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जालंधर बच्ची हत्यकांड: पास्टर अंकुर नरूला के बयान पर घमासान, पीड़ित परिवार बोला- जख्मों पर नमक छिड़का
संवाद न्यूज एजेंसी, जालंधर (पंजाब)
Published by: अंकेश ठाकुर
Updated Sun, 21 Dec 2025 03:39 PM IST
सार
हाल ही में पास्टर अंकुर नरूला ने अपने बयान में कहा था कि उनका काम पापियों को माफी का संदेश देना है और चर्च को उन्होंने स्पिरिचुअल अस्पताल बताया। उन्होंने बाइबल का हवाला देते हुए कहा कि यीशु धर्मियों के लिए नहीं, बल्कि पापियों और गलत राह पर चलने वालों के लिए हैं, जिन्हें प्रभु माफ कर देते हैं।
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पीड़ित परिवार के सदस्य।
- फोटो : संवाद
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विस्तार
पंजाब के जालंधर में 13 वर्षीय बच्ची की हत्या के मामले में पास्टर अंकुर नरूला के बयान ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। पास्टर अंकुर नरूला की तरफ से बच्ची की हत्या का आरोपी हरमिंदर सिंह उर्फ रिंपी को लेकर दिए गए बयान के बाद पीड़ित परिवार में रोष है। हाल ही में पास्टर अंकुर नरूला ने अपने बयान में कहा था कि उनका काम पापियों को माफी का संदेश देना है और चर्च को उन्होंने स्पिरिचुअल अस्पताल बताया। उन्होंने बाइबल का हवाला देते हुए कहा कि यीशु धर्मियों के लिए नहीं, बल्कि पापियों और गलत राह पर चलने वालों के लिए हैं, जिन्हें प्रभु माफ कर देते हैं।
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इस बयान के बाद पीड़ित परिवार का गुस्सा फूट पड़ा। परिवार का कहना है कि इस बयान से उनके जख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया गया है। उन्होंने कहा कि बेटी के साथ हुई दरिंदगी और उसकी मौत से पूरा पंजाब ही नहीं, बल्कि देश भर के लोग दुखी हैं, लेकिन कुछ प्रभावशाली लोग इस संवेदनशील मामले को गलत ढंग से उलझाकर झूठी शोहरत बटोरना चाहते हैं।
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परिवार ने सवाल उठाया कि अगर दोषियों को माफ करने की इतनी ही बात है, तो भारत की जेलों में बंद हत्या और बलात्कार के आरोपियों को क्यों नहीं रिहा करवा दिया जाता। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि पास्टर अंकुर नरूला को चाहिए कि वे सभी जेलें खाली करवाकर ऐसे आरोपियों को अपने घर ले जाएं और उनके पाप माफ कर दें।
परिवार ने यह भी कहा कि जिस तरह पास्टर ने आरोपी को माफी देने की बात कही, वैसी बात इस जघन्य घटना के बाद आज तक किसी और ने नहीं कही। उन्होंने आरोप लगाया कि इससे ऐसा प्रतीत होता है मानो आरोपी पास्टर का करीबी हो। साथ ही उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि एक अन्य पास्टर बलजिंदर, जो दुष्कर्म केस में जेल में सजा काट रहा है, उसके पाप क्यों माफ नहीं हुए।
पीड़ित परिवार ने साफ कहा कि पास्टर अंकुर नरूला को ऐसा बयान देने से बचना चाहिए था। अगर वे पीड़ित परिवार के साथ खड़े नहीं हो सकते थे, तो उन्हें ऐसे बयान देकर उनके दर्द को और बढ़ाने की जरूरत नहीं थी। इस बयान के बाद मामले ने धार्मिक और सामाजिक बहस का रूप ले लिया है।