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Bharatpur Crime: 10 वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म मामले में पिता-पुत्र दोनों को उम्रकैद, कोर्ट ने जुर्माना भी ठोंका

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भरतपुर Published by: हिमांशु प्रियदर्शी Updated Tue, 18 Nov 2025 09:01 PM IST
सार

Bharatpur Crime: भरतपुर के एक गांव में 2016 में 10 वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म के मामले में विशिष्ट पॉक्सो अदालत ने आरोपी मूलचंद मीणा को आजीवन कारावास और 30 हजार जुर्माना की सजा सुनाई। उसका बेटा साहब सिंह पहले से ही उम्रकैद काट रहा है।
 

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Bharatpur Crime: Father-son sentenced to life imprisonment for raping 10-year-old girl court also imposed fine
पुलिस की गिरफ्त में दुष्कर्म का दोषी मूलचंद - फोटो : अमर उजाला
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भरतपुर में नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म के जघन्य मामले में विशिष्ट पॉक्सो न्यायालय संख्या-2 ने आरोपी मूलचंद मीणा को आजीवन कारावास और 30 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। आरोपी का पुत्र साहब सिंह पहले ही इसी मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा है। न्यायाधीश सचिन गुप्ता की अदालत ने नौ साल पुराने इस मामले में अंतिम फैसला सुनाया।

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2016 में दीपावली के दौरान हुई थी वारदात
जानकारी के मुताबिक, मामला हलेना थाना क्षेत्र के एक गांव का है। सरकारी वकील महाराज सिंह के अनुसार जयपुर निवासी पीड़िता की मां का आरोपी मूलचंद मीणा के परिवार से पुराना परिचय था। वर्ष 2016 में दीपावली के दिनों में मूलचंद ने महिला को फोन कर बच्चों सहित गांव बुलाया। महिला अपनी दो नाबालिग बेटियों के साथ वहां पहुंची और रात में रुकी।
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बच्ची की चीख से खुला पूरा मामला
अगले दिन महिला ने अपनी 10 वर्षीय बेटी की चीख सुनी। जब वह दौड़कर पहुंची तो बच्ची रोते हुए बोली कि मूलचंद का बेटा साहब सिंह ने उसके साथ गलत काम किया है। यह सुनकर महिला तुरंत दोनों बेटियों को लेकर जयपुर लौटने लगी। रास्ते में बड़ी बेटी ने मां को बताया कि ताऊजी यानी मूलचंद पिछले तीन साल से उससे लगातार दुष्कर्म कर रहे हैं।
 
पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने में आई भारी दिक्कत
जयपुर लौटकर महिला सबसे पहले स्थानीय थाने पहुंची, लेकिन पुलिस ने कहा कि अपराध भरतपुर जिले में हुआ है, इसलिए वहां शिकायत करें। इसके बाद वह हलेना थाने गई, लेकिन वहां भी तुरंत FIR दर्ज नहीं हुई। अंत में महिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंची और लिखित शिकायत दी। एसपी के निर्देश पर हलेना पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया और दोनों आरोपियों मूलचंद मीणा तथा साहब सिंह को गिरफ्तार कर लिया।
 
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लंबी सुनवाई के बाद पहले साहब सिंह को उम्रकैद
न्यायालय में लंबी सुनवाई चली। इस दौरान आरोपी पुत्र साहब सिंह को पहले ही आजीवन कारावास की सजा सुना दी गई थी और वह जेल में सजा काट रहा है। पिता मूलचंद मीणा जमानत पर बाहर था और नियमित पेशी दे रहा था। सोमवार को अदालत ने गवाहों के बयान, मेडिकल रिपोर्ट और अन्य सबूतों के आधार पर मूलचंद को भी दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास और 30 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।
 
पीड़ित परिवार को नौ साल बाद मिला न्याय
इस फैसले के बाद पीड़ित परिवार ने राहत की सांस ली। नौ वर्षों के लंबे संघर्ष के बाद दोनों आरोपियों को कठोर सजा मिलने से परिवार को न्याय का भरोसा हुआ है।

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