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Bhilwara: हरिशेवा धाम से गूंजी समरसता की आवाज, एक मंदिर, एक श्मशान, एक पनघट का संकल्प
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भीलवाड़ा
Published by: भीलवाड़ा ब्यूरो
Updated Sat, 12 Jul 2025 03:10 PM IST
सार
Bhilwara: सांसद देवजी भाई पटेल ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के मंत्र के अनुरूप समाज में समरसता और समानता को बढ़ावा देना हम सभी का कर्तव्य है। हरिशेवा धाम जैसी संस्थाएं इस दिशा में अनुकरणीय कार्य कर रही हैं।
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हरिशेवा धाम से गूंजी समरसता की आवाज
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
हरिशेवा उदासीन आश्रम, सनातन मंदिर में शनिवार को सामाजिक समरसता विषय पर एक महत्वपूर्ण संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में सांसद देवजी भाई पटेल, विश्व हिंदू परिषद के क्षेत्रीय और प्रांतीय पदाधिकारीगण तथा स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं की गरिमामयी उपस्थिति रही।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समाज में “एक मंदिर, एक श्मशान, एक पनघट” की भावना को सशक्त बनाना और सामाजिक समरसता का संदेश जन-जन तक पहुंचाना रहा। इस अवसर पर विश्व हिंदू परिषद के सामाजिक संस्था विभाग के पदाधिकारी हरिशेवा धाम पहुंचे और महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन महाराज से आशीर्वाद प्राप्त कर सामाजिक समरसता के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की।
स्वामी हंसराम ने आगंतुकों का शॉल एवं माला पहनाकर पारंपरिक रूप से स्वागत किया और सामाजिक समरसता की दिशा में हो रहे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि समाज में समरसता, एकता और आत्मीयता का भाव अत्यंत आवश्यक है। जाति, धर्म, वर्ग, भाषा आदि से ऊपर उठकर सभी को एक साथ जुड़कर मानवता की सेवा करनी चाहिए। महामंडलेश्वर ने अपने उद्बोधन में यह भी कहा कि सनातन संस्कृति का मूल आधार ही समरसता है, जिसे मजबूत करने के लिए इस प्रकार के आयोजनों की आवश्यकता है।
सांसद देवजी भाई पटेल ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के मंत्र के अनुरूप समाज में समरसता और समानता को बढ़ावा देना हम सभी का कर्तव्य है। हरिशेवा धाम जैसी संस्थाएं इस दिशा में अनुकरणीय कार्य कर रही हैं। उन्होंने आगे कहा कि विहिप जैसी संस्थाएं लगातार देशभर में सामाजिक समरसता के लिए जागरूकता कार्यक्रम चला रही हैं। हर गांव और शहर में यह भावना जगे कि हर व्यक्ति समान है और सभी के अधिकार बराबर हैं।
इस संवाद में विश्व हिंदू परिषद के क्षेत्रीय सामाजिक समरसता प्रमुख राम सिंह ने भी अपने विचार साझा करते हुए कहा, “विहिप सामाजिक संस्था विभाग के माध्यम से हम समाज में भाईचारा, मेल-मिलाप और सौहार्द का वातावरण निर्मित करने हेतु सतत प्रयासरत हैं। हमारा उद्देश्य है कि हर व्यक्ति को यह अहसास हो कि वह समाज का अभिन्न हिस्सा है।”
प्रांत सेवा सामाजिक समरसता प्रमुख विनीत द्विवेदी ने बताया कि “विहिप द्वारा चलाए जा रहे सामाजिक समरसता अभियानों के तहत हम गांव-गांव जाकर लोगों से संवाद स्थापित कर रहे हैं और ‘एक मंदिर, एक श्मशान, एक पनघट’ के संकल्प को धरातल पर उतारने का प्रयास कर रहे हैं।” इस अवसर पर प्रांत धर्माचार्य प्रमुख बाल मुकुंद शर्मा, जिला उपाध्यक्ष भारत गेंगट भी विशेष रूप से उपस्थित रहे।
पढ़ें: चित्तौड़गढ़ में व्यापारी की स्कूटी की डिक्की तोड़कर दो लाख रुपये की नकदी चोरी, पुलिस जांच में जुटी
