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Jalandhar News: लुधियाना, अमृतसर व मानसा में धुस्सी बांध टूटे<bha>;</bha> बाढ़ का खतरा
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नोट: अब तक हुई मौतों की जानकारी जोड़ी गई है। अमृतसर में धुस्सी बांध टूटने की जानकारी भी शामिल की गई है।
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-एनडीआरएफ की टीमें सतलुज दरिया में किश्ती लेकर करती रही सर्च, कई प्वाइंटों को किया चेक
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संवाद न्यूज एजेंसी
लुधियाना/अमृतसर/मानसा। लुधियाना, अमृतसर और मानसा में धुस्सी बांध (तटबंध) टूटने से पंजाब में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। शुक्रवार रात को सतलुज में उफान की वजह से लुधियाना के ससराली गांव में बना धुस्सी बांध टूट गया और पानी रिंग बांध तक पहुंच गया। उसमें भी कटाव शुरू हो गया। वहीं, अमृतसर में रावी दरिया के किनारे धुस्सी बांध में आई बड़ी दरार ने हजारों एकड़ फसलों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है। यहां बचाव कार्य जारी है। मानसा जिले में भी हरियाणा की तरफ से घग्गर नदी के किनारे धुस्सी बांध टूटने से पानी पंजाब में प्रवेश करने लगा है।
लुधियाना में एनडीआरएफ, सेना व स्थानीय लोगों के साथ डीसी खुद बांधों के किनारों को मजबूत करने के लिए मैदान में उतर गए और मिट्टी के कट्टे लगाते नजर आए। डीसी ने कहा कि बांध के किनारे मजबूत करना जरूरी है ताकि लुधियाना को आपदा से बचाया जा सके। अगर रिंग बांध भी टूट गया तो भीषण तबाही मच सकती है जिसका असर लुधियाना की इंडस्ट्री पर पड़ेगा।
इससे पहले जैसे ही धुस्सी बांध टूटने की खबर लोगों तक पहुंची उन्होंने धार्मिक स्थानों से अपील कर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर चले जाने को कहा ताकि बड़े नुकसान से बचा जा सके। लोगों के डर को दूर करने के लिए डीसी मौके पर पहुंचे और कहा कि फिलहाल हालात काबू कर लिए गए हैं। घबराने की जरूरत नहीं है। डीसी ने लोगों से अपील की कि वे अफवाहों पर विश्वास न करें। प्रशासन ससराली गांव में है और लगातार बचाव कार्य जारी है। गांव ससराली के धुस्सी बांध में होने वाले नुकसान की सूचना मिलने के बाद डिवीजनल कमिश्नर विनय बुबलानी ने वहां दौरा किया। उन्होंने डिप्टी कमिश्नर हिमांशु जैन से सारी अपडेट ली और प्रशासन को कई तरह के दिशा निर्देश भी जारी किए। इसके अलावा उन्होंने माल विभाग जंगलात विभाग और ड्रेनेज विभाग को पूरी रिपोर्ट देने के लिए कहा है। उन्होंने भी लोगों से अपील की है कि वह अफवाहों पर ध्यान न दें।
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बाढ़ से मरने वालों की संख्या 48 पहुंची
पंजाब में बाढ़ की वजह से मरने वालों की संख्या 48 पहुंच गई है जबकि पठानकोट से लापता हुए तीन लोगों का भी कोई सुराग अभी तक नहीं लग पाया है। शनिवार को कपूरथला के फगवाड़ा में भाई-बहन की डूबने से मौत हो गई। इसके अलावा फिरोजपुर में भी एक युवक की डूबने से जान चली गई। अभी तक अमृतसर में 7, बरनाला में 5, बठिंडा में 4, होशियारपुर में 7, गुरदासपुर में 2, लुधियाना में 4, पठानकोट में 6, मानसा में 3, रूपनगर व मोहाली में 2-2 व फाजिल्का, फिरोजपुर, पटियाला व संगरूर में 1-1 व्यक्तियों की जान जा चुकी है। उधर, दरियाओं का पानी लगातार किसानों की फसलों को भी चपेट में ले रहा है। पानी में डूबकर बर्बाद हुई फसलों का रकबा बढ़कर 1,74,454 हेक्टेयर पहुंच गया है। फाजिल्का, कपूरथला, मानसा, फिरोजपुर, गुरदासपुर और तरनतारन में फसलों को ज्यादा नुकसान पहुंचा है।
