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Mohali News: एक दिसंबर को शुरू होगा नया ग्रीनफील्ड कॉरीडोर, पांच राज्यों के लोगों मिलेगी ट्रैफिक जाम से निजात
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मोहाली। लंबे इंतजार और लगातार तीन डेडलाइन चूकने के बाद मोहाली-कुराली बाइपास अब एक दिसंबर से आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा। एनएच 205 ए की यह सड़क एयरपोर्ट रोड पर बढ़ते ट्रैफिक को कम करने में अहम भूमिका निभाएगी।
31 किलोमीटर लंबी यह सड़क मोहाली के आईटी चौक से शुरू होकर कुराली तक जाएगी। कुराली के बाद यह सड़क सिसवां बद्दी मार्ग को टच करेगी। इससे पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर की ओर जाने वाले वाहनों को एक वैकल्पिक मार्ग मिलेगा। हरियाणा और दिल्ली की ओर जाने वाले वाहनों को भी आसानी होगी। केंद्र सरकार की भारतमाला परियोजना के तहत 1,400 करोड़ की लागत से इसे तैयार किया गया है।
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार कुराली में हाई टेंशन बिजली लाइनों के कारण काम रुका था जिसे पूरा कर लिया गया है। रोड मार्किंग और कुछ अंतिम कार्य बाकी हैं, जिन्हें कुछ ही दिनों में में पूरा कर लिया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार 29 और 30 नवंबर को ट्रायल रन किए जाएंगे, जिसके बाद यह मार्ग पूरी तरह संचालन में आ जाएगा। फिलहाल इस सड़क पर थोड़ी बहुत आवाजाही चल रही है।
यातायात विशेषज्ञों का कहना है कि ग्रीनफील्ड रोड के शुरू होने से इंडस्ट्रियल हब बद्दी, न्यू चंडीगढ़ और मोहाली के बीच आवागमन तेज और सुगम होगा। साथ ही, व्यवसायिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। परियोजना से जुड़े इंजीनियरों ने बताया कि सड़क पर सुरक्षा मानकों को प्राथमिकता देते हुए अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। सड़क के दोनों ओर सेवा लेन,लाइटिंग और साइन बोर्ड लगाए गए हैं।
बारिश और बाढ़ के कारण हुई देरी
परियोजना की शुरुआत अक्टूबर 2022 में महाराष्ट्र की एक निर्माण कंपनी ने की थी, लेकिन भारी बारिश और बाढ़ के कारण जून और सितंबर की डेडलाइन मिस हो गई। अब अधिकांश कार्य पूरा हो चुका है। परियोजना को 2019 में प्रस्तावित खरड़-बनूड़-तेपला रोड प्रोजेक्ट के स्थान पर लाया गया था, जिसे अधिक लागत के कारण रद्द कर दिया गया था। यह यह सड़क चंडीगढ़-मोहाली की लाइफलाइन साबित होगी।
हाईटेक ऑटोमेटिक टोल टैक्स स्थापित
एनएचएआई की ओर से इस नए बाईपास गांव बजहेड़ी में टोल टैक्स बैरियर स्थापित किया है। जिसमें दोनों तरफ आठ आठ लेन बनाए गए हैं। इसमें एक एक लेन दोनों तरफ ओवरसाइज वाहनों के लिए अलग से बनाई गई है ताकि कोई दिक्कत न आए। जैसे ही वाहन इन लेन से गुजारेंगे तो ऑटोमेटिक सिस्टम से टोल कटेगा। यहां पर कोई भी कर्मचारी तैनात नहीं होगा। टोल ट्रैक्स पर निगरानी करने के लिए सिर्फ दो छोटे बूथ बनाए गए है जहां पर कर्मचारी अपनी डयूटी करेंगे और निगरानी करते नजर आएगें।
क्षेत्र में बदलेगा ट्रैफिक और विकास का नक्शा
