सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Punjab ›   Patiala News ›   How former Punjab IG Amar Singh fell into a trap of fraudsters

कहानी डिजिटल जाल की: पूर्व IG का 12 पेज का सुसाइड नोट, पढ़ें ठगों की करोड़ों लूटने की फुलप्रूफ प्लानिंग

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटियाला Published by: विकास कुमार Updated Tue, 23 Dec 2025 06:37 PM IST
सार

अमर सिंह चहल ने सुसाइड नोट में लिखा है कि वह इस जाल में इस कदर फंस गए कि बाहर निकलने का रास्ता नहीं दिखा। उन्होंने अपने तीन बैंक खातों- एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक से आठ करोड़ 10 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए।

विज्ञापन
How former Punjab IG Amar Singh fell into a trap of fraudsters
पंजाब के पूर्व आईजी अमर सिंह चहल - फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

पंजाब पुलिस के रिटायर्ड इंस्पेक्टर जनरल (आईजी) अमर सिंह चहल ने सोमवार को अपने घर में तैनात सुरक्षाकर्मी की लाइसेंसी रिवॉल्वर से खुद को छाती में गोली मार ली। गंभीर हालत में उन्हें पटियाला-राजपुरा रोड स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां डॉक्टरों की टीम उनका इलाज कर रही है। उनकी स्थिति अब भी नाजुक बताई जा रही है।

Trending Videos

8 करोड़ 10 लाख की ठगी हुई
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। जांच के दौरान अमर सिंह चहल द्वारा लिखा गया 12 पेज का सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जो पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव के नाम संबोधित है। इस नोट में उन्होंने खुद के साथ हुई 8 करोड़ 10 लाख रुपये की ऑनलाइन ठगी का विस्तार से जिक्र किया है और मानसिक तनाव व आर्थिक नुकसान की पीड़ा बयां की है।

विज्ञापन
विज्ञापन

निवेश के नाम पर रची गई ठगी की साजिश
सुसाइड नोट में पूर्व आईजी ने लिखा है कि वह एक संगठित ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार हुए। ठगों ने खुद को 'वेल्थ इक्विटी एडवाइजर' बताते हुए निवेश का झांसा दिया। एक व्यक्ति ने खुद की पहचान डीबीएस बैंक के सीईओ डॉ. रजत वर्मा के रूप में कराई और शेयर बाजार, आईपीओ व ट्रेडिंग से जुड़े टिप्स देने शुरू किए।

डिजिटल डैशबोर्ड पर दिखाया जाता था मुनाफा
उसकी प्रोफाइल पर सीईओ की फोटो लगी थी, जिससे भरोसा और गहरा हुआ। एक ऑनलाइन ग्रुप बनाया गया, जहां निवेश से जुड़े सवाल पूछने पर तुरंत जवाब मिलते थे। कुछ समय बाद निवेशकों को एक डिजिटल डैशबोर्ड दिखाया गया, जिसमें भारी मुनाफा दर्शाया जा रहा था।

आईपीओ, ओटीसी ट्रेड और क्वांट फंड्स का लालच
सुसाइड नोट के मुताबिक डैशबोर्ड पर चार तरह की स्कीमें दिखाई गईं- डेली ट्रेड स्टॉक्स, ओटीसी ट्रेड, आईपीओ और क्वांटिटेटिव फंड्स। हर नई स्कीम में पिछली से ज्यादा रिटर्न दिखाया जाता था। ठगों ने दावा किया कि डीबीएस ग्रुप को आईपीओ में डिस्काउंटेड रेट पर शेयर मिलते हैं। ओटीसी ट्रेड में 30–40 फीसदी और क्वांटिटेटिव फंड्स में 50 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिखाकर उन्हें निवेश के लिए लगातार उकसाया गया।

तीन खातों से 8 करोड़ से ज्यादा रुपये ट्रांसफर
अमर सिंह चहल ने सुसाइड नोट में लिखा है कि वह इस जाल में इस कदर फंस गए कि बाहर निकलने का रास्ता नहीं दिखा। उन्होंने अपने तीन बैंक खातों- एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक से आठ करोड़ 10 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। इसमें से करीब सात करोड़ रुपये उन्होंने उधार लेकर निवेश किए थे। सुसाइड नोट में उन्होंने बैंक डिटेल्स, आईएफएससी कोड और ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड तक दर्ज किए हैं। 

यहां से आया मानसिक तनाव
जब उन्होंने पैसे निकालने की कोशिश की, तो मुनाफा दिखाने वाला डैशबोर्ड फर्जी साबित हुआ और ठगों की ओर से उगाही व दबाव शुरू हो गया। यहीं से उनका मानसिक तनाव और बढ़ता चला गया।

जांच में जुटी पुलिस
फिलहाल पुलिस पूरे मामले की गहन जांच कर रही है। ठगी की रकम किन खातों में गई, कौन-कौन लोग इसमें शामिल थे और यह नेटवर्क कितना बड़ा है-इन सभी बिंदुओं की जांच की जा रही है। अमर सिंह चहल का परिवार अभी सदमे में है और कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं है। पुलिस को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में परिवार के बयान से जांच को और अहम सुराग मिल सकते हैं।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed