रविवार को बाड़मेर जिले में दर्दनाक घटना सामने आई, जहां 9 साल के मासूम की मौत के बाद परिजन आक्रोश में उसका शव लेकर कलेक्ट्रेट पहुंच गए। सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और परिजनों को समझाइश देकर शव को मोर्चरी भिजवाया। परिजनों का आरोप है कि बुखार से पीड़ित बच्चे को अस्पताल ले जाने के लिए उन्होंने गाड़ी बुलवाई, लेकिन पड़ोसियों द्वारा रास्ता बंद करने के कारण समय पर अस्पताल नहीं पहुंच सके, जिससे बच्चे की मौत हो गई।
गरल गांव निवासी 9 वर्षीय कपिल उर्फ कमलेश पुत्र डूंगराराम को तेज बुखार था। परिजनों ने गाड़ी वाले को फोन कर घर बुलाया लेकिन उनका घर मुख्य सड़क से लगभग 2 किलोमीटर दूर होने और बीच का रास्ता बंद होने की वजह से गाड़ी काफी देर तक नहीं पहुंच सकी। परिजनों का कहना है कि उन्होंने कई बार पड़ोसियों से रास्ता खोलने की गुहार लगाई लेकिन उन्होंने जाली लगाकर रास्ता बंद रखा।
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गाड़ी देर से आने और रास्ता न खुलने पर आखिर परिजनों ने मासूम को गोद में उठाकर पैदल ही सड़क तक लाने का फैसला किया। काफी मशक्कत के बाद वे बच्चे को सड़क तक लाए और अस्पताल पहुंचे लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिजनों का कहना है कि अगर समय पर अस्पताल पहुंच जाते तो शायद बच्चे की जान बच सकती थी।
तहसीलदार हुकमीचंद ने बताया कि परिजनों ने पहले भी पड़ोसियों द्वारा रास्ता बंद किए जाने की शिकायत की थी और प्रशासन ने दो बार रास्ता खुलवाया था लेकिन पड़ोसियों ने फिर से लोहे की जाली लगाकर रास्ता बंद कर दिया। उन्होंने बताया कि पटवारी और आरआई को मौके पर भेज दिया गया है और अगर रास्ता बंद पाया गया तो तत्काल खुलवाया जाएगा। इस कारण से मासूम की मौत के बाद पूरे गांव में रोष और दुख का माहौल है।