नया कॉरिडोर चंडीगढ़, मोहाली, कुराली, अंबाला और पड़ोसी पहाड़ी इलाकों के बीच यात्रा समय को काफी घटाएगा। मोहाली-खरड़–कुराली रूट पर रोजाना आने-जाने वालों के लिए यह बाईपास जाम-रहित विकल्प साबित होगा। डेराबस्सी, लालड़ू, बद्दी, राजपुरा और बरवाला के उद्योगों को भी बेहतर फ्रेट मूवमेंट का लाभ मिलेगा। पंजाब, हरियाणा और हिमाचल को जोड़ने वाली लॉजिस्टिक्स चेन और मजबूत होगी।
ग्रीनफील्ड कॉरिडोर के साइन बोर्डों पर गलतियां उजागर
एनएचएआई की ओर से तैयार किए गए नए ग्रीनफील्ड कॉरिडोर पर लगाए गए साइन बोर्डों में भाषाई और नाम लिखने की गलतियां सामने आई हैं। कुछ बोर्डों पर शहरों के नाम हिंदी में गलत और पंजाबी में पूरे लिखे नहीं पाए गए। जबकि कुछ जगह स्पेलिंग भी गलत पाई गई।
क्या कहते हैं अधिकारी
एनएचएआई के प्रोजेक्ट मैनेजर गौरव ने बताया कि सड़क का काम पूरा कर लिया गया है। कुराली के पास काम पेंडिंग था वह भी तकरीबन पूरा हो चुका है। एक दिसंबर को सड़क पर आवाजाही शुरू कर दी जाएगी।
काॅरिडोर के निर्माण से ऐसे सफर होगा आसान
1 मोहाली के खरड़, खानपुर, कुराली, न्यू सन्नी एनक्लेव और आसपास के क्षेत्र के हजारों लोगों को एयरपोर्ट आना-जाना आसान हो जाएगा।
2 दिल्ली से आने वाले लोग इस काॅरिडोर के माध्यम से लुधियाना और जालंधर के लिए शहर में प्रवेश किए बिना ही बाहर से निकल सकते हैं।
3 काॅरिडोर के माध्यम से पूरे जम्मू-कश्मीर और हिमाचल के धर्मशाला, पालमपुर, बिलासपुर, हमीरपुर, बद्दी जाने वाले लोगों को जाम नहीं फंसना होगा
4 जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश से आने वाले वाहन चालक इस काॅरिडोर के रास्ते मोहाली-चंडीगढ़ के जाम में फंसे बिना सीधे एयरपोर्ट चाैक उतरने के बाद दिल्ली के लिए रवाना हो सकेंगे।
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31 किलोमीटर लंबी यह सड़क मोहाली के आईटी चौक से शुरू होकर कुराली तक जाएगी। कुराली के बाद यह सड़क सिसवां बद्दी मार्ग को टच करेगी। इससे पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर की ओर जाने वाले वाहनों को एक वैकल्पिक मार्ग मिलेगा। हरियाणा और दिल्ली की ओर जाने वाले वाहनों को भी आसानी होगी। केंद्र सरकार की भारतमाला परियोजना के तहत 1,400 करोड़ की लागत से इसे तैयार किया गया है।
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राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार कुराली में हाई टेंशन बिजली लाइनों के कारण काम रुका था जिसे पूरा कर लिया गया है। रोड मार्किंग और कुछ अंतिम कार्य बाकी हैं, जिन्हें कुछ ही दिनों में में पूरा कर लिया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार 29 और 30 नवंबर को ट्रायल रन किए जाएंगे, जिसके बाद यह मार्ग पूरी तरह संचालन में आ जाएगा। फिलहाल इस सड़क पर थोड़ी बहुत आवाजाही चल रही है।
यातायात विशेषज्ञों का कहना है कि ग्रीनफील्ड रोड के शुरू होने से इंडस्ट्रियल हब बद्दी, न्यू चंडीगढ़ और मोहाली के बीच आवागमन तेज और सुगम होगा। साथ ही, व्यवसायिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। परियोजना से जुड़े इंजीनियरों ने बताया कि सड़क पर सुरक्षा मानकों को प्राथमिकता देते हुए अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। सड़क के दोनों ओर सेवा लेन,लाइटिंग और साइन बोर्ड लगाए गए हैं।
