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नगर परिषद प्रधान रेड्डी को मिली जमानत
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डेराबस्सी। जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल करने और सफाईकर्मी की पिटाई करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए नगर परिषद प्रधान रंजीत सिंह रेड्डी को आज उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी। 20 अगस्त से वह न्यायिक हिरासत में थे। उन्हें 25 दिन बाद आज जमानत मिली। वहीं अदालत ने वार्ड नंबर नौ की पार्षद आशा रानी के बेटे वरुण शर्मा की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। रंजीत सिंह रेड्डी की जमानत के दस्तावेज बुधवार को पटियाला जेल से घर पहुंचेंगे।
जानकारी के अनुसार नगर परिषद में कार्यरत ठेका सफाई कर्मचारी परागपुर निवासी भगवान सिंह की शिकायत पर पुलिस ने नगर परिषद प्रधान रंजीत सिंह रेड्डी, पार्षद के पति भूपिंदर शर्मा को गिरफ्तार किया था। वहीं पार्षद के बेटे और चार अज्ञात व्यक्तियों सहित कुल सात लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। पार्षद का बेटा वरुण शर्मा और उसके चार अज्ञात साथी फरार थे।
कांग्रेस के हलका प्रभारी दीपिंदर सिंह ढिल्लों ने कहा कि पुलिस ने राजनीतिक दबाव में यह झूठा मामला दर्ज किया था। इससे पहले उनके खिलाफ जिला सत्र न्यायालय में जमानत याचिका दायर की गई थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था। इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो जमानत मिल गई। दस्तावेज पूरे करने के बाद बुधवार को उन्हें पटियाला जेल से रिहा कर घर भेज दिया जाएगा।
पार्षद के बेटे की गिरफ्तारी पर रोक, पति की जमानत के लिए फिर दायर करेंगे याचिका
पार्षद आशा रानी के बेटे की गिरफ्तारी पर रोक लगाने के लिए अलग से हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर अदालत ने रोक लगा दी है। पार्षद के पति भूपेंद्र शर्मा अभी न्यायिक हिरासत में हैं। उनकी जमानत के लिए अदालत में दोबारा याचिका दायर की जाएगी।

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कांग्रेस के हलका प्रभारी दीपिंदर सिंह ढिल्लों ने कहा कि पुलिस ने राजनीतिक दबाव में यह झूठा मामला दर्ज किया था। इससे पहले उनके खिलाफ जिला सत्र न्यायालय में जमानत याचिका दायर की गई थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था। इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो जमानत मिल गई। दस्तावेज पूरे करने के बाद बुधवार को उन्हें पटियाला जेल से रिहा कर घर भेज दिया जाएगा।
पार्षद के बेटे की गिरफ्तारी पर रोक, पति की जमानत के लिए फिर दायर करेंगे याचिका
पार्षद आशा रानी के बेटे की गिरफ्तारी पर रोक लगाने के लिए अलग से हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर अदालत ने रोक लगा दी है। पार्षद के पति भूपेंद्र शर्मा अभी न्यायिक हिरासत में हैं। उनकी जमानत के लिए अदालत में दोबारा याचिका दायर की जाएगी।