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पावरकाम के तीन अधिकारियों समेत सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर निलंबित
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अमर उजाला ब्यूरो
पटियाला। पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन लिमिटेड (पावरकाम) ने बिजली की लाइनें बिछाने के वर्क ऑर्डर जारी करने में अनियमितताएं पाए जाने पर सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर समेत तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। निलंबित अधिकारियों में डिस्ट्रिब्यूशन सर्कल फिरोजपुर के सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर (एसई) भूपिंदर सिंह, डिवीजनल लेखाकार जसविंदर सिंह और सर्कल असिस्टेंट अशोक कुमार शामिल हैं। इनके अलावा विभाग ने इन अनियमितताओं में शामिल एक कंप्यूटर ऑपरेटर की सेवाएं भी खत्म कर दी हैं। जानकारी के अनुसार बिजली मंत्री हरभजन सिंह ने पावरकॉम की ममदोट सब डिवीजन में बिजली की लाइनें बिछाने संबंधी वर्क ऑर्डर जारी करने में अनियमितताओं की शिकायत मिलने के बद जांच के आदेश दिए थे।
जानकारी के मुताबिक पावरकॉम के तकनीकी ऑडिट विंग की ओर से की गई प्राथमिक जांच में पाया गया कि अधिकारियों व कर्मचारियों ने उन कार्यों के लिए वर्क ऑर्डर जारी करने के लिए मिलीभगत की थी, जो पिछले वर्षों में पहले ही मुकम्मल हो चुके थे। 2017-18, 2018-19 और 2019-20 वित्तीय वर्षों के दौरान किए गए कार्यों के 41.88 लाख रुपये के वर्क ऑर्डर 2020-21 और 2021-22 में दिए गए थे। इसके अलावा ये वर्क ऑर्डर पिछले वर्षों में जब ये कार्य किए गए थे, उस समय की कीमत की अपेक्षा अधिक कीमत पर दिए गए थे। जिससे पावरकॉम को काफी वित्तीय नुकसान हुआ। यह भी देखा गया कि कुछ मामलों में एक ही काम के लिए अलग-अलग ठेकेदारों को दो वर्क ऑर्डर दिए गए थे और भुगतान भी जारी किए गए थे।
बिजली मंत्री हरभजन सिंह ने कहा कि प्राथमिक रिपोर्ट के आधार पर पावरकॉम ने इस मामले में शामिल अधिकारियों व कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है और मामले में और विस्तृत जांच के आदेश दिए गए हैं। यह जांच मुख्य इंजीनियर/एनफोर्समेंट और पावरकॉम के मुख्य वित्त अफसर की एक उच्च स्तरीय समिति की ओर से करवाई जाएगी। जिससे सब-डिवीजन स्तर से लेकर चीफ इंजीनियर दफ्तर तक सभी संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों की भूमिका की व्यापक जांच की जा सके।
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जानकारी के मुताबिक पावरकॉम के तकनीकी ऑडिट विंग की ओर से की गई प्राथमिक जांच में पाया गया कि अधिकारियों व कर्मचारियों ने उन कार्यों के लिए वर्क ऑर्डर जारी करने के लिए मिलीभगत की थी, जो पिछले वर्षों में पहले ही मुकम्मल हो चुके थे। 2017-18, 2018-19 और 2019-20 वित्तीय वर्षों के दौरान किए गए कार्यों के 41.88 लाख रुपये के वर्क ऑर्डर 2020-21 और 2021-22 में दिए गए थे। इसके अलावा ये वर्क ऑर्डर पिछले वर्षों में जब ये कार्य किए गए थे, उस समय की कीमत की अपेक्षा अधिक कीमत पर दिए गए थे। जिससे पावरकॉम को काफी वित्तीय नुकसान हुआ। यह भी देखा गया कि कुछ मामलों में एक ही काम के लिए अलग-अलग ठेकेदारों को दो वर्क ऑर्डर दिए गए थे और भुगतान भी जारी किए गए थे।
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बिजली मंत्री हरभजन सिंह ने कहा कि प्राथमिक रिपोर्ट के आधार पर पावरकॉम ने इस मामले में शामिल अधिकारियों व कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है और मामले में और विस्तृत जांच के आदेश दिए गए हैं। यह जांच मुख्य इंजीनियर/एनफोर्समेंट और पावरकॉम के मुख्य वित्त अफसर की एक उच्च स्तरीय समिति की ओर से करवाई जाएगी। जिससे सब-डिवीजन स्तर से लेकर चीफ इंजीनियर दफ्तर तक सभी संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों की भूमिका की व्यापक जांच की जा सके।