बारिश और बाढ़ के कारण हुई देरी
परियोजना की शुरुआत अक्टूबर 2022 में महाराष्ट्र की एक निर्माण कंपनी ने की थी, लेकिन भारी बारिश और बाढ़ के कारण जून और सितंबर की डेडलाइन मिस हो गई। अब अधिकांश कार्य पूरा हो चुका है। परियोजना को 2019 में प्रस्तावित खरड़-बनूड़-तेपला रोड प्रोजेक्ट के स्थान पर लाया गया था, जिसे अधिक लागत के कारण रद्द कर दिया गया था। यह यह सड़क चंडीगढ़-मोहाली की लाइफलाइन साबित होगी।
हाईटेक ऑटोमेटिक टोल टैक्स स्थापित
एनएचएआई की ओर से इस नए बाईपास गांव बजहेड़ी में टोल टैक्स बैरियर स्थापित किया है। जिसमें दोनों तरफ आठ आठ लेन बनाए गए हैं। इसमें एक एक लेन दोनों तरफ ओवरसाइज वाहनों के लिए अलग से बनाई गई है ताकि कोई दिक्कत न आए। जैसे ही वाहन इन लेन से गुजारेंगे तो ऑटोमेटिक सिस्टम से टोल कटेगा। यहां पर कोई भी कर्मचारी तैनात नहीं होगा। टोल ट्रैक्स पर निगरानी करने के लिए सिर्फ दो छोटे बूथ बनाए गए है जहां पर कर्मचारी अपनी डयूटी करेंगे और निगरानी करते नजर आएगें।
क्षेत्र में बदलेगा ट्रैफिक और विकास का नक्शा
नया कॉरिडोर चंडीगढ़, मोहाली, कुराली, अंबाला और पड़ोसी पहाड़ी इलाकों के बीच यात्रा समय को काफी घटाएगा। मोहाली-खरड़–कुराली रूट पर रोजाना आने-जाने वालों के लिए यह बाईपास जाम-रहित विकल्प साबित होगा। डेराबस्सी, लालड़ू, बद्दी, राजपुरा और बरवाला के उद्योगों को भी बेहतर फ्रेट मूवमेंट का लाभ मिलेगा। पंजाब, हरियाणा और हिमाचल को जोड़ने वाली लॉजिस्टिक्स चेन और मजबूत होगी।
ग्रीनफील्ड कॉरिडोर के साइन बोर्डों पर गलतियां उजागर
एनएचएआई की ओर से तैयार किए गए नए ग्रीनफील्ड कॉरिडोर पर लगाए गए साइन बोर्डों में भाषाई और नाम लिखने की गलतियां सामने आई हैं। कुछ बोर्डों पर शहरों के नाम हिंदी में गलत और पंजाबी में पूरे लिखे नहीं पाए गए। जबकि कुछ जगह स्पेलिंग भी गलत पाई गई।
क्या कहते हैं अधिकारी
एनएचएआई के प्रोजेक्ट मैनेजर गौरव ने बताया कि सड़क का काम पूरा कर लिया गया है। कुराली के पास काम पेंडिंग था वह भी तकरीबन पूरा हो चुका है। एक दिसंबर को सड़क पर आवाजाही शुरू कर दी जाएगी।
काॅरिडोर के निर्माण से ऐसे सफर होगा आसान
1 मोहाली के खरड़, खानपुर, कुराली, न्यू सन्नी एनक्लेव और आसपास के क्षेत्र के हजारों लोगों को एयरपोर्ट आना-जाना आसान हो जाएगा।
2 दिल्ली से आने वाले लोग इस काॅरिडोर के माध्यम से लुधियाना और जालंधर के लिए शहर में प्रवेश किए बिना ही बाहर से निकल सकते हैं।
3 काॅरिडोर के माध्यम से पूरे जम्मू-कश्मीर और हिमाचल के धर्मशाला, पालमपुर, बिलासपुर, हमीरपुर, बद्दी जाने वाले लोगों को जाम नहीं फंसना होगा
4 जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश से आने वाले वाहन चालक इस काॅरिडोर के रास्ते मोहाली-चंडीगढ़ के जाम में फंसे बिना सीधे एयरपोर्ट चाैक उतरने के बाद दिल्ली के लिए रवाना हो सकेंगे।