Dausa News: श्मशान भूमि विवाद को लेकर शव रखकर कलेक्ट्रेट के बाहर ग्रामीणों का प्रदर्शन, 4 थानों की पुलिस तैनात
Dausa News: समाज के प्रतिनिधि रामजीलाल योगी ने बताया कि सिकराय एसडीएम, तहसीलदार और पटवारी अपने पद का दुरुपयोग कर योगी समाज की श्मशान भूमि को छीनकर अन्य लोगों को देने का प्रयास कर रहे हैं। जानें पूरा मामला...।

विस्तार
दौसा जिले के सिकराय उपखंड के रामेड़ा गांव में श्मशान भूमि विवाद ने मंगलवार को बड़ा रूप ले लिया। नाराज ग्रामीण मृतका का शव कार में रखकर कलेक्ट्रेट के मुख्य द्वार पर पहुंच गए और प्रशासन के खिलाफ जमकर विरोध दर्ज कराया। शव लेकर पहुंचे ग्रामीणों की सूचना मिलते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया और कलेक्ट्रेट परिसर को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया।

विवादित भूमि पर नहीं करने दिया अंतिम संस्कार
जानकारी के अनुसार रामेड़ा गांव निवासी लोहड़ी देवी का निधन होने के बाद ग्रामीण उन्हें परंपरागत श्मशान भूमि पर समाधि देने पहुंचे। लेकिन भूमि पर विवाद के चलते उन्हें अंतिम संस्कार की अनुमति नहीं दी गई। इससे नाराज ग्रामीण शव को कार में रखकर सीधे जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे और प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया।
कलेक्ट्रेट के बाहर तैनात हुई भारी पुलिस
ग्रामीणों के पहुंचते ही कोतवाली थानाधिकारी सुधीर उपाध्याय और सदर थानाधिकारी रविंद्र चौधरी मौके पर पहुंच गए। हालात बिगड़ने की आशंका को देखते हुए कलेक्ट्रेट के बाहर चार थानों की पुलिस को तैनात कर दिया गया। पुलिस ने शव वाली कार को घेरकर निगरानी की। इसके बाद मानपुर डीएसपी दीपक मीणा और उपखंड अधिकारी डॉ. नवनीत कुमार को भी मौके पर बुलाया गया।
समाज ने प्रशासन पर लगाया जमीन छीनने का आरोप
समाज के प्रतिनिधि रामजीलाल योगी ने बताया कि सिकराय एसडीएम, तहसीलदार और पटवारी अपने पद का दुरुपयोग कर योगी समाज की श्मशान भूमि को छीनकर अन्य लोगों को देने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन लगातार दबाव बनाकर नोटिस जारी कर इस भूमि को खाली कराने की कोशिश कर रहा है।
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ग्रामीणों का कहना है कि यह उनकी परंपरागत श्मशान भूमि है, जहां वर्षों से समाधि स्वरूप अंतिम संस्कार होते आ रहे हैं। समाज में मृतक का न तो दाह संस्कार होता है और न ही दफनाया जाता है, बल्कि शव को समाधि मुद्रा में बैठाकर वहीं समाधि दी जाती है। ग्रामीणों ने सवाल उठाया कि यदि यह भूमि छीन ली गई तो आगे वे अपने मृतकों का संस्कार कहां करेंगे।
ज्ञापन सौंपने के बाद शव वापस ले गए ग्रामीण
प्रदर्शन के दौरान समाज के पांच प्रतिनिधियों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। इसमें श्मशान भूमि को समाज की परंपरागत जगह बताते हुए किसी भी प्रकार से अन्य लोगों को आवंटित नहीं करने की मांग की गई। लंबी समझाइश और आश्वासन के बाद ग्रामीण शव को वापस गांव ले गए।
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