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Rajasthan Tiger News: रामगढ़ विषधारी तक का सफर; पेंच की बाघिन PN-224 कैसे बदलेगी राजस्थान के बाघों का भविष्य

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जयपुर Published by: सौरभ भट्ट Updated Mon, 22 Dec 2025 04:08 PM IST
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सार

Tiger Breaking News:पेंच टाइगर रिजर्व से लाई गई बाघिन रामगढ़ विषधारी में अनुकूलन चरण में है। सब ठीक रहा तो एक सप्ताह में उसे खुले जंगल में छोड़ा जाएगा।

Breaking News: Pench Tigress Reaches Ramgarh Vishdhari, Release into Wild Likely Soon
फोटो - फोटो : ANI
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विस्तार
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Tiger Breaking News:राजस्थान ने बाघ संरक्षण के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए पहली बार अंतर-राज्यीय हवाई ट्रांसलोकेशन के जरिए बाघिन को राज्य में लाया है। मध्य प्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व से लाई गई तीन वर्षीय बाघिन PN-224 को रविवार देर रात MI-17 हेलिकॉप्टर से जयपुर लाया गया, जिसके बाद सोमवार सुबह बूंदी जिले के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व (RVTR) में बने एक विशेष अनुकूलन बाड़े में छोड़ा गया।

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बाघिन सोमवार सुबह करीब 6:30 बजे एक हेक्टेयर में फैले बजालिया एन्क्लोजर में रखी गई। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार बाघिन नए वातावरण में अच्छी तरह ढल रही है और सामान्य व्यवहार कर रही है। रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के उप वन संरक्षक अरुण कुमार डी ने बताया कि बाघिन पूरी तरह स्वस्थ है और आत्मविश्वास के साथ बाड़े में घूम रही है। यदि सब कुछ सामान्य रहा तो लगभग एक सप्ताह बाद उसे खुले जंगल में छोड़ दिया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि यह अनुकूलन अवधि बेहद अहम होती है, जिससे बाघिन स्थानीय जलवायु, भू-आकृति और शिकार उपलब्धता के अनुसार खुद को ढाल सके। इस दौरान उसकी गतिविधियों, खान-पान और स्वास्थ्य पर चौबीसों घंटे निगरानी रखी जा रही है।

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यह ट्रांसलोकेशन राजस्थान की उस दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य रामगढ़ विषधारी और मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या बढ़ाना और जेनेटिक विविधता को मजबूत करना है। रणथंभौर के निकट स्थित रामगढ़ विषधारी को राज्य के महत्वपूर्ण टाइगर कॉरिडोर के रूप में देखा जा रहा है।

बाघिन की निगरानी के लिए AI आधारित कैमरा ट्रैप और मोशन सेंसर तकनीक का उपयोग किया गया। करीब 50 कैमरे लगाए गए हैं ताकि किसी भी जोखिम को कम किया जा सके। वर्तमान में रामगढ़ विषधारी में सात और मुकुंदरा हिल्स में पांच बाघ मौजूद हैं। वन राज्यमंत्री संजय शर्मा ने इस पहल के लिए मध्य प्रदेश सरकार का आभार जताते हुए कहा कि यह कदम राजस्थान की वन्यजीव विरासत को मजबूत करेगा। अधिकारियों के अनुसार यह राज्य में पहली बार है जब बाहर से बाघ लाकर जेनेटिक इनब्रीडिंग को रोकने की दिशा में ठोस प्रयास किया गया है।




 

 




 
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