PM in Ethiopia: 'भारत-इथियोपिया के रिश्ते अब कूटनीतिक साझेदारी के स्तर पर', इथियोपियाई संसद में बोले पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इथियोपिया दौरे के दूसरे दिन उन्होंने अदीस अबाबा के अदवा विजय स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की और फिर इथियोरिया की संयुक्त संसद को संबोधित किया। पीएम मोदी ने इथियोपिया की प्राचीन सभ्यता और आधुनिक मजबूती की तारीफ की। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री अबी अहमद द्वारा दिए गए निशान-ए-इथियोपिया सम्मान के लिए आभार जताया। आइए जानते है कि पीएम मोदी ने और क्या-क्या कहा?
विस्तार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इथियोपिया दौरे का आज दूसरा दिन है। जहां उन्होंने पहले इथियोपिया के अदीस अबाबा में स्थित अदवा विजय स्मारक पर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद इथियोपिया की संयुक्त संसद के सत्र को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने भारत और इथियोपिया के खास संबंद और मजबूत दोस्ती पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कल मुझे इथियोपिया की तरफ से जो सम्मान मिला- निशान-ए-इथियोपिया उसके लिए मैं प्रधानमंत्री अबी अहमद का आभारी हूं। हम इथियोपिया सरकार और प्रधानमंत्री को शुक्रिया कहते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि इथियोपिया दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से है। यहां इतिहास पहाड़ियों, गांवों और लोगों के दिलों में भी दिखता है। आज इथियोपिया अपने पैरों पर खड़ा है। उन्होंने कहा कि पुराने और नए का संगम यह संतुलन इथियोपिया की असम मजबूती है। यह ऊर्जा हम भारतीयों के लिए काफी परिचित है।
भारत-इथियोपिया का द्विपक्षीय रिश्तों पर बोले पीएम मोदी
इस दौरान उन्होंने भारत और इथियोपिया के मजबूत होते कूटनीतिक रिश्तों पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत की कंपनियों ने इथियोपिया में काफी व्यापार की संभावनाएं देखी हैं। यहां भारतीय कंपनियों ने 5 अरब डॉलर से ज्यादा निवेश किया है और यहां कई लोगों को नौकरियां मुहैया कराई हैं। लेकिन मुझे विश्वास है कि हमारे व्यापारिक रिश्तों में अभी काफी संभावनाएं हैं। पीएम मोदी ने कहा कि हमने फैसला किया है कि हमारे द्विपक्षीय रिश्ते अब कूटनीतिक साझेदारी के स्तर पर ले जाई जाएगी।
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इससे हमारी अर्थव्यवस्थाएं साझा तौर पर बढ़ेंगी। खनन, हरित ऊर्जा से लेकर कई और क्षेत्रों में हम साथ काम करेंगे। इसके अलावा स्वास्थ्य सुरक्षा में भी हम अपने सहयोग को बढ़ाएंगे और खाद्य सुरक्षा के लिए काम करेंगे। हम कृषि क्षेत्र के लिए भी काफी काम कर सकते हैं। हम अपने ज्ञान का इस्तेमाल जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कर सकते हैं।
2000 साल पहले बने थे भारत-इथियोपिया के बीच रास्ते- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने बताया कि करीब 2000 साल पहले भारत और इथियोपिया के बीच समुद्र के रास्ते संपर्क बने थे। उस समय भारतीय महासागर के जरिए व्यापारी मसाले और सोना लेकर आते-जाते थे। लेकिन यह व्यापार सिर्फ सामान तक सीमित नहीं था, बल्कि विचारों और जीवनशैली का भी आदान-प्रदान होता था। उन्होंने कहा कि अदीस अबाबा और धोलावीरा जैसे बंदरगाह सिर्फ व्यापार केंद्र नहीं थे, बल्कि सभ्यताओं को जोड़ने वाले पुल थे।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने यह भी याद दिलाया कि आधुनिक इतिहास में भारत और इथियोपिया के रिश्ते और मजबूत हुए। उन्होंने कहा कि 1941 में इथियोपिया की आजादी के लिए भारतीय सैनिकों ने इथियोपियाई लोगों के साथ मिलकर लड़ाई लड़ी थी।
भारत-इथियोपिया के आर्थिक रिश्तों पर भी बोले पीएम
