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Barmer News: जांगिड़ समाज में नहीं होंगे प्री-वेडिंग शूट, डीजे पर भी लगी रोक,महापंचायत में हुआ बड़ा फैसला
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बाड़मेर
Published by: बाड़मेर ब्यूरो
Updated Fri, 21 Nov 2025 02:37 PM IST
सार
बाड़मेर में जांगिड़ समाज की महापंचायत हुई। इसमें फैसला लिया गया कि शादियों की फिजूलखर्ची को रोका जाए। इसके तहत कई तरह की पाबंदियां लगाई गईं हैं।
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जांगिड़ महापंचायत में शादी विवाह में फिजूलखर्ची को रोकने के लिए कई फैसले हुए
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
बाड़मेर के जांगिड़ समाज की महापंचायत हुई। इसमें बाड़मेर, बालोतरा और जैसलमेर के समाज के लोग शामिल हुए। इस महापंचायत शादी, सगाई सहित समस्त सामाजिक कार्यक्रमों के आयोजन पूर्ण सादगी और अपनी संस्कृति, मूल्यों और परम्पराओं के साथ करने का फैसला हुआ। आयोजन के नाम पर कोई दिखावा व फिजूलखर्ची नहीं की जाएगी। नशे, प्री वेडिंग, डीजे पर पूर्ण रोक एवं विवाह के दौरान आभूषण की भी सीमा का निर्धारण भी महापंचायत में किया गया।
जांगिड़ पंचायत के मीडिया प्रमुख लव कुमार धीर ने बताया कि वर्तमान में पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव में हम लोग अपने मूल्यों, संस्कारों और परम्पराओं से भटक रहे हैं। आयोजनों के नाम पर दिखावा और फिजूलखर्ची की जा रही है। सोने चांदी के बढ़ते भावों ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है। ऐसे में जरूरत है कि हम सब मिलकर एक साथ ऐसे निर्णय ले जिससे समाज के परिवारों को राहत और सबल मिल सके।
हरीश जांगिड़ मारुडी ने कहा कि नशे से घर के घर बर्बाद हो रहे है। कुरीतिया समाज को गर्त में ले जा रही हैं। भूरचंद आचू ने कहा कि हमें विचारधाराओं को बदलना होगा। पाश्चात्य संस्कृति को छोड़कर अपनी मूल संस्कृति को अपनाना होगा। समाज में व्याप्त कुरितियों के बोझ के तले परिवार के परिवार घुट रहे हैं। दिखावे की होड़ में परिवार टूट रहे हैं। ऐसे में समय की मांग है कि हम सब मिलकर एक साथ इन पर मंथन करें। सर्वसम्मति के साथ ऐसे निर्णय ले जो समाज और परिवारों के हित में हों, उन्हें सबल और राहत देने वाले हों।
ये भी पढ़ें:पड़ोसी ने रास्ता बंद किया, बुखार में तड़पते मासूम को नहीं ले जा पाए अस्पताल, हुई मौत
जांगिड़ समाज महापंचायत ने ये लिए निर्णय
शादी व सगाई में सोने व चांदी की अधिकतम उपयोग सीमा क्रमशः 2 तोला व 10 तोला रहेगी। साथ ही वर वधु को दिए जाने वाले उपहारों का प्रदर्शन कोई भी पक्ष नहीं करेगा। शादी, सगाई सहित समस्त सामाजिक कार्यक्रमों में किसी भी प्रकार के नशे के उपयोग की पूर्ण पाबंदी रहेगी। प्री वेडिंग शूट, संगीत संध्या व बारात में डीजे बंद रहेगा। महंगे निमंत्रण पत्र, कपड़ों के लेन देन सहित अन्य फिजूलखर्ची पर रोक रहेगी। मृत्यभोज का अभी कोई आयोजन नहीं होगा। मृत्यु के बाद शोक के सभी दिनों व बारहवें के संस्कार में किसी भी प्रकार का मिष्ठान नहीं परोसा जाएगा। इसके साथ शादी, सगाई सहित अन्य समस्त सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन सादगी व मर्यादा पूर्ण तरीके से होंगे।
