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SEBI: 'अगले तीन से पांच साल में दोगुना होगा भारत का निवेशक आधार', सेबी अध्यक्ष तुहिन कांत पांडे ने किया दावा

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, मुंबई Published by: रिया दुबे Updated Thu, 20 Nov 2025 03:18 PM IST
सार

सेबी के अध्यक्ष तुहिन कांत पांडे ने कहा कि भारत का अद्वितीय निवेशक आधार अगले तीन से पांच वर्षों में दोगुना होने की संभावना है। भारतीय पूंजी बाजारों को मजबूत घरेलू कारकों का समर्थन मिल रहा है, जिसमें घरेलू भागीदारी शामिल है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस सहित सरकारी सहभागिता और कैपिटल मार्केट की वृद्धि निवेशकों में भारतीय बाजारों में विश्वास को बढ़ाती है।

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India's investor base will double in the next three to five years, claims SEBI Chairman Tuhin Kant Pandey
तुहिन कांत पांडे, सेबी चेयरमैन - फोटो : ANI
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विस्तार
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सीआईआई फाइनेंसिग समिट के दौरान बोलते हुए सेबी के अध्यक्ष तुहिन कांत पांडे ने कहा कि भारत का अद्वितीय निवेशक आधार अगले तीन से पांच वर्षों में दोगुना होने की संभावना है क्योंकि इक्विटी भागीदारी मौजूदा समय में काफी कम है। उन्होंने कहा कि घरेलू बचत के बड़े हिस्से को पूंजी बाजारों में लगाने के लिए लगातार आर्थिक विस्तार की जरूरत है। भारतीय परिवारों और घरेलू संस्थाओं के पास अब विदेशी पोर्टफोलियों निवेशकों (एफपीआई) की तुलना में सूचीबद्ध इक्विटी का बड़ा हिस्सा है और देश के लगभग 135 मिलियन अद्वितीय बाजार प्रतिभागी हैं।

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घरेलू बाजार को लेकर जागरूकता जरूरी

उन्होने कहा कि हाल ही में सेबी ने एक सर्वेक्षण में पाया है कि 63 प्रतिशत उत्तरदाताओं को प्रतिभूति बाजार की जानकारी है, लेकिन मौजूदा समय में केवल 9.5 प्रतिशत परिवार ही इसमें निवेश करते हैं। अन्य 22 प्रतिशत अगले 12 महीने में बाजार में प्रवेश करने पर विचार कर रहे हैं।  उन्होंने सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि यह प्रवृत्ति नियामकों, जारीकर्ताओं और मध्यस्थों पर पेशकशों की सुरक्षा और गुणवत्ता सुनिश्चित करने की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है।

वैश्विक अनिश्चितता और भारतीय बाजार

सेबी अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय पूंजी बाजारों को मजबूत घरेलू कारकों का समर्थन मिल रहा है, जिसमें घरेलू भागीदारी शामिल है। वहीं वैश्विक अनिश्चितताओं पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिकी बाजार में क्या होगा इस पर मैं कुछ नहीं कह सकता लेकिन चितांए बनी हुई है, जो जोखिम पैदा कर रही हैं। भारतीय बाजारों में देखें तो भारतीय रिजर्व बैंक और सेबी निवेशक सुरक्षा के लिए मिलकर काम कर रहा है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस सहित सरकारी सहभागिता और कैपिटल मार्केट की वृद्धि निवेशकों में भारतीय बाजारों में विश्वास को बढ़ाती है। भारत की विकास गाथा को ठोस बुनियादी ढांचे, जनसांख्यिकी, प्रतिभाओं की एक विस्तृत शृंखला और निरंतर सार्वजनिक व निजी निवेश का समर्थन प्राप्त है। ये कारक, निवेशकों के विश्वास के साथ मिलकर, झटकों के विरुद्ध एक ढाल का काम करते हैं।

नियामक की जोखिमों पर नजर

उन्होंने कहा कि सेबी और भारतीय रिजर्व बैंक एक साथ मिलकर ऐसे मॉडल पर काम कर रहे हैं, जो म्यूचुअल फंड्स में तरलता, तनाव और दबाव सहित परस्पर जुड़े जोखिम पर नजर रखते हैं। हम नई तकनीकों, जिसमें एआई, एल्गोरिदम और टोकनाइजेशन को तेजी से अपनाने के बारे में काम कर रहे हैं। उभरती हुई नई तकनीकों के जोखिम को कम करने के लिए भी विनियमन को विकिसत किया जाएगा। डिजिटल बाजार की हिस्सेदारी बढ़ रही है, इसलिए साइबर धोखाधड़ी और जोखिम भी बढ़े हैं। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि नए निवेशक सुरक्षित और जिम्मेदारी से बाजार में प्रवेश करें और अगले पांच वर्षो में पूंजी बाजारों को एक नए स्तर पर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।

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