इसके बाद पीएम मोदी ने दोनों देशों के आर्थिक रिश्तों पर बात की। उन्होंने बताया कि भारतीय कंपनियां इथियोपिया में सबसे बड़े निवेशकों में शामिल हैं। अब तक भारतीय कंपनियां अलग-अलग क्षेत्रों में 5 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश कर चुकी हैं, जिससे 75 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि भारत और इथियोपिया ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को अब रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि इससे दोनों देशों के बीच सहयोग और मजबूत होगा।
भारत-इथियोपिया का एक मंत्र- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने आगे कहा कि सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के मंत्र हमारा नारा है। उन्होंने भारत का राष्ट्रगीत वंदे मातरम और इथियोपिया का राष्ट्रगीत अपने देश का मां के तौर पर जिक्र करता है। यह हमें हमारी संस्कृति, विरासत, राष्ट्रीय सुंदरता और जमीन की सुरक्षा का संदेश देते हैं।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि हजारों भारतीय टीचर इथियोपिया आए हैं, वे बच्चों को एडिस अबाबा से लेकर अलग-अलग शहरों में पढ़ा रहे हैं। वे इथियोपियाई स्कूल आते हैं और इथियोपियाई लोगों के दिलों पर छा जाते हैं। उन्होंने कहा कि आज इथियोपिया के कई अभिभावक भारत के शिक्षकों के बारे में काफी अच्छी बातें करते हैं। जैसे भारत के शिक्षक इथियोपिया आते हैं वैसे ही इथियोपिया के छात्र भी भारत आते हैं और वे आधुनिक इथियोपिया के निर्माण का सपना संजोते हैं।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि वे हमारे पीपल टू पीपल कनेक्ट को बनाने में भी अहम भूमिका निभाते हैं। वे इथियोपियाई खाने से भारत का परिचय कराते हैं। चूंकि हम भारतीय थाली खाना पसंद करते हैं इसलिए इथियोपिया का खाना भी यहां के खाद्य पदार्थों की वजह से हमें अपना लगता है।
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भारत में तकनीक के इस्तेमाल पर क्या बोले पीएम मोदी
इथियोपिया की संसद को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत में हर नागरिक तकनीक का इस्तेमाल भुगतान, पहचान और सरकारी सेवाओं में भी कर सकता है। पूरी दुनिया के रीयल टाइम डिजिटल पेमेंट में आधी हिस्सेदारी भारत में ही है। हमने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर का भी लाभ लोगों को दिया है, जिससे लोगों को बिना किसी भ्रष्टाचार के सीधे उनके खातों में राशि मिलती है। हम अपनी विशेषज्ञता और अनुभवों को अब इथियोपिया के साथ साझा करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि हम खुश हैं कि आपने अपने विदेश मंत्रालय के लिए डाटा सेंटर बनाने के लिए भारत को अपने विश्वसनीय साथी के तौर पर चुना है।
वसुधैव कुटुम्बकम पर पीएम मोदी का जोर
अदीस अबाबा हो या अयोध्या। भारत में हम कहते हैं वसुधैव कुटुम्बकम। यह कहता है कि राजनीति, सीमा, कई मतभेदों के बाद भी हम साथ खड़े हैं तो हमारे भाग्य भी साझा हैं। भारत और इथियोपिया जलवायु में गर्म हैं तो रिश्तों में भी एक गर्मी साझा करते हैं।
इसससे पहले पीएम मोदी ने इथियोपिया के अदीस अबाबा में स्थित अदवा विजय स्मारक पर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। यह स्मारक 1896 में अदवा की लड़ाई में इथियोपियाई सेना की वीरता और स्वतंत्रता की जीत की याद दिलाता है। प्रधानमंत्री मोदी ने स्मारक पर फूलमाला चढ़ाकर देशवासियों और इथियोपियाई लोगों को स्वतंत्रता और वीरता का सम्मान व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भारत और इथियोपिया के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रिश्ते हैं, और इस अवसर पर इन रिश्तों को और मजबूत करने का संदेश भी दिया।
पीएम मोदी ने इथियोपिया के पीएम के साथ किया बैनक्वेट डिनर
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबिय अहमद अली के साथ बैनक्वेट डिनर किया। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर किए पोस्ट में इसे बहुत ही भावपूर्ण पल बताया, खासकर तब जब हम वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं। इस दौरान गीत बजने पर मोदी ने हाथ हिलाकर सभी का अभिवादन भी किया। इस मौके को पीएम मोदी ने भारत और इथियोपिया के सांस्कृतिक संबंधों और भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक बताया।