहेला में एक बार फिर सतलुज का जलस्तर अचानक बढ़ गया। हालात ऐसे बने कि गांव का सड़क संपर्क पूरी तरह टूट गया और फसलें फिर से पानी में डूब गईं। ग्रामीणों का कहना है कि यह पानी पाकिस्तान की तरफ से छोड़ा गया है, जिसके चलते गांव की स्थिति बिगड़ गई है।
ग्रामीण अंग्रेज सिंह ने बताया कि दो दिन पहले पानी का स्तर काफी कम हो चुका था। फसलों से पानी निकलना शुरू हो गया था और सड़कें भी साफ नजर आने लगी थीं। ग्रामीणों को लगा था कि जिंदगी पटरी पर लौट रही है, लेकिन रातों-रात हालात पलट गए और सुबह फसलें फिर से डूब चुकी थीं।
राज सिंह ने बताया कि पानी की तेज रफ्तार के चलते सड़कें जलमग्न हो गई हैं। दोपहिया वाहन तो दूर, पैदल निकलना भी मुश्किल हो गया है। कई घर फिर से पानी की चपेट में आ गए हैं। राज सिंह ने बताया कि जब वह अपने बच्चों को ससुराल से लेकर लौटे तो गांव का नजारा देखकर दंग रह गए। घर और खेत पूरी तरह पानी में था।
ग्रामीणों ने सरकार से मांग की है कि उन्हें तुरंत राहत प्रदान की जाए। खराब हुई फसलों का पूरा मुआवजा और मकानों के नुकसान की भरपाई की जाए, ताकि प्रभावित परिवारों को आने वाले समय में राहत मिल सके।

ग्रामीण अंग्रेज सिंह ने बताया कि दो दिन पहले पानी का स्तर काफी कम हो चुका था। फसलों से पानी निकलना शुरू हो गया था और सड़कें भी साफ नजर आने लगी थीं। ग्रामीणों को लगा था कि जिंदगी पटरी पर लौट रही है, लेकिन रातों-रात हालात पलट गए और सुबह फसलें फिर से डूब चुकी थीं।
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राज सिंह ने बताया कि पानी की तेज रफ्तार के चलते सड़कें जलमग्न हो गई हैं। दोपहिया वाहन तो दूर, पैदल निकलना भी मुश्किल हो गया है। कई घर फिर से पानी की चपेट में आ गए हैं। राज सिंह ने बताया कि जब वह अपने बच्चों को ससुराल से लेकर लौटे तो गांव का नजारा देखकर दंग रह गए। घर और खेत पूरी तरह पानी में था।
ग्रामीणों ने सरकार से मांग की है कि उन्हें तुरंत राहत प्रदान की जाए। खराब हुई फसलों का पूरा मुआवजा और मकानों के नुकसान की भरपाई की जाए, ताकि प्रभावित परिवारों को आने वाले समय में राहत मिल सके।