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बुड्ढा दरिया मामला: 17 डेयरी संचालकों सहित धरना देने वालों के खिलाफ मामला दर्ज
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-बुड्ढा दरिया में गोबर गिराए जाने के मामले में नगर निगम अधिकारियों की शिकायत पर कार्रवाई
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संवाद न्यूज एजेंसी
लुधियाना में बुड्ढा दरिया प्रदूषण मामले को लेकर तनाव बढ़ गया है। एक ओर पर्यावरणप्रेमी सांसद बलबीर सिंह सीचेवाला और नगर निगम प्रशासन डेयरी संचालकों से मीटिंग कर समाधान खोजने की कोशिश में हैं, वहीं दूसरी ओर नगर निगम द्वारा दर्ज करवाई गई कई एफआईआर ने स्थिति और बिगाड़ दी है।
हैबोवाल व ताजपुर रोड डेयरी परिसर के डेयरी संचालकों पर आरोप है कि उन्होंने सीधे दरिया में गोबर और कचरा गिराया है। हाल ही में आयोजित समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने इन गतिविधियों को बंद करने का आदेश दिया था और कहा था कि यदि ऐसा जारी रहा, तो सख्त कार्रवाई होगी। इसके बाद डिवीजन सात पुलिस ने 17 डेयरी संचालकों व अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मामले दर्ज कर लिए। आरोप है कि उन्होंने नोटिस देने आए निगम मुलाजिमों से बहस की, धरना-प्रदर्शन किया और रोड जाम कर प्वाइंट खोल दिए जिससे बिना ट्रीट किया हुआ वेस्ट फिर से बुड्ढा दरिया में गिरा।
दूसरी तरफ डेयरी संचालक संगठन इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि असली दोषी सीवरेज बोर्ड और खिलाड़ी ग्रुप है जिन्होंने समय पर ईटीपी या बायो-गैस प्लांट न लगाने और उचित व्यवस्था न करने के कारण वेस्ट मैनेजमेंट असफल किया। कई डेयरियों में जो ईडीपी व बायो-गैस प्लांट बने थे, वे या तो बंद हैं या उनकी क्षमता अपर्याप्त है। इस कारण गोबर व कचरा दरिया में पहुंच रहा है।
मंत्री व विधायक से शिकायत की तैयारी
डेयरी संचालक अब प्रदेश नेताओं विधायक दलजीत सिंह ग्रेवाल और मंत्री संजीव अरोड़ा से शिकायत की तैयारी कर रहे हैं। उनका कहना है कि बिना पूरी जांच व खुली व्यवस्था के उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करना अन्याय है। इस मामले ने लुधियाना में पर्यावरण, प्रशासन और डेयरी कारोबार के बीच विवाद खड़ा कर दिया है।
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संवाद न्यूज एजेंसी
लुधियाना में बुड्ढा दरिया प्रदूषण मामले को लेकर तनाव बढ़ गया है। एक ओर पर्यावरणप्रेमी सांसद बलबीर सिंह सीचेवाला और नगर निगम प्रशासन डेयरी संचालकों से मीटिंग कर समाधान खोजने की कोशिश में हैं, वहीं दूसरी ओर नगर निगम द्वारा दर्ज करवाई गई कई एफआईआर ने स्थिति और बिगाड़ दी है।
हैबोवाल व ताजपुर रोड डेयरी परिसर के डेयरी संचालकों पर आरोप है कि उन्होंने सीधे दरिया में गोबर और कचरा गिराया है। हाल ही में आयोजित समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने इन गतिविधियों को बंद करने का आदेश दिया था और कहा था कि यदि ऐसा जारी रहा, तो सख्त कार्रवाई होगी। इसके बाद डिवीजन सात पुलिस ने 17 डेयरी संचालकों व अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मामले दर्ज कर लिए। आरोप है कि उन्होंने नोटिस देने आए निगम मुलाजिमों से बहस की, धरना-प्रदर्शन किया और रोड जाम कर प्वाइंट खोल दिए जिससे बिना ट्रीट किया हुआ वेस्ट फिर से बुड्ढा दरिया में गिरा।
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दूसरी तरफ डेयरी संचालक संगठन इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि असली दोषी सीवरेज बोर्ड और खिलाड़ी ग्रुप है जिन्होंने समय पर ईटीपी या बायो-गैस प्लांट न लगाने और उचित व्यवस्था न करने के कारण वेस्ट मैनेजमेंट असफल किया। कई डेयरियों में जो ईडीपी व बायो-गैस प्लांट बने थे, वे या तो बंद हैं या उनकी क्षमता अपर्याप्त है। इस कारण गोबर व कचरा दरिया में पहुंच रहा है।
मंत्री व विधायक से शिकायत की तैयारी
डेयरी संचालक अब प्रदेश नेताओं विधायक दलजीत सिंह ग्रेवाल और मंत्री संजीव अरोड़ा से शिकायत की तैयारी कर रहे हैं। उनका कहना है कि बिना पूरी जांच व खुली व्यवस्था के उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करना अन्याय है। इस मामले ने लुधियाना में पर्यावरण, प्रशासन और डेयरी कारोबार के बीच विवाद खड़ा कर दिया है।