महानगर सामाजिक संस्था विभाग से कमल राजपुरोहित, पवन गुर्जर, गौरव जीनगर, अमर सिंह एवं प्यारे लाल खोईवाल ने भी अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई। सभी ने संयुक्त रूप से महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम जी से आशीर्वाद प्राप्त किया और उनके मार्गदर्शन में सामाजिक समरसता की दिशा में आगे बढ़ने का संकल्प लिया। आश्रम में उपस्थित सभी आगंतुकों के लिए भजन-संकीर्तन एवं प्रसादी वितरण का भी आयोजन किया गया, जिसमें स्थानीय नागरिकों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। कार्यक्रम के अंत में सभी पदाधिकारियों ने स्वामी हंसराम जी का शॉल एवं माला पहनाकर पुनः सम्मान किया और उनके स्वास्थ्य व दीर्घायु की कामना की।
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कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समाज में “एक मंदिर, एक श्मशान, एक पनघट” की भावना को सशक्त बनाना और सामाजिक समरसता का संदेश जन-जन तक पहुंचाना रहा। इस अवसर पर विश्व हिंदू परिषद के सामाजिक संस्था विभाग के पदाधिकारी हरिशेवा धाम पहुंचे और महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन महाराज से आशीर्वाद प्राप्त कर सामाजिक समरसता के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की।
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स्वामी हंसराम ने आगंतुकों का शॉल एवं माला पहनाकर पारंपरिक रूप से स्वागत किया और सामाजिक समरसता की दिशा में हो रहे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि समाज में समरसता, एकता और आत्मीयता का भाव अत्यंत आवश्यक है। जाति, धर्म, वर्ग, भाषा आदि से ऊपर उठकर सभी को एक साथ जुड़कर मानवता की सेवा करनी चाहिए। महामंडलेश्वर ने अपने उद्बोधन में यह भी कहा कि सनातन संस्कृति का मूल आधार ही समरसता है, जिसे मजबूत करने के लिए इस प्रकार के आयोजनों की आवश्यकता है।
सांसद देवजी भाई पटेल ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के मंत्र के अनुरूप समाज में समरसता और समानता को बढ़ावा देना हम सभी का कर्तव्य है। हरिशेवा धाम जैसी संस्थाएं इस दिशा में अनुकरणीय कार्य कर रही हैं। उन्होंने आगे कहा कि विहिप जैसी संस्थाएं लगातार देशभर में सामाजिक समरसता के लिए जागरूकता कार्यक्रम चला रही हैं। हर गांव और शहर में यह भावना जगे कि हर व्यक्ति समान है और सभी के अधिकार बराबर हैं।
इस संवाद में विश्व हिंदू परिषद के क्षेत्रीय सामाजिक समरसता प्रमुख राम सिंह ने भी अपने विचार साझा करते हुए कहा, “विहिप सामाजिक संस्था विभाग के माध्यम से हम समाज में भाईचारा, मेल-मिलाप और सौहार्द का वातावरण निर्मित करने हेतु सतत प्रयासरत हैं। हमारा उद्देश्य है कि हर व्यक्ति को यह अहसास हो कि वह समाज का अभिन्न हिस्सा है।”
प्रांत सेवा सामाजिक समरसता प्रमुख विनीत द्विवेदी ने बताया कि “विहिप द्वारा चलाए जा रहे सामाजिक समरसता अभियानों के तहत हम गांव-गांव जाकर लोगों से संवाद स्थापित कर रहे हैं और ‘एक मंदिर, एक श्मशान, एक पनघट’ के संकल्प को धरातल पर उतारने का प्रयास कर रहे हैं।” इस अवसर पर प्रांत धर्माचार्य प्रमुख बाल मुकुंद शर्मा, जिला उपाध्यक्ष भारत गेंगट भी विशेष रूप से उपस्थित रहे।
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महानगर सामाजिक संस्था विभाग से कमल राजपुरोहित, पवन गुर्जर, गौरव जीनगर, अमर सिंह एवं प्यारे लाल खोईवाल ने भी अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई। सभी ने संयुक्त रूप से महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम जी से आशीर्वाद प्राप्त किया और उनके मार्गदर्शन में सामाजिक समरसता की दिशा में आगे बढ़ने का संकल्प लिया। आश्रम में उपस्थित सभी आगंतुकों के लिए भजन-संकीर्तन एवं प्रसादी वितरण का भी आयोजन किया गया, जिसमें स्थानीय नागरिकों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। कार्यक्रम के अंत में सभी पदाधिकारियों ने स्वामी हंसराम जी का शॉल एवं माला पहनाकर पुनः सम्मान किया और उनके स्वास्थ्य व दीर्घायु की कामना की।