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Bhilwara: प्रदूषण के खिलाफ फूटा आक्रोश, टायर ऑयल फैक्टरी में दो युवक बॉयलर पर चढ़े; आत्मदाह की धमकी से तनाव

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भीलवाड़ा Published by: हिमांशु प्रियदर्शी Updated Fri, 12 Dec 2025 10:18 PM IST
सार

Bhilwara Protest: भीलवाड़ा के गुवारड़ी में टायर ऑयल फैक्टरी से फैल रहे प्रदूषण के खिलाफ ग्रामीण उग्र हो गए। दो युवक बॉयलर पर चढ़कर आत्मदाह की धमकी देने लगे। ग्रामीणों ने स्वास्थ्य समस्याओं, कार्रवाई की कमी और राजनीतिक संरक्षण का आरोप लगाते हुए फैक्टरी बंद करने की मांग की।
 

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Outrage erupts against pollution, 2 youths climb onto boiler at tire oil factory; gave self-immolation threat
बॉयलर पर चढ़े युवक तथा फैक्टरी के खिलाफ प्रदर्शन करते लोग - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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भीलवाड़ा के चितौड़ रोड स्थित गुवारड़ी नाले के पास टायर जलाकर ऑयल बनाने वाली फैक्टरी के प्रदूषण से परेशान ग्रामीणों का आक्रोश शुक्रवार को फूट पड़ा। लंबे समय से जहरीले धुएं की मार झेल रहे ग्रामीण अचानक तब उग्र हो गए जब गांव के दो युवक फैक्टरी के बॉयलर पर चढ़कर आत्मदाह की धमकी देने लगे।

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प्रशासन की सक्रियता, भीड़ का तनावपूर्ण माहौल
सूचना मिलते ही हमीरगढ़ तहसीलदार, हमीरगढ़ और मंगरोप थानाधिकारी तथा प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने युवाओं को शांत कराने का प्रयास किया। इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण इकट्ठा हो गए, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया।
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फैक्टरी संचालकों पर गंभीर आरोप
ग्रामीणों का आरोप है कि फैक्टरी का जहरीला धुआं उनकी जिंदगी के लिए खतरा बन चुका है। प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों ने फैक्टरी संचालक का पुतला फूंका और उस पर राजनीतिक संरक्षण का आरोप लगाया। ग्रामीणों ने प्रदूषण नियंत्रण मंडल पर भी मिलीभगत कर कमजोर जांच करने का आरोप लगाया।
 
स्वास्थ्य पर भारी पड़ रहा प्रदूषण
ग्रामीणों ने दावा किया कि फैक्टरी से निकलने वाला धुआं बेहद तीक्ष्ण दुर्गंध वाला है, जिससे लगभग 50 प्रतिशत लोग अस्थमा, एलर्जी और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का सामना कर रहे हैं। कई मामलों में कम उम्र में हुई मौतों ने परिवारों को टूटने की कगार पर ला दिया।


 
विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों पर भी असर
फैक्टरी से सटे राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों पर भी प्रदूषण का असर स्पष्ट दिखाई दे रहा है। कई बच्चों को सांस लेने में कठिनाई, एलर्जी और अस्थमा की शिकायतें होने लगी हैं। कुछ बच्चों ने स्वास्थ्य बिगड़ने के कारण स्कूल आना बंद कर दिया है, जिसे ग्रामीण शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन मानते हैं।
 
शिकायतों के बावजूद नहीं हुई कार्रवाई
ग्रामीणों ने बताया कि वे कई बार सीएमओ पोर्टल, पीएमओ पोर्टल, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जिला प्रशासन को शिकायत दर्ज करा चुके हैं, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। उनका आरोप है कि फैक्टरी मालिक की राजनीतिक पहुंच के कारण शिकायतें दबा दी जाती हैं।

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फैक्टरी बंद करने और जांच की मांग
ग्रामीणों ने मांग की है कि फैक्टरी को तुरंत बंद किया जाए, वायु गुणवत्ता की जांच कर रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए और फैक्टरी प्रबंधन व संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। ग्रामीणों ने 15 दिनों में कार्रवाई न होने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी।

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