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Rajasthan Politics: पूर्व सीएम गहलोत बोले- वसुंधरा को मौका नहीं देना BJP की गलती, 'भागवत' दें मोहब्बत का संदेश
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, अजमेर
Published by: अजमेर ब्यूरो
Updated Sun, 07 Sep 2025 01:30 PM IST
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सार
पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने अजमेर में प्रेसवार्ता की है। इस दौरान उन्होंने वसुंधरा राजे के पक्ष में बड़ा बयान दिया है। गहलोत ने कहा कि भाजपा अगर वसुंधरा राजे फिर से मुख्यमंत्री बनतीं तो मजा आता, लेकिन उनकी ही पार्टी उन्हें यह मौका नहीं दे रही है।

अजमेर सर्किट हाउस में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने की प्रेस वार्ता
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विस्तार
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार सुबह अजमेर सर्किट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र और प्रदेश की राजनीति पर तीखे बयान दिए। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा वसुंधरा राजे फिर से मुख्यमंत्री बनतीं तो मजा आता, लेकिन उनकी ही पार्टी उन्हें यह मौका नहीं दे रही है। यह भाजपा की सबसे बड़ी गलती है। गहलोत ने कहा कि वसुंधरा अनुभवी नेता हैं, उन्हें क्यों दरकिनार किया जा रहा है, यह सवाल बीजेपी से पूछा जाना चाहिए।
मोहन भागवत को लेकर जानें क्या बोले गहलोत
गहलोत ने कहा कि भाजपा की नेचुरल चॉइस वसुंधरा राजे होनी चाहिए थीं, लेकिन उन्हें अवसर नहीं मिला। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, वसुंधरा राजे के किससे क्या संबंध हैं, यह मुझसे क्यों पूछा जा रहा है? गहलोत से यह सवाल वसुंधरा और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की जोधपुर में RSS प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात को लेकर पूछा गया था। पूर्व मुख्यमंत्री ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के जोधपुर दौरे पर कहा कि यह हमारे लिए सौभाग्य है कि उन्होंने जोधपुर को चुना। उम्मीद है कि वहां से मोहब्बत, भाईचारे और एकता का संदेश जाएगा। गहलोत ने कहा कि जोधपुर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि बहुत समृद्ध है, इसलिए वहां से सकारात्मक संदेश दिया जाना चाहिए।
'अगर स्वयंसेवक को छूट है, तो वही तो RSS है'
उन्होंने भागवत के बयानों पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह अच्छी बातें करते-करते अचानक ऐसे मुद्दे उठा देते हैं, जिससे विवाद खड़ा हो जाता है। काशी और मथुरा के संदर्भ में उन्होंने स्वयंसेवकों को छूट देने की बात कही। गहलोत ने कहा कि अगर स्वयंसेवक को छूट है, तो वही तो RSS है। फिर ऐसी बयानबाजी क्यों की जाती है, जिससे देश में भ्रम की स्थिति पैदा हो। उन्होंने कहा कि पूरा देश चुप है। लेकिन चिंतित है और इंतजार कर रहा है कि यह दिशा आखिर कहां जाएगी।
'मेरी फोटो वाली किट बंद कर दी'
गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आयुष्मान भारत योजना को लेकर भी बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि यह योजना दरअसल मनमोहन सिंह सरकार के समय हुए सोशल इकोनॉमिक कास्ट सेंसस सर्वे पर आधारित है। उसी सर्वे में पात्र पाए गए लोगों के लिए यह योजना बनी। लेकिन जनता को समझ नहीं आ रहा है कि यह सबकी योजना नहीं है। गहलोत ने दावा किया कि उनकी सरकार की स्वास्थ्य योजना पूरे राजस्थान के लिए थी। यह सबसे बड़ी जनकल्याणकारी योजना थी, जिसे अब कमजोर किया जा रहा है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि “मेरी फोटो वाली किट बंद कर दी, भजनलाल शर्मा की फोटो लगा देते, लेकिन योजना क्यों बंद की गई?”
ये भी पढ़ें- Lawrence Bishnoi Gang: बीकनेर पुलिस ने लॉरेंस गैंग के दो गुर्गों को हथियार सहित किया गिरफ्तार, बड़ी वारदात टली
आखिरकार बोलना तो पड़ेगा...?