राहत और बचाव कार्य में जुटे सैन्य बलों ने भी टुकड़ियों की संख्या 24 से बढ़कर 27 कर दी है जबकि एनडीआरएफ की 23 व एसडीआरएफ की 2 टीमें लोगों की मदद के लिए जुटी हुई हैं। पंजाब सरकार की ओर से 139 राहत शिविर लगाए हुए हैं जिनमें 6121 लोगों को रखा गया है। अभी तक सूबे के 1996 गांवों की 3,87,013 आबादी सीधे बाढ़ की मार झेल रही है।

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-एनडीआरएफ की टीमें सतलुज दरिया में किश्ती लेकर करती रही सर्च, कई प्वाइंटों को किया चेक
संवाद न्यूज एजेंसी
लुधियाना/अमृतसर/मानसा। लुधियाना, अमृतसर और मानसा में धुस्सी बांध (तटबंध) टूटने से पंजाब में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। शुक्रवार रात को सतलुज में उफान की वजह से लुधियाना के ससराली गांव में बना धुस्सी बांध टूट गया और पानी रिंग बांध तक पहुंच गया। उसमें भी कटाव शुरू हो गया। वहीं, अमृतसर में रावी दरिया के किनारे धुस्सी बांध में आई बड़ी दरार ने हजारों एकड़ फसलों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है। यहां बचाव कार्य जारी है। मानसा जिले में भी हरियाणा की तरफ से घग्गर नदी के किनारे धुस्सी बांध टूटने से पानी पंजाब में प्रवेश करने लगा है।
लुधियाना में एनडीआरएफ, सेना व स्थानीय लोगों के साथ डीसी खुद बांधों के किनारों को मजबूत करने के लिए मैदान में उतर गए और मिट्टी के कट्टे लगाते नजर आए। डीसी ने कहा कि बांध के किनारे मजबूत करना जरूरी है ताकि लुधियाना को आपदा से बचाया जा सके। अगर रिंग बांध भी टूट गया तो भीषण तबाही मच सकती है जिसका असर लुधियाना की इंडस्ट्री पर पड़ेगा।
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इससे पहले जैसे ही धुस्सी बांध टूटने की खबर लोगों तक पहुंची उन्होंने धार्मिक स्थानों से अपील कर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर चले जाने को कहा ताकि बड़े नुकसान से बचा जा सके। लोगों के डर को दूर करने के लिए डीसी मौके पर पहुंचे और कहा कि फिलहाल हालात काबू कर लिए गए हैं। घबराने की जरूरत नहीं है। डीसी ने लोगों से अपील की कि वे अफवाहों पर विश्वास न करें। प्रशासन ससराली गांव में है और लगातार बचाव कार्य जारी है। गांव ससराली के धुस्सी बांध में होने वाले नुकसान की सूचना मिलने के बाद डिवीजनल कमिश्नर विनय बुबलानी ने वहां दौरा किया। उन्होंने डिप्टी कमिश्नर हिमांशु जैन से सारी अपडेट ली और प्रशासन को कई तरह के दिशा निर्देश भी जारी किए। इसके अलावा उन्होंने माल विभाग जंगलात विभाग और ड्रेनेज विभाग को पूरी रिपोर्ट देने के लिए कहा है। उन्होंने भी लोगों से अपील की है कि वह अफवाहों पर ध्यान न दें।
बाढ़ से मरने वालों की संख्या 48 पहुंची
पंजाब में बाढ़ की वजह से मरने वालों की संख्या 48 पहुंच गई है जबकि पठानकोट से लापता हुए तीन लोगों का भी कोई सुराग अभी तक नहीं लग पाया है। शनिवार को कपूरथला के फगवाड़ा में भाई-बहन की डूबने से मौत हो गई। इसके अलावा फिरोजपुर में भी एक युवक की डूबने से जान चली गई। अभी तक अमृतसर में 7, बरनाला में 5, बठिंडा में 4, होशियारपुर में 7, गुरदासपुर में 2, लुधियाना में 4, पठानकोट में 6, मानसा में 3, रूपनगर व मोहाली में 2-2 व फाजिल्का, फिरोजपुर, पटियाला व संगरूर में 1-1 व्यक्तियों की जान जा चुकी है। उधर, दरियाओं का पानी लगातार किसानों की फसलों को भी चपेट में ले रहा है। पानी में डूबकर बर्बाद हुई फसलों का रकबा बढ़कर 1,74,454 हेक्टेयर पहुंच गया है। फाजिल्का, कपूरथला, मानसा, फिरोजपुर, गुरदासपुर और तरनतारन में फसलों को ज्यादा नुकसान पहुंचा है।
राहत और बचाव कार्य में जुटे सैन्य बलों ने भी टुकड़ियों की संख्या 24 से बढ़कर 27 कर दी है जबकि एनडीआरएफ की 23 व एसडीआरएफ की 2 टीमें लोगों की मदद के लिए जुटी हुई हैं। पंजाब सरकार की ओर से 139 राहत शिविर लगाए हुए हैं जिनमें 6121 लोगों को रखा गया है। अभी तक सूबे के 1996 गांवों की 3,87,013 आबादी सीधे बाढ़ की मार झेल रही है।