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Firozpur: धुस्सी बांध की मजबूती में जुटे हजारों लोग, फरीदकोट-कोटकपूरा से संगत लेकर पहुंच रही लंगर
फिरोजपुर के गांव रूकने वाला से अनिल कुमार
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Thu, 04 Sep 2025 03:16 PM IST
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सार
फिरोजपुर के सीमावर्ती गांव हबीबके पास धुस्सी बांध की मजबूती में हजारों लोग जुटे हुए हैं। बुधवार को पानी का स्तर दो फीट और बढ़ चुका है। पानी की रफ्तार बहुत ज्यादा तेज है, जो बांध की मिट्टी काट कमजोर कर रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि धुस्सी बांध के उस तरफ 50 फीट गहरा पानी खड़ा है। बांध टूटा है तो फिरोजपुर को बहुत बड़ा नुकसान होगा।

मक्खू (फिरोजपुर) के गांव रूकने वाला में बांध मजबूत करते लोग।
- फोटो : संवाद
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विस्तार
जीरा, मक्खू व फिरोजपुर के लोगों के दिलों की धड़कनें धुस्सी बांध ने बढ़ाई हुई है। सतलुज दरिया में जलस्तर बढ़ता ही जा रहा है और धुस्सी बांध मक्खू के गांव रूकने वाला व फिरोजपुर की तरफ से सीमावर्ती गांव हबीबके व अलीके में कमजोर पड़ रहा है। इसकी मजबूती को हजारों लोग दिन-रात काम कर रहे हैं। संगत के खान-पान की सेवा फरीदकोट, कोटकपूरा व फिरोजपुर की समाजसेवी व धार्मिक संस्थाएं कर रही हैं।

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सुरेन्द्र सिंह वासी गांव रूकने वाला ने कहा कि दरिया में आई बाढ़ ने तबाही मचाई हुई है। उनकी पचास एकड़ में लगी धान की फसल बर्बाद हो गई है। बांध के दूसरी तरफ लगभग पचास फीट गहरा पानी खड़ा है। बुधवार को दो फीट पानी दरिया का बढ़ा है। ग्रामीण दिन-रात लगकर दरिया में नोच बनाते हैं तो पानी बहाकर ले जाता है। बांध टूटता है तो मक्खू व जीरा के अलावा कई गांवों में नुकसान होगा।
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फिरोजपुर के सीमावर्ती गांव हबीबके पास धुस्सी बांध की मजबूती में हजारों लोग जुटे हुए हैं। बुधवार को पानी का स्तर दो फीट और बढ़ चुका है। पानी की रफ्तार बहुत ज्यादा तेज है, जो बांध की मिट्टी काट कमजोर कर रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि धुस्सी बांध के उस तरफ 50 फीट गहरा पानी खड़ा है। बांध टूटा है तो फिरोजपुर को बहुत बड़ा नुकसान होगा। लोग 40 से 50 किलोमीटर की दूरी से मिट्टी से भरी ट्रैक्टर-ट्रालियां ला रहे हैं। प्लास्टिक के बैगों में डालकर बांध की मजबूती में जुटे हुए हैं। बीएसएफ भी इनका साथ दे रही है। ग्रामीणों का कहना है कि जो लोग पानी के नजदीक खड़े होकर मिट्टी भरे बैग दरिया में डाल रहे हैं, उन्हें जिला प्रशासन व पंजाब सरकार की तरफ से सेफ्टी जैकेट भी मुहैया नहीं कराई गई है। यहां पर समाजसेवी संस्थाएं कार्य कर रही संगत के लिए खान-पान के अलावा बादाम, दूध व अन्य सामग्री पहुंचा रही है।