गहलोत ने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से प्रधानमंत्री के विरोधी नहीं हैं, बल्कि विपक्ष के नाते सवाल उठाना उनकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली, राजस्थान और गांव-गांव में क्या हो रहा है, यह प्रधानमंत्री को खुद देखना चाहिए। गहलोत ने कहा, “हम उन्हें कब तक छोड़ेंगे, आखिरकार बोलना तो पड़ेगा। विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं, व्यक्तिगत तौर पर विरोध नहीं कर रहे। यह बात प्रधानमंत्री और बीजेपी नेताओं को समझनी चाहिए।”
अजमेर में प्रेस वार्ता के बाद गहलोत जयपुर के लिए रवाना हो गए। शनिवार को उन्होंने अजमेर दौरे के दौरान स्वास्तिक नगर सहित कई प्रभावित इलाकों का दौरा कर पीड़ितों से मुलाकात की थी।
ये भी पढ़ें- Rajasthan: तालाब की पाल टूटी और ऐसे तबाह हुआ स्वास्तिक नगर, त्रासदी के बाद अब सिर्फ पानी और आंसू; तस्वीरें

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गहलोत ने कहा कि भाजपा की नेचुरल चॉइस वसुंधरा राजे होनी चाहिए थीं, लेकिन उन्हें अवसर नहीं मिला। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, वसुंधरा राजे के किससे क्या संबंध हैं, यह मुझसे क्यों पूछा जा रहा है? गहलोत से यह सवाल वसुंधरा और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की जोधपुर में RSS प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात को लेकर पूछा गया था। पूर्व मुख्यमंत्री ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के जोधपुर दौरे पर कहा कि यह हमारे लिए सौभाग्य है कि उन्होंने जोधपुर को चुना। उम्मीद है कि वहां से मोहब्बत, भाईचारे और एकता का संदेश जाएगा। गहलोत ने कहा कि जोधपुर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि बहुत समृद्ध है, इसलिए वहां से सकारात्मक संदेश दिया जाना चाहिए।
'अगर स्वयंसेवक को छूट है, तो वही तो RSS है'
उन्होंने भागवत के बयानों पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह अच्छी बातें करते-करते अचानक ऐसे मुद्दे उठा देते हैं, जिससे विवाद खड़ा हो जाता है। काशी और मथुरा के संदर्भ में उन्होंने स्वयंसेवकों को छूट देने की बात कही। गहलोत ने कहा कि अगर स्वयंसेवक को छूट है, तो वही तो RSS है। फिर ऐसी बयानबाजी क्यों की जाती है, जिससे देश में भ्रम की स्थिति पैदा हो। उन्होंने कहा कि पूरा देश चुप है। लेकिन चिंतित है और इंतजार कर रहा है कि यह दिशा आखिर कहां जाएगी।
'मेरी फोटो वाली किट बंद कर दी'
गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आयुष्मान भारत योजना को लेकर भी बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि यह योजना दरअसल मनमोहन सिंह सरकार के समय हुए सोशल इकोनॉमिक कास्ट सेंसस सर्वे पर आधारित है। उसी सर्वे में पात्र पाए गए लोगों के लिए यह योजना बनी। लेकिन जनता को समझ नहीं आ रहा है कि यह सबकी योजना नहीं है। गहलोत ने दावा किया कि उनकी सरकार की स्वास्थ्य योजना पूरे राजस्थान के लिए थी। यह सबसे बड़ी जनकल्याणकारी योजना थी, जिसे अब कमजोर किया जा रहा है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि “मेरी फोटो वाली किट बंद कर दी, भजनलाल शर्मा की फोटो लगा देते, लेकिन योजना क्यों बंद की गई?”
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आखिरकार बोलना तो पड़ेगा...?
गहलोत ने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से प्रधानमंत्री के विरोधी नहीं हैं, बल्कि विपक्ष के नाते सवाल उठाना उनकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली, राजस्थान और गांव-गांव में क्या हो रहा है, यह प्रधानमंत्री को खुद देखना चाहिए। गहलोत ने कहा, “हम उन्हें कब तक छोड़ेंगे, आखिरकार बोलना तो पड़ेगा। विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं, व्यक्तिगत तौर पर विरोध नहीं कर रहे। यह बात प्रधानमंत्री और बीजेपी नेताओं को समझनी चाहिए।”
अजमेर में प्रेस वार्ता के बाद गहलोत जयपुर के लिए रवाना हो गए। शनिवार को उन्होंने अजमेर दौरे के दौरान स्वास्तिक नगर सहित कई प्रभावित इलाकों का दौरा कर पीड़ितों से मुलाकात की थी।
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