मातृ शक्ति ने जताई सहमति
आमसभा में समाज की मातृ शक्ति भी मौजूद रहीं। शादी, सगाई सहित समस्त सामाजिक कार्यक्रमों व उत्सवों में परिवार की महिलाओं की महत्ती भूमिका है। ऐसे में आमसभा में समाज की मातृशक्ति भी बड़ी संख्या में मौजूद रहीं और अपनी बात रखी। जांगिड़ महिला मंडल की अध्यक्षा मगी देवी ने कुरीतियों के उन्मूलन पर जोर देते हुए बच्चों की शिक्षा पर जोर दिया। उन्होंने दिखावे और नशे के उपयोग का विरोध करते हुए पूर्ण सादगी और अपनी संस्कृति के अनुरूप उत्सवों के आयोजन की बात कही।
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जांगिड़ पंचायत के मीडिया प्रमुख लव कुमार धीर ने बताया कि वर्तमान में पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव में हम लोग अपने मूल्यों, संस्कारों और परम्पराओं से भटक रहे हैं। आयोजनों के नाम पर दिखावा और फिजूलखर्ची की जा रही है। सोने चांदी के बढ़ते भावों ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है। ऐसे में जरूरत है कि हम सब मिलकर एक साथ ऐसे निर्णय ले जिससे समाज के परिवारों को राहत और सबल मिल सके।
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हरीश जांगिड़ मारुडी ने कहा कि नशे से घर के घर बर्बाद हो रहे है। कुरीतिया समाज को गर्त में ले जा रही हैं। भूरचंद आचू ने कहा कि हमें विचारधाराओं को बदलना होगा। पाश्चात्य संस्कृति को छोड़कर अपनी मूल संस्कृति को अपनाना होगा। समाज में व्याप्त कुरितियों के बोझ के तले परिवार के परिवार घुट रहे हैं। दिखावे की होड़ में परिवार टूट रहे हैं। ऐसे में समय की मांग है कि हम सब मिलकर एक साथ इन पर मंथन करें। सर्वसम्मति के साथ ऐसे निर्णय ले जो समाज और परिवारों के हित में हों, उन्हें सबल और राहत देने वाले हों।
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शादी व सगाई में सोने व चांदी की अधिकतम उपयोग सीमा क्रमशः 2 तोला व 10 तोला रहेगी। साथ ही वर वधु को दिए जाने वाले उपहारों का प्रदर्शन कोई भी पक्ष नहीं करेगा। शादी, सगाई सहित समस्त सामाजिक कार्यक्रमों में किसी भी प्रकार के नशे के उपयोग की पूर्ण पाबंदी रहेगी। प्री वेडिंग शूट, संगीत संध्या व बारात में डीजे बंद रहेगा। महंगे निमंत्रण पत्र, कपड़ों के लेन देन सहित अन्य फिजूलखर्ची पर रोक रहेगी। मृत्यभोज का अभी कोई आयोजन नहीं होगा। मृत्यु के बाद शोक के सभी दिनों व बारहवें के संस्कार में किसी भी प्रकार का मिष्ठान नहीं परोसा जाएगा। इसके साथ शादी, सगाई सहित अन्य समस्त सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन सादगी व मर्यादा पूर्ण तरीके से होंगे।
मातृ शक्ति ने जताई सहमति
आमसभा में समाज की मातृ शक्ति भी मौजूद रहीं। शादी, सगाई सहित समस्त सामाजिक कार्यक्रमों व उत्सवों में परिवार की महिलाओं की महत्ती भूमिका है। ऐसे में आमसभा में समाज की मातृशक्ति भी बड़ी संख्या में मौजूद रहीं और अपनी बात रखी। जांगिड़ महिला मंडल की अध्यक्षा मगी देवी ने कुरीतियों के उन्मूलन पर जोर देते हुए बच्चों की शिक्षा पर जोर दिया। उन्होंने दिखावे और नशे के उपयोग का विरोध करते हुए पूर्ण सादगी और अपनी संस्कृति के अनुरूप उत्सवों के आयोजन की बात कही।