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Punjab: कोहरे की मार शुरू, पंजाब के थर्मलों में कोयले का संकट, मात्र डेढ़ से 18 दिनों का कोयला ही शेष

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटियाला (पंजाब) Published by: निवेदिता वर्मा Updated Sun, 04 Dec 2022 12:36 PM IST
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सार

पंजाब के रोपड़ थर्मल प्लांट में इस समय 12 दिनों का, लहरा मुहब्बत में 9, वहीं प्राइवेट सेक्टर के तलवंडी साबो थर्मल प्लांट में मात्र तीन दिन का, गोइंदवाल में डेढ़ दिन और राजपुरा थर्मल में 18 दिन का कोयला शेष है।

Coal crisis in government and private thermal plants of Punjab
thermal power plant

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पंजाब के सरकारी व प्राइवेट थर्मल प्लांटों में इस समय कोयले का गंभीर संकट बना है। हालात यह हैं कि थर्मलों में मात्र डेढ़ दिनों से लेकर 18 दिनों का ही कोयला शेष है। उधर, घने कोहरे की मार शुरू हो गई है और ऐसे में अकसर ट्रेन सेवाएं प्रभावित होने से थर्मलों में कोयले की सप्लाई बाधित होती है। बावजूद इसके पावरकॉम की तरफ से थर्मलों में कोयले का पर्याप्त स्टाक रखने के लिए कोई प्रबंध नहीं किए गए हैं।

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माहिरों का मानना है कि इससे आने वाले दिनों में बिजली सप्लाई में दिक्कत हो सकती है। हालांकि पावरकॉम अधिकारियों का कहना है कि पंजाब में इस समय बिजली की मांग कम है। बाहर से बिजली खरीदकर मांग को आसानी से पूरा किया जा रहा है। इसलिए कोयले के स्टाक को ज्यादा रखने की जरूरत नहीं है।
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प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक पंजाब के रोपड़ थर्मल प्लांट में इस समय 12 दिनों का, लहरा मुहब्बत में 9, वहीं प्राइवेट सेक्टर के तलवंडी साबो थर्मल प्लांट में मात्र तीन दिन का, गोइंदवाल में डेढ़ दिन और राजपुरा थर्मल में 18 दिन का कोयला शेष है। यहां गौरतलब है कि तय मानकों के मुताबिक थर्मल प्लांट में 30 दिनों का कोयला होना जरूरी है। गर्मी व धान सीजन में थर्मलों में कभी कोयले का स्टाक पूरा नहीं रहा, लेकिन अब ठंड के मौसम में भी थर्मलों में कोयले का गंभीर संकट बना हुआ है। 

पीएसईबी इंजीनियर्स एसोसिएशन के महासचिव इंजीनियर अजयपाल सिंह अटवाल का कहना है कि कोहरे में अकसर ट्रेन सेवाएं प्रभावित होने से थर्मलों में कोयले की सप्लाई बाधित होती है। इसे देखते हुए पावरकॉम को तत्काल प्रभाव से थर्मलों में कोयले का स्टाक पर्याप्त करने को ठोस कदम उठाने चाहिए। वरना आने वाले दिनों में बिजली सप्लाई में दिक्कत आने की आशंका है। केवल बाहर से बिजली खरीद पर पावरकॉम को निर्भर नहीं रहना चाहिए, अपने स्तर पर इंतजाम जरूर होने चाहिए।  

पावरकॉम की 9020 करोड़ की सब्सिडी सरकार की तरफ पेंडिंग
पावरकॉम की आर्थिक मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। इस समय पंजाब सरकार की तरफ पावरकॉम की 9020 करोड़ की सब्सिडी राशि पेंडिंग है। इसका लगातार रिमाइंडर भेजने के बावजूद सरकार भुगतान नहीं कर रही है। ऐसे में खर्चों को पूरा करने के लिए पावरकॉम ने हाल ही में 1000 करोड़ का ऋण भी लिया है। पीएसईबी इंजीनियर एसोसिएशन के मुताबिक पंजाब की आर्थिकता को मजबूत करने के लिए पावरकॉम को सही ढंग से चलाना जरूरी है। इसलिए सरकार को जल्द से जल्द इस सब्सिडी राशि का भुगतान करना चाहिए। एसोसिएशन के मुताबिक पैसों की तंगी के चलते भी कोयले की पर्याप्त मात्रा में खरीद नहीं हो पा रही है।

पावरकॉम की पचवारा खान से भी अब तक कोयले की सप्लाई शुरू नहीं
सरकार के लगातार दावों के बावजूद पंजाब को अब तक झारखंड स्थित पावरकॉम की पचवारा खान से कोयले की सप्लाई शुरू नहीं हो सकी है। गौरतलब है कि इस खदान से पंजाब को सालाना 70 लाख टन कोयले की सप्लाई होगी, जिससे पावरकॉम के 700 करोड़ की बचत हो सकेगी, लेकिन स्थानीय स्तर पर कई दिक्कतें होने की वजह से पचवारा कोयला खान में काम शुरू नहीं हो सका है।

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