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Bikaner: पढ़ाई करने रूस गए युवक को जबरन युद्ध में धकेला, सड़ा-गला शव भारत पहुंचा, परिवार ने लगाए गंभीर आरोप

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बीकानेर Published by: प्रिया वर्मा Updated Wed, 17 Dec 2025 10:06 PM IST
सार

पढ़ाई करने के लिए रूस गए युवक को जबरन रूस-यूक्रेन युद्ध में भेज दिया गया, जिसके बाद युवक ने दो वीडियो भेजे जिनमें उसने खुलासा किया था कि उसके साथ ही अन्य युवकों को भी ट्रेनिंग के बहाने रूसी सेना में भर्ती कर युद्ध के मैदान में उतार दिया गया है। आज युवक का शव आने के बाद मामले में कई सवाल खड़े हो गए हैं। 

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Bikaner News: Youth sent to Russia for studies forced into war, decomposed body returns home
जबरन युद्ध में धकेले गए युवक का शव भारत पहुंचा - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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जिले के अर्जुनसर गांव निवासी 22 वर्षीय अजय गोदारा की रूस-यूक्रेन युद्ध में मौत हो गई। धोखे से रूसी सेना में भर्ती कर युद्ध के मोर्चे पर भेजे गए अजय का शव बुधवार को दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचा, जहां से परिजन उसे गांव लेकर आए और अंतिम संस्कार किया गया। परिवार का आरोप है कि शव पूरी तरह सड़ चुका था और इतनी खराब हालत में था कि परिजनों को ठीक से दिखाने तक नहीं दिया गया। मौत कब और कैसे हुई, इसकी भी कोई स्पष्ट जानकारी परिवार को नहीं दी गई।

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परिजनों के अनुसार अजय नवंबर 2024 में मॉस्को में भाषा कोर्स की पढ़ाई के लिए गया था। परिवार से उसकी आखिरी बातचीत 22 सितंबर को हुई थी। इसके बाद अजय ने दो वीडियो भेजे, जिनमें उसने खुलासा किया कि उसे और उसके साथियों को ट्रेनिंग के बहाने रूसी सेना में शामिल कर सीधे युद्ध क्षेत्र में भेज दिया गया।
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पहले वीडियो में अजय ने बताया था कि वह यूक्रेन में है और तीन महीने की ट्रेनिंग के बाद युद्ध लड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है। उसने कहा था कि नौ भारतीय छात्रों को भी इसी तरह ट्रेनिंग दी गई है। मना करने पर रूसी सैनिकों ने धमकाया कि यहां कोई सुनने वाला नहीं है। अजय ने वीडियो में कहा था कि एक बार परिवार से बात कर लो, ये मेरा आखिरी वीडियो हो सकता है। अगर कल से कॉल नहीं आया तो समझ लेना मैं मर गया।

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दूसरे वीडियो में अजय ने बताया कि उन पर हवाई हमले और मिसाइलें दागी गईं। चार लोगों के समूह में एक की मौत हो गई, दो भाग गए और वह रास्ता भटक गया। आठ दिन बाद उसे खोजकर फिर सेना को सौंप दिया गया। उसने बताया कि वह सेलिडोज सिटी में है, जो यूक्रेन का वह हिस्सा है, जिस पर रूस का कब्जा है। वीडियो में उसने कहा था कि उनके साथ धोखा किया गया है।

वीडियो सामने आने के बाद परिवार लगातार अजय को भारत वापस लाने के प्रयास करता रहा। इस दौरान परिजनों ने केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल से भी मुलाकात कर मदद की गुहार लगाई थी।



10 दिसंबर को परिवार को रूस से फोन आया कि अजय की मौत हो गई है और शव भारत भेजा जाएगा। बुधवार सुबह शव दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचा। परिजनों का कहना है कि शव की हालत बेहद खराब थी, चेहरा दिखाकर तुरंत ढंक दिया गया और ठीक से देखने तक नहीं दिया गया। मौत की तारीख और कारण को लेकर भी कोई जानकारी साझा नहीं की गई।

अजय अपने परिवार का इकलौता बेटा था और पढ़ाई के सपनों के साथ रूस गया था लेकिन एजेंटों के धोखे में फंसकर युद्ध का शिकार बन गया। परिवार ने सरकार से मांग की है कि ऐसे फर्जी एजेंटों पर सख्त कार्रवाई की जाए और रूस-यूक्रेन युद्ध में फंसे अन्य भारतीय युवाओं को सुरक्षित भारत लाया जाए।

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