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Piyush Goyal: 'भारत में इस्राइल की कंपनियों के लिए निवेश के बड़े अवसर', बोले केंदीय मंत्री पीयूष गोयल
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली/तेल अवीव
Published by: कुमार विवेक
Updated Thu, 20 Nov 2025 03:19 PM IST
सार
Piyush Goyal: वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भारत-इस्राइल व्यापारिक शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा है कि दोनों देशों के बीच असीमित संभावनाएं हैं। यह पहली बार है जब कोई भारतीय वाणिज्य मंत्री इस्राइल के आधिकारिक दौरे पर गया है। गोयल 60 सदस्यीय व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल के साथ इस्राइल पहुंचे हैं। गोयल और इस्राइल के अर्थव्यवस्था मंत्री नीर बरकत ने अपने-अपने संबोधन में क्या-क्या कहा, यहां पढ़ें।
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पीयूष गोयल
- फोटो : PTI
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विस्तार
भारत, इस्राइल की कंपनियों के लिए निवेश और साझेदारी के व्यापक अवसर उपलब्ध करा रहा है। भारत के वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को अपने इस्राइल दौरे पर यह बात कही। गोयल ने कहा कि दोनों देश उद्योग के बुनियादी ढांचा विकास, विनिर्माण और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे भविष्य-उन्मुख क्षेत्रों में सहयोग को और तेज कर सकते हैं। गोयल ने बताया कि सहयोग के अन्य संभावित क्षेत्रों में फिनटेक, कृषि-तकनीक, मशीन लर्निंग, क्वांटम कंप्यूटिंग, फार्मास्यूटिकल्स, अंतरिक्ष तकनीक और रक्षा शामिल हैं।
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भारत-इस्राइल व्यापारिक शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए गोयल ने कहा, “दोनों देशों के बीच संभावनाएँ असीमित हैं।" यह पहली बार है जब कोई भारतीय वाणिज्य मंत्री इस्राइल के आधिकारिक दौरे पर गया है। गोयल 60 सदस्यीय व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल के साथ इस्राइल पहुंचे हैं। दौरे के दौरान वे सरकारी और व्यावसायिक नेताओं के साथ बैठकों में द्विपक्षीय व्यापार एवं निवेश को मज़बूत करने के उपायों पर चर्चा करेंगे।
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मंत्री ने कहा कि भारत को निवेश का आकर्षक केंद्र बनाने वाले "10 डी"हैं। ये हैं लोकतंत्र (democracy), जनसांख्यिकीय लाभांश (demographic dividend), डिजिटलीकरण (digitalisation), तेजे गति से विकास (fast pace development), निर्णायक नेतृत्व समेत अन्य कारक (decisive leadership)।
उन्होंने कहा, भारत निवेशकों और कारोबारियों के लिए बेहद अनुकूल माहौल प्रदान करता है। यह दोनों देशों के उद्योगों के लिए अपार अवसर खोलता है।” इस्राइल के अर्थव्यवस्था मंत्री नीर बरकत ने मंच से कहा कि भारत, इस्राइल के लिए एक 'बेहतरीन पार्टनर' है। उन्होंने कहा, “भारत अगली बड़ी शक्ति है… भारतीय इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियां इस्राइल में आकर बड़े प्रोजेक्ट्स के लिए बोली लगा सकती हैं।”
बरकत ने भारत-मध्य पूर्व–यूरोप आर्थिक गलियारे (IMEC) को भी सहयोग बढ़ाने के बड़े अवसर के तौर पर रेखांकित किया। आईएमईसी का उद्देश्य भारत, सऊदी अरब, अमेरिका और यूरोप को सड़क, रेल और समुद्री मार्गों के व्यापक नेटवर्क से जोड़ना है। इससे एशिया, मध्य पूर्व और पश्चिमी देशों के बीच व्यापारिक एकीकरण को बढ़ावा मिलेगा। यह पहल सितंबर 2023 में दिल्ली में हुए G20 शिखर सम्मेलन में अंतिम रूप दी गई थी।
बरकत ने कहा, “IMEC एक शानदार विचार है।” व्यापार आंकड़ों की बात करें तो 2024-25 में भारत का इस्राइल को निर्यात 52% घटकर 2.14 अरब डॉलर रह गया, जो 2023-24 में 4.52 अरब डॉलर था। इसी अवधि में आयात भी 26.2% घटकर 1.48 अरब डॉलर पर आ गया। अप्रैल 2000 से जून 2025 के बीच, भारत ने इज़राइल से 337.77 मिलियन डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) प्राप्त किया है।