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Bikaner News: ऊंट से बनी नई दवा! सर्पदंश का खौफ अब होगा कम, ग्रामीणों की जिंदगी होगी आसान

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बीकानेर Published by: अमर उजाला ब्यूरो Updated Wed, 17 Dec 2025 12:54 PM IST
सार

राजस्थान के बीकानेर में वैज्ञानिकों ने ऊंट के खून से एंटी-स्नेक वेनम तैयार कर सर्पदंश के इलाज में नई सफलता हासिल की है। यह नई दवा पारंपरिक घोड़े के खून से बने एंटी-वेनम की जगह ले सकती है, जिससे एलर्जी और गंभीर साइड इफेक्ट्स की समस्या कम होगी।

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New Anti-Venom from Camel Blood to Neutralize Snake Venom
(प्रतीकात्मक फोटो) - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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राजस्थान के बीकानेर में वैज्ञानिकों ने सर्पदंश के इलाज में एक बड़ी सफलता हासिल की है। सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज की मल्टी डिसिप्लिनरी रिसर्च यूनिट और एम्स जोधपुर की संयुक्त टीम ने ऊंट के खून से एंटी-स्नेक वेनम तैयार करने में कामयाबी पाई है। यह नई दवा पारंपरिक घोड़े के खून से बने एंटी-वेनम की जगह ले सकती है, जो अक्सर एलर्जी और गंभीर रिएक्शन का कारण बनता है।
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भारत में हर साल लगभग 50 हजार लोग सर्पदंश के कारण अपनी जान गंवाते हैं। इनमें ज्यादातर ग्रामीण इलाके के किसान और खेतों में काम करने वाले मजदूर होते हैं। वर्तमान में उपयोग होने वाला एंटी-वेनम घोड़े के इम्यून सिस्टम से तैयार किया जाता है, लेकिन इससे मरीजों में एलर्जिक रिएक्शन की समस्या आम है। इसी चुनौती को दूर करने के लिए वैज्ञानिकों ने ऊंट के खून पर ध्यान केंद्रित किया।
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शोध टीम के नोडल अधिकारी डॉ. संजय कौचर के अनुसार, ऊंट के शरीर में मौजूद विशेष एंटीबॉडी सांप के जहर को अधिक प्रभावी ढंग से निष्क्रिय कर सकती हैं। इससे साइड इफेक्ट्स की संभावना काफी कम हो जाती है। शोध में नियंत्रित मात्रा में सांप का जहर ऊंट के शरीर में डाला गया, फिर उसके खून से एंटी-वेनम तैयार किया गया। चूहों पर सफल परीक्षण के बाद कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं देखा गया। अब मानव क्लिनिकल ट्रायल की तैयारी की जा रही है।

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यह उपलब्धि खासकर थार डेजर्ट क्षेत्र के लिए वरदान साबित हो सकती है, जहां सॉ-स्केल्ड वाइपर जैसे जहरीले सांप आम हैं। सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज की एमआरयू यूनिट पिछले 15 वर्षो से सर्प विष पर रिसर्च कर रही है और 65 से ज्यादा बीमारियों पर सफल शोध कर चुकी है। वैज्ञानिकों का मानना है कि ऊंट आधारित यह एंटी-वेनम सस्ता, सुरक्षित और आसानी से उपलब्ध हो सकेगा। इससे ग्रामीण भारत में सर्पदंश से होने वाली मौतों को काफी हद तक रोका जा सकेगा। इस सफलता से न केवल हजारों जानें बचेंगी, बल्कि ऊंट पालक किसानों के लिए भी नई आय का जरिया खुल सकेगा।

 

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