Ajmer News: आनासागर झील में नालों का गंदा पानी गिराने पर सख्ती, NGT ने निगम पर लगाया 38 करोड़ का बड़ा जुर्माना
Ajmer Anasagar Lake News: आनासागर झील के संरक्षण के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। झील में नालों का गंदी पानी गिराने के मामले में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने कड़ी फटकार लगाई है। अजमेर नगर निगम पर 38 करोड़ रुपये से अधिक का हर्जाना लगाया गया है।

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Ajmer Anasagar Lake News: आनासागर झील के संरक्षण के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। झील में नालों का गंदी पानी गिराने के मामले में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने कड़ी फटकार लगाई है। अजमेर नगर निगम पर 38 करोड़ रुपये से अधिक का हर्जाना लगाया गया है।

अजमेर की ऐतिहासिक आनासागर झील में नालों से गिर रहे गंदे पानी और प्रदूषण को लेकर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने कड़ा रुख अपनाया है। एनजीटी ने नगर निगम अजमेर पर 38 करोड़ 70 लाख 75 हजार रुपए का भारी-भरकम जुर्माना लगाया है। आदेश के मुताबिक नगर निगम को यह राशि 60 दिनों के भीतर जमा करवानी होगी। समय पर राशि जमा नहीं करने पर हर महीने डेढ़ प्रतिशत अतिरिक्त पेनल्टी देनी होगी।
बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया था
भारतीय पब्लिक लेबर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबूलाल साहू ने बताया कि लंबे समय से आनासागर झील में नालों का गंदा पानी गिरने से झील की सुंदरता और पर्यावरण दोनों खतरे में थे। झील के आसपास दुर्गंध फैलने से स्थानीय लोगों को परेशानी हो रही थी और बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया था। इसी को लेकर उन्होंने मार्च 2023 में एनजीटी में परिवाद दायर किया था।
एनजीटी ने गठित की थी टीम
इस मामले की सुनवाई के बाद एनजीटी ने इसे गंभीर मानते हुए दर्ज कर लिया और आगे की कार्रवाई शुरू की। इसके बाद प्रकरण को भोपाल बेंच में ट्रांसफर कर दिया गया। नगर निगम की ओर से अदालत में शपथपत्र देकर दावा किया गया कि आनासागर झील में गिरने वाले सभी नालों को पैक कर दिया गया है। हालांकि, एनजीटी ने स्थिति की वास्तविकता जानने के लिए एक टीम गठित की, जिसमें पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और राजस्थान पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारी शामिल थे।
13 नाले अब भी सीधे आनासागर झील में गिर रहे हैं
टीम ने 30 जुलाई 2025 को स्थल निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान टीम ने पाया कि नगर निगम के दावों के बावजूद 13 नाले अब भी सीधे आनासागर झील में गिर रहे हैं। इससे साफ हुआ कि निगम की रिपोर्ट तथ्यों से मेल नहीं खा रही थी। टीम की ओर से यह विस्तृत रिपोर्ट एनजीटी को सौंपी गई।
रिपोर्ट के आधार पर 16 अप्रैल 2025 को एनजीटी ने नगर निगम अजमेर पर 38 करोड़ 70 लाख 75 हजार रुपए का जुर्माना लगाने का आदेश जारी किया। साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया कि यदि निर्धारित समयावधि यानी 60 दिन में राशि जमा नहीं करवाई गई, तो हर महीने डेढ़ प्रतिशत अतिरिक्त पेनल्टी लागू होगी।
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'यह कार्रवाई न केवल पर्यावरण संरक्षण के लिए अहम'
बाबूलाल साहू ने कहा कि यह कार्रवाई न केवल पर्यावरण संरक्षण के लिए अहम है, बल्कि नगर निगम की जिम्मेदारियों को लेकर भी एक बड़ा संदेश है। आनासागर झील अजमेर की ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहर है, ऐसे में इसमें गंदे पानी का गिरना न केवल झील की खूबसूरती को प्रभावित करता है, बल्कि पर्यावरण और स्वास्थ्य पर भी गंभीर खतरा पैदा करता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि नगर निगम अब जिम्मेदारी दिखाते हुए इस आदेश का पालन करेगा और झील को प्रदूषणमुक्त करने की दिशा में ठोस कदम उठाएगा।
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