Hanumangarh: नाबार्ड से पांच करोड़ का ऋण दिलवाने का झांसा देकर ठगी, 11.50 लाख रुपये ऐंठे; मामला हुआ दर्ज
नाबार्ड से पांच करोड़ रुपए का ऋण दिलवाने का झांसा देकर एक मेडिकल एजेंसी के संचालक ने 11.50 लाख रुपए की धोखाधड़ी की। इस मामले में टाउन पुलिस थाना में मेडिकल एजेंसी के संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

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दुग्ध डेयरी, दाल मिल और खेती से जुड़े अन्य उत्पादों के व्यवसाय के लिए नाबार्ड से पांच करोड़ रुपए का ऋण दिलवाने का झांसा देकर एक मेडिकल एजेंसी के संचालक ने 11.50 लाख रुपए की धोखाधड़ी की। इस मामले में टाउन पुलिस थाना में मेडिकल एजेंसी के संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

पुलिस के मुताबिक, महेन्द्र कुमार (47) पुत्र साहबराम जाट, निवासी खोथांवाली पीएस गोलूवाला ने शिकायत दर्ज करवाई है कि अगस्त-सितम्बर 2020 के दौरान अजयपाल श्रीवास्तव, जो हनुमानगढ़ टाउन में शांति नर्सिंग होम और मारुति नन्दन मेडिकल एजेंसी संचालित करता है, ने उसे और राकेश खोथ को नाबार्ड से ऋण दिलवाने का प्रस्ताव दिया। अजयपाल ने दावा किया कि वह किसानों को दुग्ध डेयरी, दाल मिल और अन्य कृषि उत्पादों के व्यवसाय के लिए ऋण दिलवाता है और इसमें 50 प्रतिशत तक सब्सिडी मिलती है।
अजयपाल ने महेन्द्र को 5 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट दिलवाने का वादा किया और इसके लिए करीब 12 लाख रुपए की राशि बताई। उसने यह भी कहा कि यह राशि नाबार्ड के कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए कमीशन के रूप में दी जाएगी। महेन्द्र कुमार ने अजयपाल की बातों में आकर 30 सितंबर 2020 को 10 लाख रुपए का चेक दिया, इसके बाद अजयपाल ने महेन्द्र से कुछ दस्तावेज भी साइन करवा लिए।
कुछ दिन बाद अजयपाल ने महेन्द्र को सूचित किया कि प्रोजेक्ट की प्रक्रिया चल रही है और बकाया राशि के रूप में 1.50 लाख रुपए का एक और चेक 23 नवंबर 2020 को लिया। हालांकि, बाद में अजयपाल ने टाल-मटोल करते हुए यह कहा कि तकनीकी समस्या के कारण चेक खाता में ट्रांसफर नहीं हो सका और दीपावली से पहले राशि जमा हो जाएगी। लेकिन दीपावली के बाद जब महेन्द्र ने फिर से संपर्क किया, तो अजयपाल ने पैसा लौटाने से इंकार कर दिया। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और आरोप है कि अजयपाल ने इस प्रकार से कई अन्य लोगों से भी धोखाधड़ी की है। एएसआई सत्यनारायण इस मामले की जांच कर रहे है।